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परिचय : हमने देखा कि रूत अनाज बीनने के लिये खेत में गई। जिस खेत में वह गई थी, वह खेत बोअज का था। यह व्यक्ति उसके ससुर एलीमेलेक का नज़दीकी रिश्तेदार था और बहुत धनी था। रूत अनजाने में ही उसके खेत में चली गई थी। यह परमेश्वर की योजना के अनुसार ही उसके लिये हुआ था। हमें याद रखना चाहिये कि परमेश्वर हमारे जीवन की छोटी बातों पर भी नियंत्रण रखता है। मत्ती 10:30 में हम पढ़ते हैं, ‘‘तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं।’’ जब रूत बीन रही थी, बोअज खेत में आया। बोअज दयालू और परमेश्वर का भय मानने वाला था। वह अपने दासों से प्रेम करता था। वे भी उससे प्रेम करते और उसका आदर करते थे। इस बात को हम अभिवादन के शब्दों में देख सकते हैं जो वे प्रभु के नाम में करते हैं। बोअज ने आदर्श और शर्मीली स्त्री को देखा जो खेत में बीन रही थी। फसल काटने वालों के निरीक्षकों ने उसे रूत के विषय अच्छी बातें बताई। उसका व्यवहार इतना अच्छा था कि जो भी उसे देखता तुरंत उसके विषय अच्छा ही सोचता। बोअज ने रूत के साथ नम्रता से बात किया। वह उसके सामने झुककर बोली, ‘‘क्या कारण है कि तूने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि करके मेरी सुधि ली है?’’ जैसे वह उसकी सास से बोलती थी वैसे ही शब्द उसने बोअज से बोली जो अतिशय हृदय को छूनेवाले और सुखदायी थे। हमारे शब्द हमेशा ऐसा होना चाहिये जो दूसरों को शांति और आनंद प्रदान करें। महान और धनी बोअज ने रूत के साथ नम्रता और दयालुता का व्यवहार किया। वह हमारे प्रभु यीशु मसीह का एक प्रकार है। बोअज ने रूत के लिये जो किया उसमें हम उस चित्रण को देखते हैं जो प्रभु उन्हें देता है जो उसके पास आते हैं। ये कुछ बातें हैं जो बोअज़ ने रूत के लिये की, 1) उसने उसे उसके खेत में तब तक बीनने को कहा जब तक कटनी पूरी नहीं हो जाती और उसके कर्मचारियों से कहा कि वे विशेषकर उसके लिये कुछ बालियाँ गिराया करें। हमारा प्रभु उसके दासों को कार्य करने के लिये खेत देता है, और उनके कार्यों को मजदूरी भी देता है। 2) बोअज़ ने रूत से कहा कि वह उसकी दासी लड़कियों के संग रहे। प्रभु हमें उसके लोगों की संगति देता है। 3) उसने उसे खाने के लिये भोजन दिया और दासों से कहा कि वे उसे न रोकें और न डाँटे। हमारा प्रभु हमें रोज की रोटी देता है, और हमारी रक्षा करता है। 4) अंत में बोअज ने उसे पत्नी बनाया और अपनी सारी संपत्ति की भागीदार बनाया। अंत में हमारा प्रभु भी हमें महिमा में उसके साथ स्वीकार करेगा और हमेशा के लिये उसकी दुल्हन बनाएगा नओमी ने रूत को बताई कि बोअज भूमि छुड़ानेवाला रिश्तेदार है। इस्राएल में एक नियम था कि जब कोई व्यक्ति बिना संतान के मर जाता था तो उसके भाई को उस विधवा से विवाह करना पड़ता था (व्यवस्थाविवरण 25:5)। बाद में यह प्रथा बन गई कि यदि मृतक के भाई न हों तो नजदीकी रिश्तेदार उस विधवा से विवाह कर सकता था। ऐसा रिश्तेदार छुड़ानेवाला कहलाता था। यह जानकर और उसकी सास की सलाह के अनुसार रूत बोअज के पास गई। बोअज ने उसे उसके चरणों में शरण लेने के विषय नहीं डाँटा। हमारा प्रभु भी किसी को नहीं डाँटता जो उसके पास आते हैं। वे सब जो चिंतित और बोझ से दबे हुए हैं, उसके पास विश्राम पाएंगे। (मत्ती 11:28)। बोअज नगर के फाटक पर गया। जैसा कि हमने पहले देखा कि यह वह स्थान था जहाँ नगर के मुखिये आपस में मिलकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते थे। बोअज ने दस वृद्धों को बुलाकर बिठाया। सामान्यतः दो या तीन गवाह काफी होते हैं, परंतु चूंकि बोअज अति महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करना चाहता था, उसने दस लोगों को बुलाया। कई और लोग भी वहाँ इकट्ठे हो गए। उनकी उपस्थिति में बोअज ने रूत से विवाह करने का अपना इरादा घोषित किया। तब वहाँ इकट्ठे सभी लोग और वृद्ध संतुष्ट हो गए और बोअज और रूत पर आशीषों और शुभकामनाओं की बौछार किये। इस प्रकार उनका विवाह हो गया और परमेश्वर ने उसे प्रतिफल दिया जिसने अपने लोग और देश को जीवते परमेश्वर के लिये छोड़ आई थी। परमेश्वर ने नओमी को भी आनंद और शांति दिया। आखिरकार, रूत और बोअज को एक पुत्र हुआ। उसका नाम ओबेद था। दाऊद राजा का पिता यिशै ओबेद का पुत्र था। आप जानते हैं कि मसीह का जन्म दाऊद के वंश में ही हुआ था। मोआबी रूत हमारे प्रभु यीशु मसीह की दादी माँ थी। परमेश्वर उन्हें उँचा उठाता है जो उस पर पूरा भरोसा करते हैं। नोट : बोअज - बलवान पुरुष कौटुँबिक छुड़ानेवाला - मूल अर्थ स्वतंत्र करना। इब्री लोगों में गोएल, जीवते में सबसे नजदीक खून का रिश्तेदार होता था। उसके उपर अगले वारिस की जवाबदार बनती थी। 1) यदि कोई व्यक्ति गरीबी के कारण उसकी संपत्ति को छुड़ा नहीं सकता था तो यह ऐसे कुटुंबी छुड़ानेवाले की जवाबदारी बनती थी कि उसे छुड़ाए (लैव्यवस्था 25ः25-28; रूत 3ः9,12)। उसे उस रिश्तेदार को भी छुड़ाना होता था जिसने स्वयँ को गुलामी में बेच दिया हो (लैव्यवस्था 25ः48,49)। 2) गोएल खून का बदला लेने वाला भी था (गिनती 35ः21) यदि मामला अगले वारिसदार की हत्या का होता था। यद्यपि इस पुस्तक की घटनाएँ न्यायियों के समय में हुई थीं, इन्हें कुछ वर्षों बाद ही लिखा गया। यह बात इन अभिव्यक्तियों द्वारा प्रमाणित होती है जैसे ‘‘पहले के समय में यह प्रथा थी।’’ (4ः7)। कुछ लोगों का मानना है कि शमुएल ने इस पुस्तक को लिखा था
मुझमें यीशु की शोभा दिखाई दे, उसका अद्भुत प्यार और वह निर्मलता, हे तू, आत्मा पवित्र! कर शुद्ध मेरा चरित्र, मुझमें यीशु की शोभा दिखाई दे।