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हमने सीखा कि प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर का एकलौता पुत्र है। वह इस संसार में पापियों को बचाने के लिये मनुष्य बनकर आया। यद्यपि वह संसार में मनुष्य के समान रहा, फिर भी वह परमेश्वर था। उसे सब बातों पर अधिकार था। ‘‘उसने उन्हें अधिकारपूर्वक सिखाया।’’ इस पाठ में हम उसे बीमारी, प्रकृति और शैतान पर अधिकार का उपयोग करते हुए देखते हैं। 1) बीमारी पर अधिकार : पद 1-17। यहाँ हम देखते हैं प्रभु ने तीन भिन्न-भिन्न बीमारों को किस तरह चंगा किया। फिर यह कहा गया है, ‘‘उसने उन सब को चंगा किया जो बीमार थे।’’ उसे बीमारियों पर पूरा अधिकार था। प्रभु ने किसी भी बीमार को चंगा किये बिना नहीं भेजा।यहाँ यीशु ने तीन व्यक्तियों को चंगा किया, एक कोढ़ी, एक लकवाग्रस्त और एक बुखार वाले को। सामान्यतः वे चंगे नही हो सकते थे, परंतु यीशु ने दोनों को तुरंत चंगा कर दिया। बुखार उतरते ही पतरस की सास ‘‘उठ खड़ी हुई और उनकी सेवा की’’। यह इस बात को दर्शाता है कि प्रभु ने उसे पूरी तरह चंगी किया था। इसी रीति से वह पापी को पूरी तरह और अनंतकाल के लिये बचाता है। प्रभु कभी किसी भी बात को अधूरी नहीं छोड़ देता। हम जो उसकी संतान हैं, हमें भी हमारा कोई भी कार्य अधूरा नहीं छोड़ना चाहिये। यीशु ने कोढ़ी और पतरस की सास दोनों को चंगा किया। उसने सरदार के दास को उसके शब्दों से चंगा किया। प्रभु का स्पर्श और उसका वचन दोनों ही चंगा करते हैं। कफरनहूम के एक भाग में उसने जो कहा, उस व्यक्ति को जो नगर के दूसरे ओर था चंगा किया।एक अन्य अवसर पर, लाजर जो चार दिनों से मर चुका था और दफना दिया गया था, कब्र से जीवित निकल आया था। जब प्रभु दोबारा आएगा, उसके शब्दों से मसीह में मृत लोग पुनः जीवित हो जाएँगे। इस्राएल में कोढ़ियों को छावनी से बाहर रहना पड़ता है। यदि वे सार्वजनिक क्षेत्रों में आ जाते थे तो उन्हें ‘‘अशुद्ध! अशुद्ध! कहना पड़ता था ताकि दूसरे उनसे दूर रहें (लैव्यवस्था 13:45-46)। यह ऐसा कोढ़ी था जिसे परमेश्वर ने छूआ था। जो व्यक्ति किसी कोढ़ी को छू लेता था वह भी बीमार हो जाता था और अशुद्ध हो जाता था। पाप भी उन सब को अशुद्ध करता है जो उसे छूते हैं, परंतु जब प्रभु किसी व्यक्ति को स्पर्श करता है, वह उसे शुद्ध करता और उसे पुनः बहाल करता है।लकवाग्रस्त व्यक्ति सुबेदार का दास था। यद्यपि सूबेदार एक अन्यजातीय था, वह परमेश्वर का भय मानता था। लूका कहता है कि उसने यहूदियों के लिये एक आराधनालय बनाया था। कई स्वामी उनके दासों से काम लेते हैं परंतु उनके प्रति प्रेम नहीं जताते, परंतु यह सूबेदार उसके दास से प्रेम करता था। इसके अलावा वह जीवते परमेश्वर की आराधना में इतना रूचि रखता था कि उसने यहूदियों के लिये एक आराधनालय भी बनाया था। एक सूबेदार के पास 100 सिपाही उसके अधीन रहते थे। उन पर उसका बड़ा अधिकार होता था। वह जो अधिकार को समझता था, यीशु के अधिकार पर विश्वास करता था। प्रभु ने सुबेदार की याचना पर न केवल उसके दास को चंगा किया, परंतु उसके विश्वास की सराहना भी कियापक्रति पर अधिकार पद 23-27। यहाँ हम देखते हैं कि वायु और समुद्र भी प्रभु की आज्ञा का पालन करते हैं। यीशु और उसके चेले नाव से गलील समुद्र के पार जा रहे थे। इस झील में अक्सर भारी तूफान उठता और हवाएँ चलती थी। उस दिन भारी हवा चली और लहरें नाव से ऊपर उठने लगीं। चेले बहुत डर गये थे। यीशु एक तकिया लेकर नाव के निचले भाग में सो रहा था। यद्यपि उसके पास सब सामर्थ और अधिकार था, परंतु जब वह मनुष्य बना, वह थक गया और उसे नींद आ गई। चेलों ने उसे उठाया। प्रभु ने उठकर तूफान और समुद्र को डाँटा और बड़ी शांति स्थापित हो गई। फिर उसने चेलों को उनके अल्पविश्वास के लिये डाँटा। हवा, तूफान और समुद्र, सूर्य, चंद्रमा और तारे और प्रकृति का सबकुछ परमेश्वर की आज्ञापालन में ही चलते हैं, परंतु मनुष्य जिसे चुनाव की स्वतंत्रता दी गई है, अपने सृष्टिकर्ता की आज्ञा का उलंघन करता है।शतान पर अधिकार : 28:34। जब वे झील की दूसरी ओर पहुँचे तो वे गिरासेनियों के देश में थे। यह स्थान किसी समय गदरेनियों का देश कहलाता था। वहाँ उनकी मुलाकात दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति से हुई जो कब्रों से निकल कर आया था। वह एक सेना था, उनकी एक बड़ी संख्या थी। वह बहुत खतरनाक था और आने-जानेवालों को डराता था, परंतु उसके भीतर की दुष्टात्माएँ उस समय डर गईं जब उन्होंने यीशु को देखा क्योंकि वे जानते थे कि वह कौन था। वे जानते थे कि यीशु ही है जो अंत में उसका न्याय करेगा (प्रकाशितवाक्य 20:10)। सुअरों का एक झुंड वहाँ चर रहा था। दुष्टात्माओं ने प्रभु से कहा कि वह उन्हें सुअरों में जाने दे। उसने उन्हें अनुमति दिया और वे सुअरों मे घुस गये दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति की तुलना उद्धाररहित व्यक्ति से की जाती है। वह कब्रों के बीच से आया और मरकुस कहता है कि वह नंगा था। कब्र हमें मृत्यु की याद दिलाती है। उद्धाररहित लोगों को हमेशा मृत्यु का डर बना रहता है। मत्ती 4:16 कहती है, ‘‘वे मृत्यु के देश और छाया में बैठे थे।’’ वे परमेश्वर की दृष्टि में नंगे भी हैं। प्रकाशितवाक्य 3:17 में पाप की तुलना नंगेपन से की गई है। जब एक पापी उद्धारकर्ता के पास आता है, वह डर से स्वतंत्रता पाता है और धार्मिकता का वस्त्र पाता है (प्रकाशितवाक्य 19:7)। उस जगह के लोग आए और उस चंगे हुए व्यक्ति को देखने लगे। जो यीशु के पैरों के पास बैठा था, कपड़े पहना था और मानसिक रूप से स्वस्थ था, परंतु धन्यवाद देने और खुश होने की बजाए उन्होंने यीशु को वहाँ से जाने को कहा। उन्होंने परमेश्वर या मनुष्य की बजाय सुअरों को ज्यादा महत्व दिया। यहूदियों के लिये सुअर पालना या खाना मना था, परंतु उस देश के लोगों ने मसीह की बजाय सुअरों को प्राथमिकता दिया। आज भी गदरेनियों के समान संसार प्रेमी परमेश्वर और उसकी बातों को नजरअंदाज करता है और संसार की बुनियादी बातों मे ध्यान लगाता है। गदेरा और गिरेसा दो भिन्न नगर थे। जो लोग इन नगरों के आसपास रहते थे उन्हें गिरासेनी या गदरेनी कहा जाता था। वे गिरागाशाइट लोगों के वंशज रहे होंगे। यदि ऐसा है तो वे अन्यजातीय रहे होंगे, जो यह बताता है कि वे सुअर क्यों पालते थे।
यीशु का नाम है मीठा नाम है सच्चा प्यारा नाम है यीशु का नाम बोलो हां । 1 हर व्यक्ति हो छोटा बड़ा यीशु के पास आओ, देगा वह शांति आराम । 2 हर घुटना टिक जायेगा हर एक ज़ुबान मानेगी, यीशु मसीह ही प्रभु है ।