Class 4, Lesson 17: अबीगैल

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Lesson Text

हमने रूत के विषय देखा जिसे परमेश्वर पर विश्वास रखने का प्रतिफल मिला। बाइबल में हम और भी स्त्रियों के विषय पढ़ते हैं जो नम्र, बुद्धिमान और परमेश्वर का भय मानने वाली थी। अबीगैल उनमें से एक है। उसका पति नाबाल कालेब के वंश से था। कभी-कभी कुछ बच्चों को बिगड़े हुए देखते हैं, यद्यपि उनके माता-पिता धर्मी होते हैं। नाबाल जो कालेब के वंश में पैदा हुआ था बहुत गुस्से वाला और नीच व्यवहार करनेवाला था। अबीगैल सुंदर और बुद्धिमान दोनों ही थी। कभी-कभी जो लोग सुन्दर और बुद्धिमान होते हैं वे घमंडी और अभिमानी होते हैं परंतु अबीगैल के विषय ऐसा नहीं था। नाबाल बहुत धनी व्यक्ति था। हमने अब्राहम और इसहाक की कहानियों से जाना है कि उन दिनों के धनी व्यक्तियों के पास बहुत पशु और भेड़े होती थीं और भेड़ों के ऊन कतरने का समय त्योहार के समान मनाया जाता था। उस समय, दाऊद जिसको इस्राएल का राजा होने के लिये अभिषेक किया गया था, शाऊल के डर से एक स्थान से दूसरे स्थान भाग रहा था। जब नाबाल माओन में उसकी भेड़ों का ऊन कतर रहा था तब दाऊद और उसके लोग जंगल में थे। नाबाल के द्वारा भेडों के बाल कतरने की बात सुनकर दाऊद ने कुछ आपूर्तियों की मांग लेकर अपने कुछ लोगों को नाबाल के पास भेजा पहले जब नाबाल के दास कर्मेल पर भेडे़ं चरा रहे थे तब दाऊद और उसके लोगों ने उन्हें शत्रुओं से बचाया था। स्पष्ट है कि इसके बदले दाऊद नाबाल से कुछ चाहता था। लेकिन नाबाल ने दाऊद के लोगां का अपमान किया और खाली हाथ लौटा दिया। जब दाऊद को इस बात का पता चला तो वह क्रोधित हो गया। वह 400 लोगों को लेकर नाबाल से बदला लेने के लिये निकल पड़ा। यद्यपि दाऊद परमेश्वर का दास था, क्रोध उस पर हावी हो गया और उसके उपर अपना नियंत्रण जमा लिया। जब दूसरे आपको नीचा दिखाते तो आपको इच्छा नहीं होती कि आप उसी तरह का व्यवहार उनके साथ भी करें? बदला लेना परमेश्वर का काम है, उसकी संतानों का नहीं। हमें कभी भी बदला लेने की नहीं सोचना चाहिये। नाबाल की पत्नी अबीगैल ने सुनी कि नाबाल ने दाऊद के दासों के साथ कैसा व्यवहार किया था। वह जानती थी कि दाऊद को इस्राएल का राजा होने के लिये चुना गया है। बाद में वह कहती है कि दाऊद परमेश्वर के युद्ध लड़ता था और यह कि वह इस्राएल पर प्रधान होनेवाला था (पद 28:30)। उसके पति को भी यह बात मालूम रही होगी, परंतु जब उसने दाऊद के विषय सुना, तब नाबाल ने ‘‘ठट्ठा करते हुए उसे ‘यिशै का पुत्र’ कहा, और दास जो अपने स्वामी से अलग हो गया है’’ कहा। यह नाबाल उस प्रकार के लोगों में से एक है जो प्रभु को जानने के बाद भी उसका तिरस्कार करते हैं। नाबाल शब्द का अर्थ ‘‘मूर्ख’’ होता है, और वे सब जो प्रभु यीशु मसीह को उद्धारकर्ता नहीं मानते वे परमेश्वर की दृष्टि में मूर्ख हैं। अबीगैल ने रोटी, दाखमधु, माँस और अन्य खाने की सामग्रियों को गदहों पर लाद दी और उन्हें दासों के द्वारा दाऊद के पास भेज दी। वह भी उनके पीछे चली। जब वह अपने गदहे पर एक पर्वत घाटी से गुजर रही थी तो उसकी भेंट दाऊद और उसके 400 लोगों से हुई जो तलवार लिये बढ़े जा रहे थे। वह तुरंत गदहे पर से उतर गई और दाऊद के सामने झुककर प्रणाम किया। उसने अपनी पति की गलती को अपने उपर ले ली और दाऊद से क्षमा याचना करने लगी। यहाँ अबीगैल उसके दोषी पति नाबाल और दाऊद की तलवार के बीच खड़ी थी। यह काम हमारे प्रभु ने भी किया। वह हमारे और परमेश्वर की अग्निमय तलवार के बीच खड़ा हुआ। क्योंकि उसने हमारे पापों की सजा हमारे और परमेश्वर के बीच मध्यस्थ होकर खुद पर ले ली , ताकि हम उस सजा से बच सकें दाऊद ने अबीगैल कि याजना को सुना और जो कुछ उसने लाई थी उसे ग्रहण कर लिया ,फिर वह छावनी मए लौट गया । जब अबीगैल नाबाल को बताया कि क्या हुआ था था तो उसको हृदयघात हुआ और वह पत्थर सा हो गया। दस दिनों के बाद नाबाल मर गया। दाऊद ने परमेश्वर को धन्यवाद दिया कि उसने उसे लहू बहाने से बचा लिया और उसे उसके हाथों से बदला लेने से भी बचाया। बाद में दाऊद ने अबीगैल से विवाह कर लिया। वह खुशी-खुशी ऐसे व्यक्ति की पत्नी बन गई जो गुफाओं में रहता और जंगली स्थानों में घूमता रहता था, क्योंकि वह जानती थी कि जिसे वह अपना पति स्वीकार कर रही है वह परमेश्वर का अभिषिक्त राजा है। ‘‘यदि हम धीरज से सहते रहेंगे तो उसके साथ राज्य भी करेंगे’’, प्रेरित पौलुस ने कहा (2 तीमु 2:12)। नोट : अबीगैल - आनंद का स्त्रोत कुछ लोग सोचते हैं कि 25:3 में प्रयुक्त ‘‘कालेब’’ शब्द नाम नहीं परंतु साधारण संज्ञा है, और वे उसकी व्याख्या ऐसे करते हैं ‘‘वह एक कुत्ते जैसा कर्कश था।’’

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आत्मा से मारे देह की क्रिया को जिससे हम जीवन पाएँगे, संसारिक रीति से गर चलें हम निश्चय ही मृत्यु को पाएँगे जीवन और मृत्यु दो रास्ते हैं, चुनना तू जीवन के मार्ग को। चुनना होगा आज तुम को चौड़े या सकरे मार्ग को, यीशु कहता है आज तुम को, चुनना तू जीवन के मार्ग को।