Class 4, Lesson 8: बिलाम

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Lesson Text

नेशनल जिओग्राफिक मेगजीन में यह रिपोर्ट छपी थी कि एजटेक नामक जाति के लोग जो मेक्सिको में पाए जाते हैं, उनके देवताओं को खुश करने के लिये मनुष्यों की बलि चढ़ाते थे, और इस काम के लिये वे उनके बंधकों को उपयोग में लाते थे। इससे पहले कि बंधकों को बलि चढ़ाया जाता उन्हें कुछ दिन बढ़ियाँ भोजन और आवास की सुविधाएँ दी जाती थीं। बंधकों को अक्सर यह मालूम नहीं होता था कि इस आलीशान जीवन के बाद उनका क्या होगा। उसी प्रकार अब भी कई लोग शैतान के बंधक हैं और संसारिक वैभव की ओर आकर्षित हैं। कई लोग धन के पीछे भाग रहे हैं। वे शैतान की बुरी युक्तियों को नहीं समझते, जो अंत में उनके प्राण हर लेगा और उन्हें नरक में ढकेल देगा। हम एक ऐसे भविष्यद्वक्ता के विषय देखेंगे जो धन के पीछे गया। इस्राएली लोग योआब के मैदानों में पहुँचे और वहाँ छावनी डाले। मोआब के राजा बालक ने सुना कि लोगों की एक बड़ी भीड़ उसके नजदीक ठहरी हुई है। वह जानता था कि वह उस बलवंत राष्ट्र से नहीं लढ़ सकता था जिसने ओग और सिहोन के शक्तिशाली राजाओं को हराया था। उसने सोचा कि वह बोर के पुत्र बिलाम को उन्हें शाप देने के लिये कहेगा। उन दिनों में कुछ राजाओं के पास विशेष अधिकारियों के रूप में जादूगर होते थे जो उनके शत्रुओं को शाप देते थे। उनका विश्वास था कि ऐसे शाप से उनके शत्रुओं पर आपदाएँ या बीमारियाँ आएँगी। उसी विश्वास के कारण बालाक ने बिलाम को बुलवाया। बिलाम मेसोपोटेमिया में युफ्रेटस नदी के किनारे पतोर मे रहता था, वही स्थान जहाँ से महान देशभक्त अब्राहम आया था। बिलाम को सच्चे परमेश्वर के विषय कुछ ज्ञान था, परंतु वह भावी भी कहता था (यहोशू 13:22)। बालाक ने अपने देश के कुछ राजकुमारों और मिद्यानियों को बिलाम को बुलाने भेजा। उन्होंने भावी कहलवाने के लिये बिलाम के पास कुछ इनाम भी ले गए। बालाक का संदेश सुनकर बिलाम ने कहा कि वह परमेश्वर की ओर से सुनने के बाद ही जवाब देगा, और उन्हें उस रात वहीं ठहरा लिया। उस रात परमेश्वर बिलाम के समक्ष प्रगट हुआ और स्पष्ट रीति से कहा कि वह बालाक के दूतों के साथ न जाए। वह सुबह उठा और दूतों से कहा, ‘‘यहोवा मुझे तुम्हारे साथ जाने की आज्ञा नहीं देता।’’ परंतु वास्तव में बिलाम जाना चाहता था क्योंकि वह उन इनामों को पाना चाहता था जो बालाक उसे देनेवाला था। यही कारण था कि उसने बालाक के दासों को उस रात वहीं रूकने को कहा था। अन्यतथा, वह उन्हें तुरंत वापस भेज सकता था। इतना ही नहीं उसने उन्हें वह सब की नहीं बताया जो परमेश्वर ने उससे कहा था। परमेश्वर ने जो कहा था वह यह था, ‘‘तू इनके संग मत जा, उन लोगों को शाप मत दे क्योंकि वे आशीष के भागी हो चुके हैं।’’ यदि बिलाम कह देता कि इस्राएली परमेश्वर के द्वारा आशीषित किये गये है, तो बालाक को यह बात पसंद नहीं आई होती, और उसे उसका इनाम नहीं मिला होता। इसी कारण से उसने उन्हें नहीं बताया। हमें यह सोचकर सत्य को नहीं छिपाना चाहिये कि दूसरों को यह बात पसंद नहीं आएगी या हमारा कोई नुकसान हो जाएगा। बालक ने बिलाम के पास फिर से लोगों को भेजा। इस बार उसने बड़े इनाम की प्रतिज्ञा किया। यद्यपि बिलाम परमेश्वर की स्पष्ट इच्छा को जानता था, फिर भी उसने फिर से उन्हें रात भर ठहरने को कहा। उस रात परमेश्वर ने उसे उसके दुष्ट हृदय के अनुसार करने की अनुमति दिया। कभी-कभी अपनी संतानों की भलाई के लिये परमेश्वर उनकी मांग को पूरा नहीं करता। फिर भी वह दुष्ट को उसकी इच्छानुसार दे सकता है, परंतु यह उनके विनाश के लिये होगा बलाम सुबह उठकर बालाक के दूतों के साथ चला गया, परंतु परमेश्वर का दूत तलवार उठाए उसे रोकने के लिये उसके मार्ग में खड़ा था। उस गधे ने जिस पर बिलाम सवार था, स्वर्गदूत को देखा। जानवर जो देख रहा था उसे भविष्यवक्ता नहीं देख पा रहा था। तभी एक अद्भुत बात हो गई! ऐसी बात जो पहले कभी नहीं हुई। गधे ने अपना मुँह खोलकर बिलाम से बात किया। यह अद्भुत बात है कि यद्यपि एक गधा बिलाम से बात किया, फिर भी उसने कोई डर या आश्चर्य प्रगट नहीं किया, परंतु उसके साथ तर्क वितर्क किया। कुछ समय के बाद बिलाम की आँखें खुल गईं और उसने परमेश्वर के दूत को देखा। परंतु इसके पहले उसे एक गधे के द्वारा चिताया गया था। उसने दूत से कहा, ‘‘यदि तूझे बुरा लगता है तो मैं लौट जाता हूँ।’’ परंतु परमेश्वर इस भावी कहने वाले के मुँह से अपने लोगों के लिये आशीष की घोषणा करवाने की सोचा था, इसलिये उसने बिलाम को जाने दिया। जब बालाक ने बिलाम को देखा तो वह बहुत खुश हुआ। उसने उसे और उसके मित्रों का बड़ा स्वागत किया। बिलाम ने सात वेदियाँ बनाया और बलिदान चढ़ाया। उसने स्वयँ को परमेश्वर के लोगों को शाप देने के लिये तैयार किया, परंतु उसके मुँह से निकलने वाले शब्द आशीष के थे (व्यवस्थाविवरण 23:5; यहोशू 24:9-10; नहेम्याह 13:2)। अंधविश्वासी बालाक ने सोचा कि बिलाम ने गलत स्थान पर आशीष के शब्द कह दिया था। उसने उसे अन्य स्थानों में ले गया और परखा। तब भी बिलाम इस्राएल को शाप न दे सका। जिनकी रक्षा परमेश्वर करता है, उन्हें शैतान और उसके अनुयायी नुकसान नहीं पहुँचा सकते। बिलाम जिसने अधर्म का इनाम पाया, बालाक को इस्त्राएलियों को संकट में डालने की सलाह देकर ही लौटा। बिलाम जानता था कि धर्मी न्यायी परमेश्वर उसके संतानों को भी सजा देता है यदि वे उसके विरुद्ध पाप करें (प्रकाशितवाक्य 2:14)। उसने बालाक के सलाह दिया कि वह इस्त्राएलियों को मूर्तियों को चढ़ाई गई बलि की वस्तुएँ खाने के लिये उत्तेजित करे, और परमेश्वर के पवित्र लोग इस्त्राएलियों और अन्यजातीय मोआबियों के बीच विवाह को बढ़ावा दें। ये दोनो बातें परमेश्वर की नजर में पाप थे। उस बीमारी से जिसे परमेश्वर ने सजा के तौर पर भेजा था 24000 लोग मारे गये। बिलाम उसके इनामों का आनंद नहीं उठा पाया क्योंकि वह इस्त्राएलियों द्वारा मिद्यानियों के साथ लड़ाई में मारा गया था (यहोशू 13:22)

Excercies

Song

तेरे अनुग्रह तेरी दया को कैसे भूलुं मैं मसीह, मेरे श्राप को तूने हटाकर खुद श्रापित बना मसीह, तुने क्रूस पर लहू बहाकर मुझे पापों से शुद्ध किया, मेरे आँसूओं को तूने पोंछकर सारे दुख को दूर किया। गाऊँगा मैं तेरे ही गीत हे यीशु तू है महान, तेरा ही नाम मेरे मसीह लेता हूँ सुबह और शाम।