Audio | Prayer | Song | Instrumental |
---|---|---|---|
परिचय - यीशु मसीह के समय यहूदियों के दो समूह थे, सदुकी और फरीसी । सदूकी स्वर्गदूत या आत्मा या मरे हुओ के पुनरूत्थान पर विश्वास नहीं करते थे । पर फरीसी इन पर विश्वास करते थे । (प्रेरितों 23ः8) सदूकी जीवन में आनन्द उठाने पर विश्वास करते थे । परन्तु फरीसी अपने व्यवस्था के प्रति काफी कट्टर और हमेशा उनका पालन करनेवाले थे । वे अशुद्धता के भय से सदा आम लोगों से दूर ही रहते थे । पाठ:- यीशु को शमौन नाम फरीसी के घर में भोजन के लिए आमंत्रित किया गया था । यीशु वहाँ गया और भोजन करने के लिए बैठा । जैसे हम अभी बैठे हैं, वे वैसे नहीं बल्कि आराम से पलंग पर एक छोटी मेज के सामने बैठते थे, जिसपर भोजन परोसा जाता था । वास्तव में वे अपने पैरों को पलंग पर फैलाकर बैठते थे । यह जानकर, कि यीशु शमौन के घर में आया हुआ है, एक पापिनी स्त्री शमौन के घर संगमरमर के पात्र में इत्र लेकर आई । वह यीशु के निकट खड़ी हो गई और इतना अधिक रोने लगी, की उसके आँसु प्रभू के पांव पर गिरने लगे। आप और मैं आँसुओं को पोछने के लिए रूमाल का प्रयोग करते हैं, परन्तु उसने अपने लम्बे बालों का उपयोग, यीशु के पाँव पर के आँसुओं को पोछने में किया । तब उसने उसके पाँव को चूमा और उसपर इत्र मला । शमौन आश्चर्य से यीशु की ओर देख रहा था । उसने सोचा, कि यदि वह भविष्यवक्ता होता, तो जान जाता कि यह स्त्री कितनी पापिनी है और वह उससे दूर हटकर अशुद्ध नहीं होता । यीशु जान गया कि फरीसी ने अपने मन में क्या सोचा है और उसने उससे एक दृष्टांत कहा । उसने कहा, ”किसी महाजन के दो देनदार थे एक पाँच सौ और दूसरा पचास दीनार धारता था । जबकि उनके पास पटाने को कुछ न रहा, तो उस ने दोनों को क्षमा कर दिया, सो उनमे से कौन, उसे से अधिक प्रेम रखेगा । शमौन ने उत्तर दिया, ”मेरी समझ में वह, जिसका उस ने अधिक छोड़ दिया ।“ यीशु ने कहा, ”तू ने ठीक विचार किया है ।....क्या तू इस स्त्री को देखता है ? मैं तेरे घर आया, परन्तु तू ने मेरे पाँव धोने के लिए पानी न दिया, पर इसने मेरे पाँव आँसुओं से भिगाँए, और अपने बालों से पोछा ! तू ने मुझे नही चूमा पर इसने मेरे पाँव पर पाँवों को चूमना न छोड़ा । तू ने मेरे सिर पर तेल नहीं मला, पर इसने मेरे पाँवों पर इत्र मला है ।(ये सभी कार्य, स्वागत और सम्मान से एक व्यक्ती को ग्रहण करने के बाहरी चिन्ह थे) इसलिए मैं तुझसे कहता हूँ, कि इसके पाप जो बहुत थे क्षमा हुए, क्योंकि इस ने बहुत प्रेम किया है ।“ तब यीशु स्त्री की ओर मुड़ा और बोला, ”तेरे पाप क्षमा हुए । तेरे विश्वास ने तुझे बचा लिया है । कुशल से चली जा और फिर पाप न करना ।“
करके माफ मुझे अपना पुत्र बनाया है, प्यार से यीशु ने गले मझको लगाया है, शुद्ध किया मुझको देखो अपने लहू से, अच्छा चरवाहा यीशु मेरा रक्षक है।