Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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सूखाड़ के साढ़े तीन वर्षों के बाद अहाब वर्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार था । उसने सभी जगह एलिय्याह की खोज की, पर उसे पा न सका । तब परमेश्वर लोगों के सामने उसे प्रगट करने के लिए तैयार हुए, क्योंकि सबकुछ उसके ही वश में था । उन्होंने एलिय्याह को अहाब के पास यह कहने के लिए भेजा, कि इस्राएल के सभी लोगों को कम्र्मेल पर्वत पर इकट्ठा करो । उसने इसी समय बाल के साढ़े चार सौ नबियों और मूरतों के चार सौ नबियों को भी कम्र्मेल पर्वत पर इकट्ठा करने के लिए कहा । एलिय्याह के कहे अनुसार अहाब ने वैसा ही किया और सभी लोग कम्र्मेल पर्वत पर इकट्ठे हुए । तब एलिय्याह ने लोगों से कहा, तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे, यदि यहोवा परमेश्वर के हो, तो उसके पीछे हो लो, और यदि बाल के हो, तो उसके पीछे हो लो । लोगों ने इसके उत्तर में कुछ भी नहीं कहा । तब एलिय्याह ने कहा, "यहोवा के नबियों में से केवल मैं ही हूँ और यहाँ बाल के साढ़े चार सौ एवं मूरतों के चार सौ नबी है ।" फिर उसने कहा, दो पशू लाकर हमें दिए जाएँ, और तुम बलिदान करने के लिए उसमें से एक चुन लो और वह दूसरे वाले को मैं ले लूँगा । पशू को मारकर एवं उसे टुकड़े-टुकड़े कर एक वेदी पर रख दें, पर उसके नीचे आग न लगायें ।तब प्रत्येक समूह अपने - अपने देवता से प्रार्थना करें, और जो आग गिराकर उत्तर दे, वही सच्चा परमेश्वर ठहरे । इस प्रस्ताव पर सभी लोग सहमत हो गए । अतः नबियों ने एक पशू को लिया और उसे मारा एवं उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसे वेदी के उपर धर दिया । फिर वे वेदी के चारों और नाचते-गाते हुए, को सारे दिन बाल देवता पुकारते रहे पर कुछ भी नहीं हुआ । तब शाम की बेला में एलिय्याह ने सभी सभी लोगों को अपने पास बुलाया और इस्राएल के बारह गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थरों को जोड़ कर एक वेदी बनाई । फिर उसने उसके चारों ओर गड़हा खोदा और तब उसने एक पशू को टुकड़े-टुकड़े काटकर, उसे वेदी पर धर दिया, और उसने कहा, कि चार घड़ा पानी उस पर उण्डेल दो और गड़हे को पानी से भर दो । संध्या के बलिदान चढ़ाने के समय एलिय्याह ने इब्राहीम, इसाहक और याकूब के परमेश्वर को पुकार कर कहा "आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्वर है, और मैं तेरा दास हूँ, और मैं ने ये सब काम तुझ से वचन पाकर किए हैं । हे यहोवा ! मेरी सुन, मेरी सुन" तब आग वेदी पर उतर आया और लकड़ी एवं पत्थरों को धूलि समेत भस्म कर दिया, तथा गड़हे में के जल को सुखा दिया । जब लोगों ने यह सब देखा तो वे मुँह के बल गिरकर बोल उठे, "यहोवा ही परमेश्वर है, यहोवा ही परमेश्वर है ।" तब एलिय्याह ने अहाब से कहा, कि उतरकर नगर की ओर जा, क्योंकि उसे भारी वर्षा की सनसनाहट सुनाई पड़ी । वह स्वयं उठकर कम्र्मेल पर्वत की चोटी पर चढ़ गया और अपना मुँह घुटनों के बीच किया । तब उसने अपने एक सेवक को समुद्र की ओर दृष्टि करने के लिए भेजा । फिर सेवक ने वापस आकर कहा, कि वहाँ कुछ भी नहीं दिखता। एलिय्याह ने उसे सात बार भेजा और अंतिम बार सेवक ने आकर कहा, कि उसने समुद्र में से एक छोटा सा बादल उठते हुए देखा है । शीघ्र ही आकाश वायु से उड़ाई हुई घटाओं और आन्धी से काला हो गया और भारी वर्षा होने लगी । तब एलिय्याह उठा और पर्वत से दौड़ते हुए नीचे उतरा और उस पर यहोवा की शक्ति ऐसी हुई, कि वह अहाब के रथ के आगे-आगे यिज्रेल तक दौड़ता चला गया।
गाते है बजाते है खुशियाँ हम मनाते है क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ है। 1 जिसने हमको बनाया, जिसने तुमको बनाया, जिसने सबको बनाया वो परमेश्वर हमारे साथ है। 2 पापों में मरते हो यारो, यीशु को तुम अपनाओ, पापों से माफी तुम मांगो यह गीत हमारे साथ तुम गााओ।