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मान लें कि आपके पिता ने आपको एक साईकिल देने की प्रतिज्ञा किया था। निश्चित रूप से आप उस दिन की उत्सुकता से बाट जोहेंगे जब वे आपको साईकिल खरीद कर देंगे। जब आप उसे पा लेंगे, आप बहुत खुश हो जाएँगे। आज हम एक महान प्रतिज्ञा के विषय देखेंगे जो परमेश्वर ने अब्राहम से किया था। परमेश्वर द्वारा अब्राहम से की गई प्रतिज्ञाओं में से एक यह थी कि उसके वंशज की संख्या आकाश के तारों से भी अधिक होगी, परंतु अब्राहम की पत्नी सारा को, अब्राहम की 99 वर्ष की आयु तक कोई संतान नहीं हुई थी। सारा ने संदेह की थी कि क्या परमेश्वर की प्रतिज्ञा पूरी होगी परंतु अब्राहम ने परमेश्वर के शब्दों पर विश्वास किया। परमेश्वर ने उसके द्वारा ठहराए हुए समय पर उन्हें एक पुत्र दिया। परमेश्वर हमेशा उसकी प्रतिज्ञाओं को पूरी करता है, परंतु वे प्रतिज्ञाएँ हमारे समय के अनुसार पूरी होंगी यह जरूरी नहीं है। परमेश्वर जो सब कुछ जानता है, वह जानता है कि हमें किन बातों की जरूरत हैं, और उन्हें वह उसके समय में पूरी करता है जब अब्राहम 99 वर्ष का था, परमेश्वर ने उससे फिर कहा कि उसका एक पुत्र होगा और उसका नाम इसहाक होगा। (उत्पत्ति 17:19)। आपको आपका नाम आपके माता-पिता या रिश्तेदारों से दिया गया होगा, परंतु हम बाइबल में पढ़ते हैं कि कुछ नाम जैसे आदम, यूहन्ना और यीशु, स्वयँ परमेश्वर के द्वारा दिये गये थे। इसहाक के लिये भी, उसके जन्म के पहले, परमेश्वर ने उसका नाम दिया था। जब इसहाक का जन्म हुआ था, अब्राहम 100वर्ष का था और सारा 90 वर्ष की थी। जिस दिन इसहाक का दूध छुड़ाया गया था उस दिन अब्राहम ने एक बड़े भोज का आयोजन किया था क्योंकि वह बहुत धनी था। चूँकि इसहाक प्रतिज्ञा का पुत्र था, वही उनकी सारी संपत्ति का वारिस था।उसके माता-पिता उससे बहुत प्रेम करते थे।धनी और अत्याधिक प्यार में पले बच्चे अक्सर बिगड़ जाते हैं। वे स्वार्थी और जिद्दी होते हैं, परंतु इसहाक नम्र, आज्ञाकारी और परमेश्वर का भय मानने वाला था। एक दिन परमेश्वर ने अब्राहम से इसहाक को होमबलि करके चढ़ाने को कहा, ‘‘अपने पुत्र को अर्थात अपने एकलौते पुत्र इसहाक को जिससे तू प्रेम रखता है...होमबलि करके चढ़ा।’’ हमें हमारे सबसे अधिक पसंद की चीजें परमेश्वर को देने के लिये तैयार रहना चाहिये। यीशु परमेश्वर का एकलौता पुत्र था जिसे उसने हमारे लिये दे दिया (यूहन्ना 3:16)। परमेश्वर ने अब्राहम से मोरिय्याह देश में जाकर एक पहाड़ी पर इसहाक को बलि चढ़ाने को कहा जिसे वही बताने वाला था। अब्राहम ने बिना कुड़कुड़ाए या वाद-विवाद किये परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया अगले दिन भोर को ही अब्राहम ने सवारी के लिये अपना गदहा तैयार किया और यात्रा पर निकल पड़ा। बाइबल में हम उन लोगों के विषय पढ़ते हैं जो महत्वपूर्ण कार्य करने के लिये भोर को ही उठ जाते हैं (देखें यहोशू 6:12; 7:10 आदि)। आपको भी जल्दी उठकर अपना कार्य करना चाहिये। तीसरे दिन अब्राहम ने पहाड़ी को देखा जहाँ उसे होमबलि चढ़ाना था। दासों को पीछे छोड़कर अब्राहम और इसहाक पहाड़ी पर गए। इसहाक के हाथ में जलाने की लकड़ी थी और अब्राहम के हाथ में आग और छुरा था। अब्राहम के लिये यह कितनी हर्दयविदारक बात थी हाथ में छुरा लेकर उसके प्रिय बेटे के पीछे-पीछे चलना जिसे वह बलि चढ़ाने वाला था इसहाक का, अपने कंधों पर लकड़ी लेकर पहाड़ी पर जाना, यीशु मसीह के द्वारा कंधों पर क्रूस उठाकर कलवरी के पर्वत पर जाने का चित्रण है। मार्ग में इसहाक ने कहा, ‘‘पिता होम बलि के लिये मेम्ना कहाँ है?’’ अब्राहम ने शायद टूटी आवाज में कहा होगा, ‘‘मेरे पुत्र, परमेश्वर ही होम बलि के लिये मेम्ने का इन्तजाम करेगा।’’ अब्राहम के शब्द हमारे प्रभु यीशु के विषय भविष्यवाणी थे जिसे परमेश्वर स्वयँ ही हमारे पापों के लिये बलिदान चढ़ाने को तैयार किया था। जब वे परमेश्वर के बताए स्थान पर पहुँच गए, अब्राहम ने वहाँ एक वेदी बनाया और उस पर लकड़ियाँ रख दिया। उसने इसहाक को बांधा और वेदी पर रख दिया। उस समय इसहाक करीब 20 वर्ष का था। वह उसके पिता का विरोध कर सकता था या भाग सकता था, परंतु उसने अपने पिता की आज्ञापालन में उसे बांधने दिया। हमें याद रखना चाहिये कि यीशु मसीह ने भी स्वयँ को हमारे लिये स्वेच्छा से दे दिया। यह बात यह भी सिखाती है कि बच्चों को उनके माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिये। पिता और माता के आदर करने की आज्ञा एक प्रतिज्ञा के साथ दी गई है : ‘‘कि तेरा भला हो और तू धरती पर बहुत दिन जीवित रहे’’ (इफिसियों 6:2-3)। जब अब्राहम ने उसके पुत्र को मारने के लिये छुरा उठाया तो प्रभु ने एक दूत ने उसे रोक दिया। तब अब्राहम ने सिर उठाकर देखा। वहाँ झाड़ी में उसने काँटों में सींग फँसे हुए एक मेढ़े को देखा। उस मेढ़े को होमबलि चढ़ाकर पिता और पुत्र घर लौटे। अब्राहम ने इसहाक को मृत्यु से लौटे हुए के समान साथ वापस लाया। अब्राहम के विश्वास और आज्ञापालन के कारण परमेश्वर ने उसकी प्रतिज्ञाओं और आशीषों को फिर से याद किया नोट : इसहाक = हँसी या जो हँसता है। वह मंदिर जो बलिदान का स्थान था, मोरिय्याह पर्वत पर बनाया गया था (2 इतिहास 3:1)।
प्रभु ख्रिस्त ही देहधारी हुआ सिद्ध खुदावन्द सिफर बना, स्वर्ग का सुमन और सच्चाई अपनों से त्यागा हुआ था, कफारा होकर सूली पे मरा पिता का क्रोध शान्त किया, पाप का हर एक बोझ उठाया पापी को जय जीवन दिया। सिर्फ ख्रिस्त में, मेरी आशा यीशु है नूर, गज़ल व बल, आधार शिला, न बदलता चाहे हो तुफान और अकाल, सिद्ध प्रेम मिसाल, अनुपम शान्ति भय या मुश्किल भी करता हल, सहायक मेरा, जी भर के मैं डुबूँ मसीह प्रेम में हर पल।