Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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एक राजा ने अपने पुत्र का ब्याह का भोज का आयोजन किया । आप जानते हैं, कि ब्याह का भोज कैसा होता है । कल्पना करें, कि राजकुमार का ब्याह का भोज कैसा होना चाहिए । उसमें बड़ी संख्या में लोगों को निमंत्रण दिया गया होगा और अधिक से अधिक मात्रा में अच्छे भोजन बनाए गए होगें । सामान्यतः ब्याह के भोज में बुलाया जाना आदर की बात होती है और राजा के पुत्र के ब्याह में बुलाया जाना, तो और भी बड़ी बात है । परन्तु नेवताहारी जो राजा के द्वारा बुलाए गए थे, भोज में आने के लिए ध्यान नहीं दिए । तब राजा ने कुछ दासों को भेजा, जिन्होने स्वदिष्ट भोजन के विषय में नेवताहारिया को बतया, पर अब भी नेवताहारियों ने आने के लिए ध्यान नहीं दिया । अनेक नेवताहारियों ने अपने कार्यद्व व्यापार और यात्रा के कारण क्षमा करने के लिए कहा । कुछ नेवताहारियों ने राजा के दासों का अनादर किया और कुछ ने तो उनको मार भी डाला । जब राजा ने यह सुना, तो वह बहुत ही दुखित और क्रोधित हुआ । तब उसने अपने अन्य दासों को चैराहों में भेजा और उनसे कहा, जो भी इच्छुक हो उन सभी को बुला लाओ । और जितने लोग तुम्हें मिले, क्या गरीब, क्या अमीर, भले या बुरे, स्वस्थ या बीमार सबों को बुला लाओ । सो दासों ने बाहर जाकर, जिनको उसने पाया सबको ब्याह के भोज में ले आया, जब तक कि सार घर जेवनहारों से भर न गया । हर आनेवाले को ब्याह का वस्त्र पहनने के लिए कहा गया, जिसे राजा ने अपने नेवताहारियों के लिए तैयार करवाया था । राजा अपने नेवताहारियों को देखने के लिए मुख्य भवन में आया । हर कोई ब्याह का वस्त्र पहिने हुए था, पर एक नेवताहारी अपना ही वस्त्र पहिने हुए था । राजा ने उसे देखकर पूछा, हे मित्र, तू ब्याह का वस्त्र पहिने बिना यहाँ क्यों आ गया है ? परन्तु उसके पास इसका कोई उत्तर नहीं था । तब राजा बहुत क्रोधित हुआ और उससे ब्याह के भोज से बाहर चले जाने को कहा ।
Wide wide as the ocean, high as the heaven above, Deep deep as the deepest sea Is my saviors love. I though so unworthy, still am a child of His care. For His word teaches me, that His love reaches me everywhere.