Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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यीशु और उसके चेले यरीहो में थे और एक बड़ी भीड़ उसके पीछे चल रही थी? तिमाई का पुत्र बरतिमाई जो अंधा था उस समय सड़के के किनारे बैठा था जब यीशु वहाँ से जा रहा था। जब उसने सुना कि नासरी यीशु वहाँ से जा रहा है, वह जोर-जोर से पुकारने लगा,‘‘हे दाऊद की संतान यीशु मुझ पर दया कर।’’ ‘‘चुप रहो।’’ कुछ लोगों ने उसे डाँटा। परंतु जितना अधिक वे उसे रोकने की कोशिश करते थे, वह और जोर से चिल्लाता था। जब यीशु ने उसे सुना तो वह रूक गया और कहा, ‘‘उसे बुलाओ।’’ इसलिये लोगों ने उस अंधे व्यक्ति को बुलाया। ‘‘ढाढ़स बांध, ‘‘उन्होंने कहा, ‘‘वह तुझे बुलाता है!’’ बरतियाई अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा, और यीशु के पास आया। ‘‘तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूँ?’’ ‘‘हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूँ।’’ और यीशु ने उससे कहा, ‘‘चला जा, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया है।’’ और तुरंत ही वह अंधा व्यक्ति देखने लगा। और मार्ग में यीशु के पीछे हो लिया।जो पापी आत्मिक रीति से अंधे हो चुके हैं, उन्हें यीशु के पास दौड़कर जाना चाहिये ताकि वे देखने लगें। ऐसी कई बातें है जो हमें यीशु के पास जाने से रोकती हैं जैसे बरतिमाई का कपड़ा जिसे वह लपेटा हुआ था। उसने उस कपड़े को निकालकर फेंक दिया और यीशु की ओर दौड़ा और यह तरकीब बेकार नहीं गई। परमेश्वर ने उसकी आंखों को खोल दिया।एक बार जब हमारी आखें खुल जाती हैं, तब हमें यीशु के पीछे चलना चाहिये। 10. जन्म स अंधा व्यक्ति यूहन्ना 9:1-7 यीशु मंदिर में सिखा रहा था। वहाँ उसका सामना यहूदी अगुवों से हुआ। उसके शब्दों से वे इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने उसे मारने के लिये पत्थर भी उठाया। तब यीशु मंदिर छोड़कर चला गया। जब वह जा रहा था तो उसने एक व्यक्ति को देखा जो जन्म से अंधा था। उस जवान अंधे व्यक्ति को देखकर यीशु के चेलों ने यीशु से पूछा कि यह अंधापन किसके पाप के कारण आया था उसके अपने पापों के कारण या उसके माता-पिता के कारण। चेलों ने यह प्रश्न इसलिये पूछा क्योंकि वे सोचते थे कि सभी क्लेश किसी पाप के कारण होते थे। ‘‘नहीं’’ यीशु ने कहा, ‘‘यह न इसके और न इसके माता-पिता के पापों के कारण है।’’ यह इसलिये जन्म से अंधा पैदा हुआ है कि परमेश्वर की सामर्थ उसमें प्रगट हो।’’ यूहन्ना 9:4। तब उसने मिट्टी मे थूका, उसे गीली किया और अंधे व्यक्ति की आखों पर पर लगा दिया।उसने उससे कहा, ‘‘जा शीलोह7 के कुंड में धो ले।’’ (‘शीलोह’ का अर्थ है, भेजा हुआ)।तब वह व्यक्ति गया और धोया और देखते हुए लौटा! यहाँ यीशु के द्वारा एक अंधे को दृष्टि देने का एक और उदाहरण है। बल्कि वह इस कार्य को अनोखे रूप से करता है। उस अंधे व्यक्ति को आखों में मिट्टी लगाए काफी दूर तक जाना पड़ा था अर्थात शीलोह के कुण्ड तक जाना था। उसने ऐसा ही किया और उसे उसके विश्वास का प्रतिफल मिला। 7 शीलोह टायरोपियन घाटी के दक्षिणी छोर पर यरूशलेम की शहरपनाह के भीतर एक जलकुंड है। हिजिकिय्याह ने उसे बनाया और नालियाँ भी बनाया जिससे शहर में पानी लाया गया (2 राजा 20:20)। हिजिकिय्याह ने पानी के गिहोन के उपरी भाग को बंद कर दिया और पानी को दाऊद के नगर के पश्चिमी ओर मोड़ दिया (2 इतिहास 32:30) यीशु के चमत्कार उसके शब्दों को न्यायसंगत ठहराते हैं। ‘‘जगत की ज्योति मैं हूँ जो मेरे पीछे हो लेगा वह अंधकार में न चलेगा, परंतु जीवन की ज्योति पाएगा।’’ (यूहन्ना 8:12)। यीशु मसीह, ‘‘जगत की ज्योति’’, पापी को आत्मिक दृष्टि प्रदान कर सकती है जो आत्मिक रीति से अंधे हैं। जो व्यक्ति जन्म से अंधा था उसने गवाही दिया, ‘‘मैं अंधा था और अब देखता हूँ।’’ क्या आप भी इसी अनुग्रह को, उद्धारकर्ता के पास जाकर प्राप्त करना चाहेंगे जो ‘‘जीवन की ज्योति’’ है?
जन्म के अंधे को दी आंखे, रोगी लिये बचाए, पाप क्षमा किए सब पापीन के मुर्दे दिये जिलाए, पापी हृदय हम भी लाये धो दो तारणहार। तेरे सन्मुख शीश नवाते है जग के करतार, डूबे हुओं को दे दो सहारा कर दो बेड़ा पार।