Class 3, Lesson 34: स्तिफनुस

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Lesson Text

इब्रानि एवं यूनानी में से अनेक विश्वासी जन थे । पर जैसे-जैसे संख्या बढ़ी वैसे ही समस्याएँ भी उत्पन्न हुई । यूनानियों ने शिकायत किया, कि जब भोजन बाँटा जाता है, तो उनकी विधवाओं की सुधि नहीं ली जाती । अतः प्रेरितों ने सब लोगों को एक साथ बुलाया और उनसे कहा, कि वे पवित्रआत्मा से भरे हुए सात योग्य पुरूषों का चयन करें, जो भोजन बाँटने का कार्य करेगें । कलीसिया के इन कार्यों को करने के लिये, ऐसे ही पुरूषों की आवश्यकता थी और स्तिफनुस इस तरह का एक जन था । वह बहुत ही बुद्धिमान, योग्य एवं विश्वास और पवित्रआत्मा से भरा हुआ व्यक्ति था । प्रेरितों के द्वारा प्रचार किये गए परमेश्वर के वचन को सुनकर बड़ी संख्या में लोग कलीसिया में मिलने लगे । बहुत से यहूदी पुरोहित भी कलीसिया में मिल गये । स्तिफनुस परमेश्वर के वचन को फैलाने में बड़ा कुशल था । उसका विश्वास बहुत बड़ा था और उसने अनेक अद्भूत काम किये थे । जो यहूदी यीशु मसीह के अनुयायी नहीं थे, बहुत ही क्रोधित हुए और वे कलीसिया की बढ़ोत्तरी में रूकावट डालने का मार्ग ढूंढने लगे । वे लोगों से कहने लगे, कि हमने स्तिफनुस को मूसा और परमेश्वर के विरूद्ध मंे बाते करते सुना है । तब स्तिफनुस को महासभा में लाया गया और उसपर दोष लगाए गए । सब लोग जो महासभा में बैठे थे, स्तिफनुस की ओर ताककर उसका मुखड़ा स्वर्गदूत का सा देखा । महायाजक ने उससे पूछा, क्या यह बात सच है, कि तूने मूसा और परमेश्वर के विरूद्ध में बातें की है । स्तिफनुस का उत्तर एक बड़े उपदेशक के रूप आया । उसने अपने सुननेवालों को स्मरण दिलाया कि इब्राहीम को परमेश्वर ने दर्शन दिया था । उसने उन्हें उन सारी बातों का स्मरण 75 76 दिलाया, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने यहूदियों से की थी, वे कैसे मिस्र से बच निकलें, वे कैसे मरूभूमि में भटकते रहें, उन्हें कैसे व्यवस्था दी गई और मंदिर का निर्माझा कैसे किया गया ।स्तिफनुस ने उन्हें यह भी याद दिलाया, कि इस्राएली कई बार परमेश्वर से दूर चले जाते थे, उन्होंने सोने का बछड़ा बनाया और उसकी आराधना कि, और कैसे भविष्यवक्ताओं को भी सताया । अन्ततः उसने कहा, ”जैसे तुम्हारे बापदादा करते थे, वैसे ही तुम भी करते हो, तुमने उस धर्मी को (प्रभू यीशू ) पकड़वाया और मार डाला, जो तुम्हारे लिए भेजा गया था । ये बातें सुनकर वे उसके विरूद्ध में खड़े हो गए, पर स्तिफनुस पवित्र आत्मा से पूरिपूर्ण होकर कहा, ”देखो मैं स्वर्ग को खुला हुआ, और मनुष्य के पुत्र को परमेश्वर की दाहिनी ओर खड़ा हुआ देखता हूँ ।“ तब वे क्रोध से भरकर उस पर झपटें और नगर से बाहर निकालकर उस पर पत्थरवाह करने लगे । और गवाह जो स्तिफनुस को पत्थरवाह कर रहे थे, अपने कपड़े शाऊल नाम एक जवान के पांवों के पास उतार रखे थे । स्तिफनुस ने घुटने टेके और अपने सतानेवालों के लिए प्रार्थना किया और तब वह मर गया । क्या आप किसी और व्यक्ति को जानते हैं, जिसने अपनी मृत्यु से पहले अपने शत्रुओं के लिए प्रार्थना किया था । पढ़ें-लूका 23ः34 ।

Excercies

Song

धन्य वीरों का इस मंडली के तेरे नाम पर जो बलिदान हुए, हम उनके साहस त्याग को ले नित्य आगे बढ़ते जाते है । धन्यवाद सदा प्रभु ख्रिस्त तुझे तेरे सन्मुख शीश नवाते है, हम तेरी आराधना करने को दरबार में तेरे आते है ।