Class 4, Lesson 32: दाख की बारी का दृष्टांत

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यह पाठ एक दृष्टांत पर है जो प्रभु ने इस्राएल देश के विषय कहा। जब प्रभु मंदिर में सिखा रहा था, यहूदी मुख्य याजक और वृद्ध लोग आकर उससे कहने लगे, ‘‘तू यह सब किसके अधिकार से करता है?’’ यीशु जानता था कि वे यहूदी जो उसके अधिकार पर प्रश्न कर रहे हैं, उसे क्रूस पर चढ़ाएँगे। यह जानते हुए ही उसने यह दृष्टांत कहा। प्रभु ने यह कहकर शुरू किया कि एक मनुष्य ने दाख की बारी लगाया। बाइबल में इस्रा की तुलना दाख की बारी से की गई है जिसे परमेश्वर ने लगाया था (यशायाह 5:1-7; भजन 80:8-16)। संसार के सभी लोग मिलकर और हममें से प्रत्येक जन को भी परमेश्वर की दाख की बारी कहा जा सकता है। पलिस्तीन का देश जो परमेश्वर ने इस्राएल को दिया था, वह देश है, जहाँ बहुत दाख होता है। आपको याद होगा जब मूसा के समय लोग कनान देश का भेद लेने गये थे तब दो व्यक्ति एक खंबे में अंगूर का बड़ा गुच्छा उठाकर लाए थे। जो यहूदी दाख के देश में रहते थे वे दाख के दृष्टांत को आसानी से समझ सकते। वे दाख की बारी लगाने की कठिनाइयों को भी समझते थे। इस दाख की बारी का मालिक जीवित परमेश्वर है। अच्छे मालिक ने वह सब किया जो दाख की बारी के लिये जरूरी था। उसने उसे लगाया, उसके चारों तरफ दीवार खड़ी किया, रसकुंड बनाया और निगरानी का मचान बनाया। फिर उसने दाख की बारी को किसानों को दे दिया जो ठेकेदार कहलाते थे, और दूर परदेश चला गया। दीवार दाख की बारी की रक्षा के लिये थी और रसकुंड अंगूर का रस निकालने के लिये था। और गुम्मट दाख की बारी का गोदाम था और चौकीदारों के लिये आरामगाह था। इस तरह मालिक ने सब इन्तजाम किया था और ठेकेदारों को केवल बाग की देखभाल करना था। हमारा परमेश्वर हमें सब कुछ देता है जिसकी हमें जरूरत होती है (मत्ती 6:32)। हमारा कर्तव्य केवल उसे इमानदारी से संभालना है जो हमें दिया गया है। जब फल का समय आया तो उसने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा’’ (पद 34)। यह मालिक न केवल भला था परंतु धर्मी भी था। उसने दासों को न कटनी के पहले भेजा और न बाद में। मरकुस कहता है उसने उन्हें ‘‘समय पर’’ भेजा, जो फल बटोरने का सही समय था। हमारा परमेश्वर सब कुछ सही समय पर करता है। ठेकेदारों ने मालिक के दासों को बुरी तरह पीटा और उन्हें भगा दिया, यहाँ तक कि कुछ दासों को तो मार भी डाला। भविष्यवक्ताओं का भी यही अनुभव रहा जो परमेश्वर का संदेश लेकर इस्राएल मे गये थे। (मत्ती 23:29-37; प्रेरितों के काम 7:52)। यह किसानों को सोचने और समझदारी से कार्य करने के लिये दिया गया काफी समय था, जो उसके दासों को बार-बार भेजता था। परमेश्वर एक पापी को पश्चाताप करने का कितनी बार मौका देता है। वह मनुष्य से कई तरीकों से बात करता है। वह प्रकृति से भी हमसे बात करता है। हम पढ़ते हैं :‘‘आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है और आकाशमंडल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है’’ (भजन 19:1)। परमेश्वर उसके वचन के माध्यम से और उसके दासों के माध्यम से बात करता है। ये सब मौके हैं जो वह हमें देता है अंत में, मालिक ने अपने बेटे को भेजा। इब्रानियों 1:1 में हम पढ़ते हैं ‘‘पूर्व युग में परमेश्वर ने बापदादों से थोड़ा-थोड़ा करके और भांति-भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर इन अंतिम दिनों में हम से पुत्र के द्वारा बातें की।’’ मरकुस कहता है, ‘‘अब एक ही रह गया था, जो उसका प्रिय पुत्र था, अंत में उसे भी भेज दिया’’ (मरकुस 12:6)। हमारा प्रभु यीशु ही परमेश्वर का एकलौता पुत्र है। उसी को पिता ने भेजा। मालिक ने सोचा कि ठेकेदार उसका आदर करेंगे। आदर शब्द को ध्यान दें। परमेश्वर चाहता है कि हम उसके एकलौते पुत्र को स्वीकार करें और उसके प्रति आदर दिखाएँ। उन दुष्ट ठेकेदारों ने कहा, ‘‘यह वारिसदार है। आओ हम इसे मार डालें तब मीरास हमारी हो जाएगी।’’ कई लोग जानते हैं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है तब भी वे उसे अपना प्रभु और उद्धारकर्ता स्वीकार नहीं करते। ठेकेदारों ने पुत्र के साथ चार बातें किया। 1) उसका स्वागत करने की बजाय उन्होंने उसके विरुद्ध षडयंत्र रचा (पद 38) 2) उन्होंने उसे पकड़ लिया। 3) उन्होंने उसे दाख की बारी से बाहर निकाल दिया। 4) उन्होंने उसे मार डाला यह सब उन्होंने दाख की बारी के मालिक के साथ किया। जब हमारा प्रभु इस संसार में आया तो इस्राएल के उसके अपने लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया, परंतु उन्होंने उसे क्रूस पर भी चढ़ा दिया। पुत्र अधिकार के साथ आ सकता था और उसकी रक्षा के लिये सुरक्षा गार्ड भी ला सकता था, परंतु वह अकेला ही आया। जब सिपाही यीशु को बंदी बनाने के लिये आए तो उसने कहा, ‘‘क्या तू नहीं जानता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा?’’ (मत्ती 26ः53)। रोमी लोग 6000 सिपाहियों की टुकड़ी को एक ‘पलटन’ कहते थे। वह करोड़ों स्वर्गीय दूतों का प्रभु था जो हमारे लिये असहाय बना। दाख की बारी का मालिक ठेकेदारों को दंडित किये बिना नहीं छोड़ेगा। पद 41 कहता है ‘‘वह उन बुरे लोगों को बुरी रीति से नष्ट करेगा।’’ इसका मतलब यह है कि वह उन्हें योग्य दंड देगा। यहूदी लोगों के विषय यह वास्तव में हुआ जब रोमी सेना ने यरूशलेम पर सन् 70 में हमला किया। हजारों यहूदी भूख से मर गये, महामारी, और तलवार; कईयों को क्रूस पर चढ़ा दिया गया। इसके अलावा वे संसारभर में बिखर गये। परमेश्वर ने उनकी भूमि दूसरे ठेकेदारों को दे दिया। वह जो परमेश्वर के पुत्र का तिरस्कार करते हैं जिसने हमसे प्रेम किया और क्रूस पर मर गया, वे दंडित हुए बिना नहीं रहेंगे। यूहन्ना 3:36 में हम पढ़ते हैं कि ‘‘जो पुत्र को नहीं मानता वह जीवन को नहीं देखेगा, परंतु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।’’ क्या लोग समुद्र के थोड़े से क्रोध और तूफान से नहीं डर जाते जो परमेश्वर द्वारा भेजे जाते हैं? फिर यह कितनी भयानक बात होगी जब परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़केगा जो उसका तिरस्कार करते हैं! नोट : यहूदियों ने यीशु की कीमत चांदी के तीस सिक्के लगाया। ऐसा कहा जाता है कि रोमी सम्राट वेस्पासियन ने बंदी यहूदियों को चांदी के एक सिक्के में तीस यहूदी बेचा था

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जल्दी वक्त गुजरता जाता है, रात अंधेरी आती है तौबा का दरवाजा होगा बन्द कुछ न होगा फिर पछताने से। कलवरी के पास खड़ा हो, खून की धारा को देखता जा तेरे पापों का यही दाम, दिया है मसीह यीशु ने।