Class 3, Lesson 38: लुदिया

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Lesson Text

इस यात्रा में फिलिप्पी जाना बहुत ही महत्वपूर्ण था, क्योंकि पहली बार यीशु मसीह का संदेश यूरोप में प्रचार किया गया । वहाँ न आराधनालय था और न ही यहूदीयों की सख्यां ज्यादा थी, इसलिए चारों प्रचारक नगर के बाहर नदी के किनारे आए जहाँ कुछ भक्त लोग प्रार्थना करने आते थे और वे स्त्रियों को सुसमाचार सुनाने लगे, जो वहाँ इकट्ठी थी । उनमे लुदिया नाम एक स्त्री थी, जो बैंजनी वस्त्र का व्यापार करती थी । वह थुआथीरा की रहने वाल थी, जो बैंजनी वस्त्र के लिए काफी प्रसिद्ध था । जब उसने पौलुस की बाते सुनी तो वह रूककर सुनने लगी और प्रभु ने उसके मन को खोला । वह और उसके घराने के सभी लोगों ने विश्वास किया और बपतिस्मा लिया । उसने पौलुस और अन्य प्रचारकों को अपने घर में ठहरने के लिए निवेदन किया । लुदिया यूरोप की पहली विश्वासी थी, और बहुत से लोगों ने उसका अनुकरण किया और शीघ्र ही फिलप्पी में एक कलीसिया की स्थापना हुई । लुदिया के बारे में इन बातों पर ध्यान दिजिए:- ऽ वह कुरनेलियुस के समान परमेश्वर की अराधक थी । ऽ वह प्रार्थना करने के स्थान में नियमित रूप से जाया करती थी । ऽ जब उसने यीशु मसीह का संदेश सुना, तो उसपर ध्यान दिया और विश्वास किया । 83 84 अर्थात उसने अपना मन प्रभु के लिये खोल दिया । ऽ तत्पश्चात उसने अपने घर को प्रचारकों के लिये खोल दिया और उनका आदर सत्कार किया

Excercies

Song

एक छोटा दिया प्रभु का दूर चमकने दो 3 हर जगह हर समय रोशनी दो। 1 जा के उसको फूंक दूं क्या, नहीं चमकने दो। (3) हर जगह हर समय रोशनी दो। 2 टोकरी के नीचे रख दूं क्या नहीं चमकने दो। (3) हर जगह हर समय रोशनी दो।