Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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क्या आपने कभी छिपकर कोई गलत काम किया है, यह सोचकर कि किसी को उस बात का पता नहीं चलेगा? (कुछ उदाहरण दें)। लूसी के पापा ने उसके जन्मदिन पर उसे एक रंगबिरंगी गुड़िया लाकर दिये। उसका भाई उससे इर्ष्या करने लगा। एक दिन किसी तरह गुड़िया गायब हो गई। लूसी और परिवार के सभी सदस्यों ने उसे ढूंढा, परंतु नहीं खोज सके। कई सप्ताह बीत गए और आंगन के एक कोने में उन्होंने नए बीज के पौधों का समूह देखा। लूसी उन्हें उखाड़कर उनके खेत में लगाना चाहती थी। इसलिये उसने उन्हें खोदने की कोशिश की। ऐसा करते समय उसे उसकी गुड़िया वहाँ दफन की हुई मिली! उस गुड़िया को वहाँ किसने गाड़ा? बेशक लूसी के भाई ने ही गाड़ा था। उस गुड़िया के कपड़ों के टुकड़ों में बीन्स के कुछ बीज थे जो अंकुरित हो गये थे! उसके पाप ने उसे पकड़वा दिया। इस कहानी को सुनें और देखें कि एक छिपा हुआ पाप किस तरह प्रकाश में आया हमने देखा कि इस्राएलियों ने कैसे यरीहो शहर पर कब्जा किया था। यहोशू ने लोगों से कहा था कि क्योंकि यरीहो का सब कुछ श्रापित था, सभी चांदी, और सोना और पीतल और लोहे के बर्तन परमेश्वर को समर्पित किये जाएँ (यहोशू 6:17-19)। परंतु जब यहूदा के गोत्र के आकान ने कुछ अच्छी चीजों को देखा तो वह उन्हें हासिल करना चाहता था। परमेश्वर की आज्ञा को नजरअंदाज करते हुए उसने उन चीजों को अपने पास रख लिया। अपनी आखों की अभिलाषा में पड़कर उसने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया। हमारी प्रथम माता हव्वा ने मना किये हुए फल को लेकर खाई क्योंकि वह देखने में मनभाऊ था (उत्पत्ति 3:6)। अय्यूब ने कहा कि उसने अपनी आखों के साथ वाचा बांधा है कि वह ऐसी बातों को नहीं देखेगा जो परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते (अय्यूब 31:1)। परमेश्वर की संतानों को स्वयं को निश्चित करना चाहिये कि वे ऐसी चीजों को नहीं देखेंगे जिसकी मनाही की गई होआकान ने बेबीलोन का एक वस्त्र, चांदी के दो सौ शेकेल और सोने की एक ईंट ले लिया। जब उसने उसकी इच्छानुसार चीजें पा लिया तो वही उसके लिये बोझ बन गई। वह ओढ़ना ओढ़कर बाहर नहीं जा सकता था और न ही चांदी या सोना किसी को दिखा सकता था। इसलिये उसने सब कुछ अपने तंबू में गाड़ दिया। आकान ने सोचा कि इतनी बड़ी भीड़ में वह पकड़ा नहीं जाएगा, परंतु परमेश्वर ने जो सब कुछ देखता है उसके कार्य को भी देखा। यरीहो के बाद इस्राएलियों को जो स्थान लेना था वह ऐ था, जो बेतेल से दो मील दूर दक्षिणपूर्ण में छोटा शहर था (उत्पत्ति 12:8; 13:3)। यह सोचकर कि उसे आसानी से जीता जा सकता है, यहोशू ने वहाँ केवल 3000 पुरुषों को ही भेजा, परंतु उन्हें ऐ के लोगों के सामने से भाग जाना पड़ा। जो विजय इस्राएलियों ने अब तक हासिल किया था वह उनकी ताकत से नहीं थीं, परंतु परमेश्वर के अनुग्रह और सामर्थ से थी। जब छावनी में पाप आया तो उन्होंने उस सामर्थ को खो दिया। फिर यहोशू और इस्राएल के अगुवे परमेश्वर के संदूक के आगे दंडवत किया और प्रार्थना की। परमेश्वर के लोगों को जब भी वे मुसीबत में हो, परमेश्वर के ही पास जाना चाहिये। भजनकार कहता है : ‘‘जब तक ये विपत्तियाँ निकल न जाएँ तब तक में तेरे पंखां तले शरण लिये रहूँगा’’ (भजन 57:1)। परमेश्वर ने यहोशू को बताया कि उनकी पराजय पाप के कारण हुई थी। विजय के लिये प्रार्थना करने से पहले उन्हें उनके पापों से छुटकारा पाना चाहिये। कोई भी व्यक्ति जिसके पाप धोकर शुद्ध न किए गये हों, पवित्र परमेश्वर के संमुख खड़े नहीं रह सकता। यहोशू सुबह जल्दी उठ गया और सभी इस्त्राएलियों को उनके गोत्रों के अनुसार उसके सामने लाया। सबसे पहले यहूदा का गोत्र अलग किया गया फिर जेरहवंशियों का परिवार, फिर जबदी और अंत में आकान का परिवार जो कर्म्मी का पुत्र था अलग किये गये। यहोशू ने यह कार्य चिट्ठियाँ डालकर किया होगा (नीतिवचन 16:33)। जब आकान को ले जाया जा रहा था तब यहोशू ने दुख के साथ उसके इस पाप के विषय पूछा। आकान ने अपना पाप स्वीकार कर लिया। यदि वह ले जाए जाने के पहले अपना पाप मान लेता और माफी मांग लिया होता तो अच्छा हुआ होता। उसने उन्हें बताया कि उसके द्वारा रखी गई वे वस्तुएँ उसके तंबू के भीतर जमीन में गड़ी हैं। यहोशू ने दूतों को भेजा कि वे उसे निकाल ले आएँ। फिर यहोशू और इस्राएल की सभी संतानों ने आकान, चांदी और ओढ़ना, और सोना और उसके बेटे और बेटियों को, उसके बैलों, गदहों, भेडों, उसके तंबू और उसका जो कुछ था लेकर आकोर नामक घाटी में ले गये। वहाँ लोगों ने उन्हें पथरवाह करके मार डाला और उन्हें आग से जला दिया इस्राएल को दी गई सामान्य आज्ञाओं में एक आज्ञा यह थी कि पिता के पाप की सजा बच्चों को नहीं दी जानी चाहिये (व्यवस्थाविवरण 24:16 ) हम नहीं जानते कि आकान के बच्चों को छोड़ दिया गया था या नहीं, परंतु हम यह देखते हैं कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना कितनी महत्वपूर्ण बात है (ऐसा माना जाता है कि आकान का परिवार भी इस पाप में शामिल था! परिवार ने उसे चोरी की वस्तुओं को तंबू में छिपाने में मदद की होगी । रहा होगा)। परमेश्वर के लोगों को पवित्र रहना चाहिये उन्हें ऐसी वस्तुओं की लालसा नहीं करना चाहिये जिन्हें परमेश्वर ने शापित किया या मना किया है। परमेश्वर का न्याय अशुद्धता और अनाज्ञाकारिता के पाप पर आता ही है, और व्यक्ति के गलत कार्य दूसरों के लिये भी क्लेश का कारण होते हैं। आकान की अनाज्ञाकारिता ने सारे इस्राएल को पराजय दिलाई और परमेश्वर के कई लोग युद्ध में मारे गये आकान ऐ नगर में परमेश्वर की आशीषें पाया होता यदि वह परमेश्वर की आज्ञा का पालन करता बजाय अपनी लालच को महत्व देने के। याद रखें पाप हमेशा आपको और दूसरों को तकलीफ पहुँचाता है। यह परमेश्वर का महान अनुग्रह है कि हमारे पाप इस अनुग्रह के युग में क्षमा किये जा सकते हैं यदि हम पश्चाताप करें और अपने पापों का अंगीकार करें और स्वयँ को पूरी तरह मसीह के अधीन करें (1 यूहन्ना 1:7)। ‘‘जान रखो कि तुम को तुम्हारा पाप लगेगा’’ (गिनती 32:23)। नोट : आकान - वह जो तकलीफ देता ह
अब छोड़ दुनिया के (सुखों को-2) (3) कि उसकी खुशी जाती है, होगी तमाम जब (ज़िन्दगी-2) (3) कोई कौड़ी साथ न जाएगी। को- यीशु राजा आयेगा बहुत जल्दी आयेगा आसमान पर ले जाने को हमको।