Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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शाऊल यीशु मसीह पर विश्वास करनेवाले सभी लोगों को बंदी बनाने की योजना बनाया था । जब कभी उनके मारे जाने की कोई बात आती, तो वह तुरन्त उनके विरोध में अपनी सम्मति देता था । वह ऐसा सोचता था, कि वह परमेश्वर को प्रसन्न करने वाला कोई कार्य कर रहा है । वह महायाजक के पास भी गया और उससे दमिश्क के आराधनालयों में से मसीहियों को ढूंढकर उन्हें यरूशलेम बान्धकर लाने का अधिकार पत्र प्राप्त किया । वह इसी उद्देश्य से दमिश्क जा रहा था, तो एकाएक आकाश से सूर्य के तेज से भी बढ़कर एक ज्योति को अपने उपर चमकते हुए देखा और वह भूमि पर गिर पड़ा और उसने यह शब्द सुना, ”हे शाऊल, हे शाऊल तू मुझे क्यों सताता है ।“ शाऊल भयभीत होकर और काँपते हुए पूछा, ”हे प्रभु तू कौन है ।“ प्रभु ने कहा, ”मैं यीशु हूँ, जिसे तू सताता है ।“ आपने देखा, यीशु मसीह के विश्वासियों को सताना अर्थात स्वयं यीशु मसीह को सताना है । तब शाऊल ने कहा, ”हे प्रभु मैं क्या करूँ ?“ प्रभु ने उत्तर दिया, ”उठकर नगर में जा, और जो तो तुझे करना है, वह तुझ से कहा जाएगा ।“ उसके साथियों ने भी ज्योति देखी और डर गए । शाऊल भूमि पर से उठा, पर वह कुछ देख न सका । परमेश्वर की महिमा ने उसे अन्धा कर दिया । वह अपने मित्रों का हाथ पकड़ के दमिश्क में आया, जहाँ वह तीन दिन तक बिना खाए - पीये पड़े रहा । दमिश्क में हनन्याह नाम प्रभू का एक चेला रहता था । प्रभु ने उससे कहा, ”उठकर उस गली में जा, जो सीधी कहलाती है, और यहूदा के घर में शाऊल नाम एक तारसी को पूछ लें, क्योंकि वह प्रार्थना कर रहा है ।“ हनन्याह दुविधा में पड़कर कहा, ”हे प्रभु, मैं ने इस मनुष्य के विषय में बहुतों से सुना है, कि इसने तेरे पवित्र लोगों के साथ बड़ी-बड़ी बुराइयाँ की हैं, और 80 यहाँ भी इस को महायाजकों की ओर से अधिकार मिला है, कि जो लोग तेरा नाम लेते हैं, उन सब को बन्दी लें ।“ प्रभु ने कहा, ”तू चला जा, क्योंकि यह तो अन्यजातियों और इस्राएलियों के साम्हने मेरा नाम प्रगट करने के लिये चुना हुआ पात्र है ।“ हनन्याह ने वैसा ही किया, जैसा उसे बताया गया था और उसने अपना हाथ शाऊल के काँन्धे पर रखकर कहा, ”हे भाई शाऊल प्रभु यीशु ने मुझे भेजा है, कि तू फिर से दृष्टि पाए और पवित्रआत्मा से परिपूर्ण हो जाए ।“ और तुरन्त उसकी आँखों से छिलके से गिरे और वह देखने लगा और उठकर बपतिस्मा लिया, फिर भोजन करके बल पाया ।
STOP and let me tell you What the Lord has done for me (2) He forgave my sins and he saved my soul He cleansed my heart and he made me Whole. STOP and let me tell you What the Lord has done for me.