Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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इस्त्राएली लोग रपीदीम से यात्रा करके सीनै पर पहुँचे। वहाँ उन्होंने पर्वत के सामने डेरा किया।फिर मूसा उपर प्रभु के पास गया और परमेश्वर ने पर्वत में होकर उससे बात किया। परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह लोगों से कहे, ‘‘तुमने देखा है कि मैंने मिस्त्रियों से क्या-क्या किया,तुमको मानो उकाब पक्षी के पंखों पर चढ़ाकर अपने पास ले आया हूँ। इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगो, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है। और तुम मेरी दृष्टि में याजकों का राज्य और पवित्र जाति ठहरोगे।’’ जब मूसा ने ये बातें लोगों को बताया तो उन्होंने एक साथ मिलकर कहा, ‘‘जो कुछ यहोवा ने कहा है वह सब हम नित करेंगे।’’ तब परमेश्वर ने लोगों को 3 दिन में पवित्र होने और तैयार होने की आज्ञा दिया। तीसरे दिन परमेश्वर आग में होकर सीनै पर्वत पर उतरा। उस समय बादल गरजने और बिजली चमकने लगी, और नरसिंगे का शब्द हुआ। सीनै पर्वत काले बादल से ढँक गया। फिर परमेश्वर ने उसे दस आज्ञाएँ दिया।परमेश्वर ने कहा, ‘‘मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुझे दासत्व के घर अर्थात मिस्त्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना। तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना। तू उनको दंडवत न करना और न उनकी उपासना करना। तू अपने परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना। तू विश्राम दिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना।तू अपने पिता और अपनी माता का आदर करना। तू हत्या न करना। तू व्यभिचार न करना। तू चोरी न करना। तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना। तू किसी भी चीज की लालच न करना जो तेरे पड़ोसी का हो।’’ (तालिका ‘‘दस आज्ञाएँ’’ को देखें)। इनके अलावा परमेश्वर ने और भी कई आज्ञाएँ दिया। परमेश्वर ने मूसा को पत्थर की पटियों पर परमेश्वर के उंगलियों द्वारा लिखी गवाहियों की दो पटियाएँ दिया। मूसा पर्वत पर चालीस दिन और चालीस रात रहा।हमारे प्रभु यीशु ने दस आज्ञाओं को दो भागों में विभाजित किया, एक भाग जो परमेश्वर के प्रेम को दिखाता है और दूसरा एक दूसरे के साथ प्रेम को दिखाता है (मत्ती 22:37-40)। दस आज्ञाओं में से सब्त के अलावा सभी आज्ञाएँ नये नियम में दोहराई गई हैं। प्रभु ने स्वयँ कहा, ‘‘मूसा ने व्यवस्था में यह कहा,’’ परंतु उसने उन कथनों के आगे यह जोड़ दिया ‘‘परंतु मैं तुमसे कहता हूँ’’ जो इन सिद्धांतों को गहरा अर्थ प्रदान करता है। हम ‘‘व्यवस्थारहित’’नहीं है, परंतु हम ‘‘स्वतंत्रता के राजव्यवस्था के अधीन हैं’’ (याकूब 2:8)। आज हम आज्ञाओं का पालन जीवन शैली के रूप में नहीं करते, जैसे पुराने नियम के इस्त्राएली करते थे। हम उन्हें इसलिये मानते हैं क्योंकि हम हमारे स्वामी की आज्ञा का पालन करते हैं। आज हमारी आज्ञा पालन स्वेच्छा से है। दस आज्ञाएं: 1. मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, तू मुझे छोड़ किसी और को ईश्वर करके न मानना। 2. तू अपने लिये कोई मूर्ति न बनाना। तू उनको दंडवत न करना और न उनकी उपासना करना। 3. तू अपने प्रभु परमेश्वर का नाम व्यर्थ न लेना। 4. तू विश्राम दिन (सब्त) को मानने के लिये स्मरण रखना। 5. अपने पिता और माता का आदर करना। 6. तू हत्या न करना। 7. तू व्यभिचार न करना। 8. तू चोरी न करना। 9. तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना। 10) तू लालच न करना। जिस दिन व्यवस्था दी गई उस दिन से इस्त्राएलियों के लिये एक नए युग की शुरूवात हुई जिसे व्यवस्था का दिया जाना कहते हैं।जब लोगों ने देखा कि मूसा को पर्वत से आने में देर हो रही है तो वे हारून के पास गये और उससे कहा, ‘‘अब हमारे लिये देवता बना जो हमारे आगे-आगे चले, क्योंकि उस पुरुष मूसा को जो हमें मिस्त्र देश से निकाल ले आया है हम नहीं जानते कि क्या हुआ।’’ तब उन्होंने अपनी सोने की बालियाँ निकाला और उन्हें हारून के पास ले आए। उसने अपने टांकी से गढ़कर सोने का बछड़ा बनाया। फिर उसने उसके सामने एक वेदी बनाया और घोषणा किया, ‘‘कल यहोवा के लिये पर्व होगा।’’ ‘‘लोगों ने बैठकर खाया-पिया और उठकर खेलने लगे।’’ फिर मूसा गवाहियों की दो पटियों को लेकर पर्वत से नीचे उतरा।जब मूसा ने बछड़े को देखा और लोगों को नाचते देखा तो वह क्रोधित हुआ और उसने उन पटियों को नीचे फेंककर तोड़ डाला। फिर उसने बछड़े को आग में जला डाला, उसका चूरा बनाया और उसे पानी में मिलाकर इस्त्राएल की संतानों को पीने लगाया। जब मूसा ने देखा कि लोग उनके शत्रुओं के सामने उपहास का कारण बन गए हैं तब उसने पूछा, ‘‘जो कोई यहोवा की ओर का है वह मेरे पास आए।’’ तब सारे लेवी इकट्ठे होकर उसके पास आए। तब उन्होंने अपनी तलवारें लिया और छावनी में घूम-घूम कर लोगों को मार डाला। उस दिन 3000 लोग मारे गये थे।मिस्त्री लोग बछड़े की आराधना करते थे।वे लोग जो बचाए जाने के बाद भी पाप की ओर फिरते हैं, वे उस सुअर के समान होते हैं, जो कीचड़ पसंद करता है। (2 पतरस 2:22)। जब व्यवस्था दी गई, तब तीन हजार लोग मारे गये थे। उस दिन जब संसार में पेन्तिकुस्त के दिन पवित्र आत्मा उतरा था, तीन हजार लोग बचाए गए थे और उन्हें कलीसिया में सम्मिलित किया गया था (प्रेरितों के काम 2:41)।
है मूसा का फरमान इसमें, है दाऊद का ईमान इसमें, खुदा की मुहब्बत बताती, है पतरस का अरमान इसमें, गुनाहों से माफी की कुन्जी, मसीहा की है ये जुबान । यह बाइबल मेरी जिन्दगी है, यह बाइबल खुदा का कलाम, खुदा ने जहाँ को दिया है बड़ा बेशकीमत इनाम, यह बाइबल -3 यह बाइबल खुदा का कलाम ।