Class 4, Lesson 22: अय्यूब का परिवार

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करीब 4000 वर्ष पहले ऊज़ देश मे अय्यूब नामक एक धर्मी व्यक्ति रहता था। यह शायद वही समय था जब महान भक्त (अब्राहम, इसहाक और याकूब) थे। हम ऊज़ के सही स्थिति के विषय नहीं जानते। शायद वह एदोम में थी। अय्यूब बहुत धनी और महान था। सामान्यतः धनी लोग धर्मी नहीं होते। लेकिन अय्यूब निर्दोष और खरा था। वह परमेश्वर का भय मानता था और बुराई से दूर रहता था। अय्यूब उन दिनों में धर्मी जीवन जीता था जब न व्यवस्था थी और न ही बाइबल थी। अय्यूब के जीवन से हम सीखते हैं कि कोई भी व्यक्ति सभी परिस्थितियों में परमेश्वर की संतान के जैसा जीवन जी सकता है। अय्यूब के सात पुत्र और तीन पुत्रियाँ थीं। उसने परमेश्वर के भय और आपसी प्रेम में उनका पालन-पोषण किया। बड़े हो जाने के बाद भी वे एक दूसरे से प्रेम करते थे। अय्यूब के पुत्र बारी-बारी अपने घरों में भोज का आयोजन करते थे और अपनी बहनों को भी खाने-पीने के लिये आमंत्रित करते थे। जब भोज का एक निश्चित समय पूरा हो जाता था तब अय्यूब अपने बच्चों के लिये होमबलि चढ़ाता था, क्योंकि उसे डर था कि उन्हांने उनके हृदय में कहीं पाप तो नहीं किया था। अय्यूब की पत्नी ने भी बच्चों की इस तरह की परवरिश करने में रूचि ली होगी। वह एक अच्छी माँ रही होगी, परंतु उसके पास उसके पति के समान विश्वास और दृढ़ता नहीं थी। जब तकलीफें आईं तो उसने परमेश्वर के विरुद्ध बातें की। जब तकलीफें आती हैं तब ही विश्वास की वास्तविकता की परख होती है। इसलिये जब हम दुख तकलीफ से गुजरते हैं, हमें कुड़कुड़ाना नहीं चाहिये। समृद्धि और सुख के समय लोग परमेश्वर को भूल जाते हैं, परंतु अय्यूब की इच्छा थी कि उसके पुत्र धर्मी जीवन जीएँ। सब माता-पिता की यही इच्छा होगी कि उनके बच्चे आत्मिक रीति में बढ़े। मसीही हैं। उनकी तो आपका स्वर्गीय पिता कितना अधिक चाहेगा कि आप परमेश्वर के सामने पवित्र और इमानदार बनें रहें। 5वें पद में हम पढ़ते हैं कि अय्यूब उसके पुत्रों का पवित्रीकरण करता था। यह कार्य वह उसे प्रगट होनेवाले ज्ञान और प्रकाश से करता था, परंतु आज हमारे पास हमें यह बताने के लिये कि हम किस तरह शुद्ध किये जा सकते हैं, परमेश्वर का पवित्र वचन है। यूहन्ना 1:7 में हम पढ़ते हैं कि ‘‘उसके पुत्र प्रभु यीशु मसीह का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। क्या आपको उस लहू से शुद्ध किये जाने का अनुभव है? अय्यूब और उसका परिवार जो परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिये जीत था , घोर परीक्षाओं से उनको गुजरना पड़ा। इसके विषय हम अगले पाठ में देखेगे। नोट : अय्यूब - पश्चाताप करना (परमेश्वर की ओर) फिरना यहेजकेल 14:14 में नूह और दानिएल के साथ नूह का जिक्र किया गया है (परमेश्वर के तीन पवित्र जन)। याकूब 5:11 अय्यूब के धीरज के विषय कहती है। उसकी परीक्षाओं के बाद अय्यूब 140 वर्ष और जीवित रहा। यह प्राचीन दिनों की जीवन अवधि से सहमत होता है। अय्यूब की पुस्तक में व्यवस्था या याजकगण या व्यवस्था के अनुसार बलिदान चढ़ाने के विषय कुछ भी नही लिखा है। यह इस बात का प्रमाण है कि अय्यूब मूसा के पहले रहता था। इसके अलावा व्यक्ति की संपत्ति उसके जानवरों और भेड़ों की संख्या के अनुसार आंकना, उन दिनों की प्रथा थी। इस पुस्तक में तीन और सात अंक बार बार प्रयुक्त हुए हैं

Excercies

Song

I don't need to understand I just need to hold His hand I don't ever need to ask the reason Why for I know He'll make a way Through the night and through the day I don't need to understand I just need to hold His hand.