Class 3, Lesson 20: हामान

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उसके देश में कई सारे राष्ट्रों के बन्दी निवास करते थे । उनमें एस्तेर नाम एक जवान यहूदी लड़की भी थी । एस्तेर अनाथ थी, इस कारण वह अपने चाचा मोर्दकै के साथ रहती थी । एस्तेर भी उन लड़कियों में थी, जिन्हें राजभवन में लाया गया था, ताकि राजा उनमें से एक को अपनी पत्नी के रूप में चुनाव करे । जब राजा ने एस्तेर को देखा, तो उसने अन्य सभी लड़कियों से सर्वाधिक उसे ही पसंद किया । इसलिए उसने उसे अपनी पटरानी बनाया । मोर्दकै तो राजभवन के फाटक के पास बैठा करता था, ताकि वह जान सके कि उसकी भतीजी, राजभवन में कैसी है । एक दिन मोर्दकै ने छिपकर दो जनों को राजा को मार डालने की गुप्त योजना बनाते हुए सुना । तब शीघ्र ही उसने इस बात की सूचना एस्तेर को दे दी, और उसने उसका नाम लेकर राजा को उस गुप्त योजना के संबंध में बता दिया, जिसका पता मोर्दकै ने लगाया था । वे दोनों पकड़े गये और उन्हें मृत्यु-दण्ड दिया गया, तथा इस वृतांत को पूर्ण विवरण सहित इतिहास की पुस्तक में लिख लिया गया । हम्मदाता का पुत्र हामान राजा का सबसे प्रिय एवं मुख्य सलाहकार था । इसलिए राजा ने घोषणा की थी, कि हर कोई हामान के साम्हने झुककर दण्डवत करेगा । यहूदी मोर्दकै को छोड़कर बाकी सभी लोग ऐसा ही करने लगे । इससे हामान बहुत क्रोधित हुआ और उसने एक यहूदी व्यक्ति पर हाथ चलाना छोटी बात जानकर, उसके बदले सम्पूर्ण यहूदी जाति को ही नाश करने का निर्णय लिया । वह राजा के पास एक चतुर योजना के साथ गया । उसने कहा कि तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य एक येसी जाति है जो तेरे नियमों पर नहीं चलती परन्तु वे अपने ही नियमों पर चलते हैं । इसलिए उन्हे रहने देना लाभदायक नहीं है । अतः कृपा कर मुझे उन्हें नाश करने की अनुमति दे, और मैं राजभण्डार में पहुँचाने के लिए दस हजार किक्कार चाँदी दूंगा । तब राजा ने अपनी अँगूठी अपने हाथ से उतारकर हामान को दिया और उससे कहा, कि जैसा तेरा जी चाहे वैसा ही कर । तब हामान ने चिट्ठी लिखवाकर घोषणा कराया, कि बारहवें महीने के तेरहवें दिन सभी यहूदी नाश किए जाऐं और उस पर राजा की अँगूठी की छाप लगाकर, राजा के अधीन सभी एक सौ सताइस प्रान्तों में पढ़ा गया । यह खबर सुनकर मोर्दकै विलाप करने लगा । उसने अपने वस्त्र फाड़ डाले और सिर पर राख डालकर गलियों में रोने-चिल्लाने लगा । एस्तेर और उसकी सहेलियों ने तीन दिन तक उपवास और प्रार्थना किया । तत्पश्चात वह तैयार होकर राजभवन के आँगन में गई । राजा ने उसे खड़ा देखकर, उसकी ओर सोने का राजदण्ड बढ़ाया और उससे पूछा, कि वह क्या चाहती है ? उसने राजा एवं हामान को अपने घर जेवनार में आने का निमंत्रण दिया । हामान बहुत आनन्दित और गर्वित हुआ, कि रानी ने उसे आमंत्रित किया है और वह बड़ी प्रसन्नता के साथ रानी के महल में गया । फिर जेवनार में राजा ने एस्तेर से पूछा, कि वह क्या चाहती है, पर उसने केवल यह ही कहा, कि कल फिर राजा और हामान उसकी जेवनार में आएँ । हामान इससे और भी गर्वित हुआ, परन्तु जैसे ही वह बाहर निकला उसने मोर्दकै को राजभवन के फाटक के पास बैठे देखा, तो वह फिर क्रोध से भर गया । उसकी पत्नी एवं उसके मित्रों ने उसे फाँसी का खम्भा बनवाकर, उसपर राजा की आज्ञा से मोर्दकै को लटकाने की सलाह दी । हामान को यह सलाह पसंद आयी और उसने अपने लोगों को शीघ्र ही फाँसी का एक खम्भा बनाने का आदेश दिया । उस रात राजा को नींद नहीं आई, इसलिए उसने इतिहास की पुस्तक मँगवाकर उसे पढ़ने के लिए कहा । जैसे ही उसने सुना, कि मोर्दकै ने उसके प्राण को बचाया था, पर उसे इस कार्य के लिए पुरस्कृत नहीं किया गया था । तो उसने इस विषय में कुछ करने का निर्णय लिया। जब हामान दूसरे दिन उसके पास आया, तो उसने पूछा कि किसी मनुष्य की प्रतिष्ठा करने के लिए क्या करना चाहिए । हामान ने सोचा कि राजा मुझे ही प्रतिष्ठित करने के लिए सोच रहा है, इसलिए उसने कहा कि उस मनुष्य को राजभवन में लाया जाए, उसे राजकीय वस्त्र पहनाया जाए, उसके सिर पर राजकीय मुकुट धरा जाए और उसे राजा के घोड़े पर सवार कर, किसी बड़े हाकिम के साथ नगर में फिराते हुए, उसके आगे-आगे यह प्रचार किया जाए, कि जिसकी प्रतिष्ठा राजा करना चाहता है, उसके साथ ऐसा ही किया जाएगा । तब राजा ने हामान से कहा ‘जा और मोर्दकै के लिए सब कुछ वैसा ही कर जो मेरे राजभवन के फाटक के पास बैठा करता है । हामान ने वैसा ही किया जैसा कि उसने कहा था और वह इससे काफी शोकित और क्रोधित हुआ । जब वह घर पहुँचा, तो उसे रानी महल में जाने का दूसरा निमंत्रण प्राप्त हुआ । रात्रिभोज के पश्चात रानी ने अपना निवेदन राजा को सुनाया । उसने अपने एवं अपने लोगों को जीवन का दान देने के लिए कहा, क्योंकि उन्हें नाश करने की आज्ञा निकल चुकी थी । तब राजा ने उससे पूछा, कि किसने ऐसा करने की मनसा की है, और उसने उत्तर दिया, जिसने ऐसा आदेश जारी किया वह हामान है । राजा बहुत क्रोधित हो गया और हामान को बुलावाया । एक सेवक ने राजा से कहा, कि एक फाँसी का खम्भा हामान द्वारा मोर्दकै को मार डालने के लिए बनवाया गया है, तब राजा ने कहा "उस पर हामान को लटका दो।"

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We Shall overcome, we shall overcome, We shall overcome someday; Oh, deep in my heart, I do believe, We shall overcome someday. We'll walk hand in hand(3) .. The truth shall make us free (3) .. Christ shall come again (3)..