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‘‘शमुएल बालक बढ़ता गया और यहोवा और मनुष्य दोनों उससे प्रसन्न रहते थे’’ (2:26)। आप इस पद को अच्छी तरह जानते होंगे। यह शमुएल बालक के विषय में है जो बाद में इस्राएल में भविष्यवक्ता और न्यायी बना। शमुएल के जीवन की शुरूवात में एली याजक था जो इस्राएल का न्याय करता था, परंतु बाइबल कहती है कि एली के पुत्र ‘‘लुच्चे थे, उन्होंने यहोवा को न पहिचाना’’ (2:12)। उनका पिता परमेश्वर का याजक था, परंतु उन्होंने परमेश्वर का भय नहीं माना और दुष्टताई का जीवन जीया। आज भी हम ऐसे धर्मियों के विषय जानते हैं जिनके बच्चों ने उनके पिता के विश्वास का तिरस्कार करके गलत मार्ग को चुना। परमेश्वर ने उसके दासों को आशीष देने की प्रतिज्ञा की है, परंतु यदि वे बच्चे अनाज्ञाकारिता और अंहकार के कारण परमेश्वर से दूर हो गए हैं तो वे आशीषों को खो देंगे। होप्नी और पीनहास इन जवानों के पाप के कारण इस्त्राएल देश पर भारी विपत्ति पड़ी उन दिनों में पलिश्ती लोग इस्राएल के विरुद्ध लढ़ने के लिये आए। कुछ वर्षों पूर्व, शिमसोन ने पलिश्तियों को बुरी तरह हराया था परंतु उसके बाद उन्होंने अपनी शक्ति वापस पा ली और अब वे फिर से इस्राएल के विरुद्ध खड़े हुए थे। इस्त्राएल ने पलिश्तियों के विरुद्ध लड़ाई की। परमेश्वर के लोगों की शक्ति हमेशा वही होती है जो वह देता है, और जब वे पाप करते हैं वे अपनी शक्ति खो देते हैं। हमने देखा कि किस तरह आकान के पाप के कारण इस्राएल की हार हुई थी। मंदिर में परमेश्वर का संदूक उसी जगह था जहाँ परमेश्वर की उपस्थिति प्रगट होती थी। लोग सोचते थे कि यदि वे संदूक को युद्ध क्षेत्र में साथ ले जाएँगे तो वे निश्चय जीतेंगे। अपने पापों के लिये पश्चाताप करने और परमेश्वर की ओर फिरने की बजाय उन्होंने सोचा कि संदूक की उपस्थिति उन्हें बचाएगी। जब संदूक छावनी में लाया गया तो सभी लोग चिल्ला उठे। ये उत्साह और चिल्लाना उनके अंधविश्वास के कारण था। जब पलिश्तियों ने आवाजें सुनी तो वे डर गए। चिल्लाना और गड़बड़ी मचाना आत्मिक आनंद दिख सकता है परंतु वे विजय नहीं देते। इस्राएल फिर से पलिश्तियों द्वारा पराजित किया गया। परमेश्वर का संदूक कब्जे में ले लिया गया और एली के दो पुत्र मारे गये। संदूक को परमेश्वर की आज्ञानुसार ही बनाया गया था और दया के सिंहासन पर उसकी उपस्थिति इस्राएल को कई बार प्रगट की जा चुकी थी, परंतु जब उसके लोगों ने संदूक का दुरूपयोग किया, तो परमेश्वर ने उसे उनके शत्रुओं के द्वारा कब्जा कर लेने दिया। जब एली ने समाचार सुना तो वह फाटक पर उंचे स्थान पर बैठा था। अचानक वह पीछे की ओर गिर पड़ा और उसकी गर्दन टूट गई और वह मर गया। एली एक अच्छा व्यक्ति था परंतु उसने अपने लड़कों को सही रीति से प्रशिक्षित नहीं किया था और न उन्हें उनके दुष्ट कार्यों के लिये डाँटा था। एली और उसके पुत्रों की मृत्यु साथ में संदूक का ले लिया जाना उसकी समय के पूर्व प्रसूति का कारण बना।एली का पुत्र, पीनाहास की पत्नी परमेश्वर का भय मानने वाली स्त्री थी। वह अपने बच्चे को जन्म देने ही वाली थी। वह बच्चे को जन्म देते समय मर गई।मरने के पहले उसने अपने बच्चे का नाम इकाबोद जिसका अर्थ है ‘‘महिमा चली गई है।’’ वह जानती थी कि इस्राएल की महिमा उनके मध्य में परमेश्वर की उपस्थिति में से ही होती थी। परमेश्वर के लोगों का विश्वास से पतन होने का परिणाम देखें। एक याजक द्वारा उसके पुत्रों को नियंत्रित न करने का परिणाम बड़ी दुर्घटना का कारण बना। एली के दुष्ट बेटों के कारण उसके परिवार ने बडे़ नुकसान उठाए और राष्ट्र के रूप में इस्राएल ने भी नुकसान झेला। परमेश्वर का संदूक छीन लिया गया और कई इस्राएली युद्ध में मारे गए। यदि आप एली के पुत्रों के समान बनेंगे तो आप तकलीफ उठाएंगे और दूसरों को भी तकलीफ पहुँचाएंगे। दूसरी ओर, यदि आप शमुएल के समान परमेश्वर और मनुष्यों के अनुग्रह में बढ़ेंगे तो आप परमेश्वर से आशीष पाएंगे, और दूसरों के लिये भी आशीष का कारण बनेंगे
वक्त चुनौती देकर पूछे, तुमसे बारम्बार यीशु मसीह को बनाया तुमने जीवन का आधार, सोचना होगा हर प्राणी को, क्या वह है तैयार, देखो शायद कल न आये करना न इनकार, एक दिन करना होगा, सबको उसका सामना । मेरे गीतों का विषय तू मेरी आराधना, तेरी महिमा मुझ से होवे यह मेरी है कामना ।