Class 6, Lesson 11: न्यायी

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न्यायी यहोशू की प्रतिभाशाली अगुवाई से इस्राएल ने प्रतिज्ञात देश में प्रवेश किया। कनान में जो यह नई पीढ़ी बसी थी वह अपने मूर्तिपूजक पड़ोसियों के सहज जीवन में घुलमिल गई थी। प्रभु ने उन्हें आज्ञा दी थी कि वे कनानियों को नाश करें या उन्हें निकाल बाहर करें। उन्होंने उसकी आज्ञा का पालन नहीं किया। जो कनानी उनके मध्य रह गए थे उन्होंने बुरा प्रभाव डाला और परमेश्वर के लोग धर्म त्याग में पड़े। न्यायियों की पुस्तक में सात बार यह उल्लेख है कि "उन्होंने वह किया जो परमेश्वर की दृष्टि में बुरा था।" तथापि, जब कभी उन्होंने पश्चाताप किया और परमेश्वर को पुकारा, उसने उनके मध्य न्यायियों को खड़ा किया कि वे युद्ध के समय एवं शांति के समय उनकी अगुवाई करें। उन्हें 'छुटकारा देने वाले' भी कहा गया (न्यायि. 3:9,15)। ये न्यायी यीशु मसीह को दर्शाते हैं, जो कि छुटकारा देने आया। वह हमारे विश्वास का रक्षक है, और शीघ्र ही हमारे न्यायकर्ता के रूप में आएगा। 1. ओत्नीएल (न्यायियों 3:9) इस नाम का अर्थ 'परमेश्वर का सिहं' है। इस प्रथम न्यायी, ओत्नीएल ने इस्त्राएल को मेसोपोटामिया वासियों से बचाया। वह कालेब के छोटे भाई, कनजी का पुत्र था। इस्राएलियों ने बाल तथा अश्तारोत (उपज की देवी-देवता) की उपासना की थी, और परमेश्वर को त्याग दिया था। इसलिए परमेश्वर ने उन्हें मेसोपोटामिया के राजा कूशन - रिशातैम के अधीन कर दिया और उन्होंने आठ वर्षों तक उसकी सेवा की। फिर भी जब उन्होंने प्रभु को पुकारा तो प्रभु का आत्मा ओत्नीएल पर उतरा जिसने मेसोपोतामिया वासियों पर विजय प्राप्त की। उसकी मृत्यु तक, चालीस वर्ष देश में शांति रही। 2. एहूद (न्यायियों 3:15) इस्राएल की प्रजा ने फिर यहोवा की दृष्टि में बुरा किया। अतः उसने उन्हें मोआब के राजा एग्लोन के अधीन कर दिया। उन्होंने 18 वर्ष उसकी सेवा की। गेरा का पुत्र एहूद नामक एक बिन्यामीनी जो बैहत्था था उन्हें मोआबियों के हाथ से छुड़ाने का उपाय बना। एहूद ने अपने लिए एक दोधारी तलवार बनाया, राजा को उसकी बात सुनने के लिए छला कि उसके पास एग्लोन के लिए एक गुप्त संदेश है, और तब उस मोटे राजा के पेट में उस तलवार को भोंक दिया। तब उसने मोआबियों से लड़ाई में इस्राएलियों की अगुवाई की और उन्हें पूरी रीति से मिटा डाला और 80 वर्ष तक देश में शांति रही। 3. शमगर (न्यायियों 3:31) शमगर ने इस्त्राएलियों को पलिस्तीनीयों के हाथ से छुड़ाया। एक बार तो उसने एक बैल के पैने से छः सौ पलिस्तिनीयों को मार डाला। 4. दबोरा (न्यायियों 4 और 5) दबोरा नाम का अर्थ 'मधुमक्खी का छत्ता' है। चैथी न्यायी, दबोरा नबिया को यहोवा ने एक न्यायी के रूप में खड़ा किया कि इस्त्राएल को कनान के राजा याबीन और उसके सेनापति से छुड़ाए। यह वास्तव में ध्यान देने योग्य बात है कि एक स्त्री को प्रजा का सम्मान प्राप्त था क्योंकि साधारणतः उनके समाज में स्त्रियाँ का कोई स्थान नहीं होता था। उसने बाराक (जिसके नाम का अर्थ है 'बिजली') को आज्ञा दी कि सीसेरा के विरूद्ध इस्त्राएल के सेनापति का पद ले। जब उसने आग्रह किया जो वह उसके साथ चलने के लिए तैयार हो गई। कनानी पराजित हुए और एक अन्य स्त्री याएल द्वारा घात किया गया, जिसके तम्बू में शरण लेने के लिए सिसेरा पैदल भागकर गया था। उसने उसे शरण तो दी परंतु जब वह सो रहा था तो तम्बू की एक खूंटी से उसे मार डाला। अध्याय 5 एक गीत है जो कि दबोरा द्वारा रचा माना जाता है। विषय-वस्तु उनके दमनकारियों का निर्णय तथा उस परमेश्वर की स्तुति है जिसने उन्हें उनकी दुर्दशा से निकाला।

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