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यहूदा के अंतिम तीन राजा यहोयाकीम, यहोयाकीन और सिदिकिय्याह थे। यहोयाकीम ने ग्यारह वर्ष राज्य किया। यहोयाकिन का राज्य केवल तीन महीने का रहा। फिर यहोयाकीन के चाचा सिदिकिय्याह ने ग्यारह वर्ष राज्य किया। यहोयाकिम ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया। उसने यिर्मयाह के माध्यम से परमेश्वर द्वारा दी गई चेतावनियों को गंभीरता से नहीं लिया (यिर्मयाह 36)। यहोयाकीम के शासनकाल के तीसरे वर्ष में नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम पर तीसरी बार घेरा डाला। बेबीलोन की सेना द्वारा घेरे जाने पर शहर ने उन्हें समर्पित कर दिया। और शहर का काफी खजाना बेबीलोन ले जाया गया। कई लोगों को बंदी बना लिया गया दस वर्षों के बाद जब सिदिकिय्याह, जो यहोयाकीम का भाई था यहूदा का राजा हुआ जब नबूकदनेस्सर ने फिर से यरूशलेम के विरुद्ध हमला किया। उसने सिदिकिय्याह की आखें निकाल ली, और उसे बांधकर बेबीलोन ले गया। बेबीलोनियों ने यरूशलेम के मंदिर और महत्वपूर्ण इमारतों में आग लगा दिया। उन्होंने फिर से कई लोगों को बंधुआई में बेबीलोन ले गए । इस प्रकार यहूदा, इस्त्राएल के समान बंधुआई में चला गया। यरूशलेम पर पहली चढ़ाई के बाद नबूकदनेस्सर ने शाही परिवार के पुत्रों में से जवान पुरुषों को चुना जो बुद्धिमान, स्वस्थ और दिखने में सुंदर थे जो बेबीलोन के राजा के महल मे खड़े रह सकें। उन्हें बेबीलोन की भाषा और साहित्य सिखाया गया। इन जवानों में दानिय्येल और उसके मित्र हनन्याह, मीशाएल, अजर्याह थे। उनके नाम बदलकर बेलशस्सर, शदरक, मेशक और अबेदनगो रखा गया। उनके अपने नाम जीवित परमेश्वर के नाम से जुड़े थे, परंतु इन मूर्तिपूजकों ने उन्हें उनके अन्यजातीय ईश्वरों से संबंधित नाम दिया। उन्होंने ऐसा इसलिये किया होगा कि ये लड़के अपने परमेश्वर को भूल जाएँ और उनके बेबीलोन के ईश्वरों की सेवा करे। बेबीलोनियों ने न केवल यहूदी लड़कों के नाम बदले परंतु उन्हें राजा की मेज के भोज और दाखमधु भी दिया। वह स्वादिष्ट भोजन था और खाने के पहले हमेशा मूर्तियों को चढ़ाया जाता था। तब दानिय्येल ने अपने मन मे ठान लिया कि वह ऐसा भोजन खाकर और दाखमधु पीकर स्वयँ को अपवित्र नहीं करेगा। दानिय्येल ने वहाँ की प्रथाओं का भी पालन नहीं किया। वह परमेश्वर की संतान था, और कोई भी कार्य कोई बिना सोचे नहीं करता था यहाँ तक कि खाना भी यह बिना सोचे नही खाता था कि क्या यह प्रसन्न करेगा? हमारे जीवन में भी ऐसे समय आएंगे जब संगती करने और सहायता के लिये हमारे पास परमेश्वर की अन्य संताने नहीं रहेगी। तब भी हमें हिम्मत रखनी चाहिये जब भी हम परीक्षा का सामना करें, स्थिर रहें और यह दिखाएँ कि हम प्रभु यीशु के सेवक हैं दानिय्येल ने अपने इस निर्णय के विषय अपने मित्रों को बताया। वे भी उनके साथ हो लिये और राजा के भंडारी से कहकर सादा भोजन खाने की अनुमति प्राप्त कर ली। उसने दस दिनों की परख के लिये अनुमति दी। जब जांच का समय आया तो वे ज्यादा स्वस्थ दूसरे जवान पुरुषों से बेहतर निकले जो राजा का भोजन खाते थे। परमेश्वर उसके बच्चों की विशेष देखभाल किया था, जिन्होंने उसका भय माना था। दानिय्येल ने जो अच्छा निर्णय लिया था उसे उसने जीवनभर अपने मन में रखा। वह राज्य के सर्वोच्च पद तक ऊँचा उठा। वह मनुष्यों के सामने महान था, और राजा भी उसे ‘‘अतिप्रिय’’ कहता था (दानिय्येल 9:23)। परमेश्वर आपको भी जब अभी आप छोटे हैं अच्छे निर्णय लेने में सहायता करें ताकि आप अपने निर्णयों के अनुसार जी सकें जैसे दानिय्येल ने किया था दानिय्येल - परमेश्वर न्यायी है। बेलशस्सर - बेल का राजकुमार (बेल बेबीलोन की एक देवी थी)। हनन्याह - याह दयालू है। शदरक - सूर्य देवता द्वारा प्रदीप्त मीशाएल - वही है जो परमेश्वर है। मेशक - ‘‘शेश’’ शेशक की एक देवी को बताता है (यिर्मयाह 25ः26; 51ः41)। अजर्याह - याह बचानेवाला है। अबेदनगो - नेगो का दास
कठिन है रास्ते बहुत, हर एक मोड़ पर खतर, अन्धेरे सायों को हटा, दिखा दे मुझको अब सहर । सहारा मुझको चाहिये, सहारा दे मुझे खुदा, मुझे सम्भाल मैं गिरा। (2)