Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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एक सब्त के दिन यीशु मसीह आराधनालय में सिखा रहा था। वहाँ उसने एक स्त्री को देखा जो दुष्टात्मा द्वारा दुर्बल की गई थी। वह कुबड़ी हो गई थी और सीधी खड़ी नहीं हो सकती थी। उसने उसे बुलाकर कहा, ‘‘हे नारी तू अपनी दुर्बलता से छूट गई।’’ फिर उसने उसे छुआ और वह तुरंत सीधी खड़ी हो गई। आनंद से भरकर उसने परमेश्वर की स्तुति की। लेकिन आराधनालय का सरदार चिढ़ गया क्योंकि उसने उसे सब्त के दिन चंगी किया था।‘‘छः दिन हैं जिनमें काम करना चाहिये,’’ उसने भीड़ से कहा। ‘‘उन ही दिनों में आकर चंगे हो, परंतु सब्त के दिन में नहीं।’’ प्रभु ने उसे उत्तर दिया, ‘‘हे कपटियो, क्या सब्त के दिन तुम में से हर एक अपने बैल या गदहे को थान से खोलकर पानी पिलाने नहीं ले जाता? तो क्या उचित न था कि यह स्त्री जो अब्राहम की बेटी है जिसे शैतान ने 19 वर्ष से बांध रखा था, सब्त के दिन इस बंधन से छुड़ाई जाती जिसे शैतान ने 18 वर्षों से बांध रखा था?’’ उसके इन शब्दों से उसके विरोधी लज्जित हो गए। लोगों ने उसके द्वारा किये गये अद्भुत कार्यों के लिये आनंद मनाया। उस स्त्री की शारीरिक अपंगता ने उसे आराधनालय में परमेश्वर की आराधना करने से नहीं रोक सकी। उस दिन यदि वह घर पर ही रह जाती तो चंगी न हो पाती। विश्वासी लोग काफी आशीषों को खो देते हैं जब वे कम महत्वपूर्ण कारणों से संगति से चूक जाते हैं, इस स्त्री की समस्या के कारण से भी कम कारणों से। 6. कोढ़ी को चंगा करना पढें मरकुस 1:40-45 (लूका 5:12-14 भी देखें)। सामान्यतः कोढ़ियों को अछूत माना जाता था। लोग उनसे किसी भी प्रकार का संबंध रखने से डरते थे। यहूदी समाज में भी वे हमेशा अलग-थलग ही रहते थे। इस संसार में उसकी सेवकाई के दौरान हमारे प्रभु ने ऐसे कई लोगों को चंगा किया जो इस भयानक बीमारी से ग्रसित थे। एक बार एक कोढ़ी यीशु के चरणों के पास घुटने पर बैठा और बोला, ‘‘यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।’’ तरस से भरकर यीशु ने उस व्यक्ति को छुआ। ‘‘मैं चाहता हूँ तू शुद्ध हो जा।’’ उसने कहा, ‘‘शुद्ध हो जा।’’ तुरंत ही उसका कोढ़ दूर हो गया,वह चंगा हो गया। तब यीशु ने उससे कहा कि जो कुछ हुआ था वह किसी से न कहे। उसने कहा, ‘‘परंतु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने ठहराया है, उसे भेंट चढ़ा कि उन पर गवाही है। इसके विपरीत वह गया और खुली तौर पर उसकी चंगाई के विषय बताने लगा। परिणामस्वरूप, यीशु किसी भी नगर में खुली तौर पर प्रवेश नहीं कर सका, परंतु नगर के बाहर सुनसान स्थानों में रूका करता था। तब भी लोग उसके पास हर जगह से आते थे।कोढ़ पाप को दर्शाता है। सारी मानवजाति पाप से बीमार हैं, और उन्हें केवल यीशु मसीह ही चंगा कर सकता है। क्योंकि वही महान वैद्य है।परमेश्वर का पुत्र यीशु मसीह हमें सब पापों से शुद्ध करता है। (1 यूहन्ना 1:7)। 7. लकवाग्रिसत व्यक्ति मत्ती 9:2-7 (मरकुस 2:3-12; लूका 5:18-26)। यीशु गलील के कफरनहूम नगर में आया, और यह चर्चा फैल गई कि वह एक घर में था।जल्द ही वह घर इतना भर गया कि वहाँ जगह नहीं बची थी यहाँ तक कि दरवाजे के बाहर भी। चार लोग एक लकवाग्रस्त व्यक्ति को चारपाई पर डालकर लाए। भीड़ होने के कारण वे उसे यीशु के पास नहीं ला सके, इसलिये उन्होंने छत खोल दिया। फिर उन्होंने खाट सहित उस व्यक्ति को, ठीक यीशु के सामने नीचे उतारा। उनके विश्वास को देखकर यीशु ने लकवे के व्यक्ति से कहा, ‘‘हे पुत्र, ढाढ़स बांध तेरे पाप क्षमा हुए।’’ परंतु कुछ शास्त्रियों ने जो वहाँ बैठे थे अपने मन में बोले, ‘‘क्या? यह तो परमेश्वर की निंदा है! क्योंकि कोई और नहीं परंतु केवल परमेश्वर ही पापों को क्षमा करता है।’’ यीशु जानता था कि वे आपस में क्या चर्चा कर रहे थे, इसलिये उसने उनको कहा, ‘‘तुम लोग अपने-अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो? सहज क्या है? यह कहना, ‘‘तेरे पाप क्षमा हुए’’ या यह कहना ‘उठ और चल फिर?’ परंतु इसलिये कि तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है...।’’ उसने लकवे के रोगी से कहा, ‘‘उठ अपनी खाट उठा, और अपने घर चले जा।’’ वह मनुष्य उठ गया, खाट लिया और निकल कर बाहर चला और लोग उसे चकित होकर देखने लगे। इस बात से लोग अचंभित हुए और परमेश्वर की सराहना किये। ‘‘हमने पहले ऐसा कभी नहीं देखा’’, उन्होंने आश्चर्य से कहा।यदि प्रभु किसी घर में जाए तो इस विषय सब लोग जान जाते थे। हमारा अपना जीवन भी प्रभु के लिये शांत गवाही होना चाहिये जो हममें और हमारे जीवन में रहता है। हम यह भी जानते हैं कि मनुष्य की पहली और महान आवश्यकता पापों की क्षमा है। मसीह पर विश्वास करने के द्वारा पापों की क्षमा के साथ जीवन उसके साथ जीवन के नये पन में चलना होता है।
मेरा सारा बोझ उठाया मुझे चंगा कर दिया पाँवों को मेरे स्थिर किया है, जब अकेला था भटकता तो सब ने छोड़ दिया यीशु प्यारा मेरा मित्र बन गया। कोः- उसके दुःख से मुझको शांति और आनंद मिलता है उसका क्रूस मुझको चंगा करता हैं, वह शारोन का गुलाब है वह भोर का तारा है लाखों में वह मेरा एक ही प्रिय है।