Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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उस समय पुरूषों में एक से अधिक पत्नियां रखने की रीति थी । यद्यपि दाऊद परमेश्वर का जन था, तौभी उसने इस रीति का पालन किया और उसकी कई पत्नियाँ एवं बहुत सारे बच्चे थे । यरूशलेम में आने के पूर्व ही उसके छः पुत्र थे, पर उसने एक दयालु पिता की नाई, उनमें से किसी को भी अनुशासित नहीं किया । उसका तीसरा पुत्र अबशालोम जो गशूर के राजा की बेटी का पुत्र था, सबसे प्रिय था । जिसके अनेक गलतियों को उसने क्षमा कर दिया । अबशालोम देखने में बहुत सुन्दर था । बाइबल कहती है, उसमे कुछ भी खराबी नहीं थी । उसके लम्बे घने बाल थे, जिन पर वह काफी घमंड करता था । परन्तु उसका आचरण जरा भी सुन्दर नहीं था। अबशालोम अपने भाई अम्मोन से घृणा करता था, इस कारण उसने उसे मार डालने का निश्चय किया, और उसने अपने दासों को ऐसा ही करने की आज्ञा दी और सेवकों ने ऐसा ही किया । अब अबशालोम भागकर गशूर में अपने नाना के घर शरण लिया और जबतक कि दाऊद ने उसे यरूशलेम में लौटने की अनुमति नहीं दी, तब तक वहीं उसने तीन वर्ष बिताये ।उसे राजा के दर्शन की अनुमति नही थी, पर दो वर्ष के अन्तराल के बाद दाऊद ने उसे स्वीकार कर लिया। दाऊद अबशालोम से बहुत प्यार करता था, पर अबशालोम को दाऊद से जरा भी प्रेम नहीं था । वास्तव में उसने अपनी सुन्दरता एवं लुभावने तरीकों का उपयोग लोगों के मन को राजा से दूर करने के लिए किया । वह राजमहल के फाटक के सम्मुख बैठ जाता था और जब लोग राजा के पास न्याय के लिए आते थे, तो वह उनकी सुनकर उनसे कहता, कि यदि वह राजा होता तो वह उनका शीघ्र न्याय चुकाता । यदि कोई उसे दण्डवत करने आता, तो वह उसे पकड़के चूम लेता था । तब शीघ्र ही लोग अबशालोम को अपने उद्धारक के रूप में देखने लगे । एक दिन अबशालोम ने हेब्रोन जाकर परमेश्वर की आराधना करने के लिए दाऊद की अनुमति माँगी, पर उसने तो दाऊद से राज्य को हासिल करने के लिए एक गुप्त योजना तैयार कि हुई थी । उसने अपने संगियों को सभी स्थानों में यह कहने के लिए भेजा, कि जब वे नरसिंग का शब्द सुने, तो वे चिल्लाकर कहें "अबशालोम हेब्रोन में राजा हुआ ।" जब दाऊद ने सुना, कि अबशालोम ने कैसे लोगों के मन को जीत लिया है, तो वह अपने सभी दासों एवं संगी लोगों को एक साथ बुलाया और यरूशलेम से भाग निकला, क्योंकि वह अपने पुत्र से डर गया था । वे किद्रोन नाले को पार कर जैतून पहाड़ पर पहुँचे और रोने व परमेश्वर से प्रार्थना करने लगे और नंगे पाँव उपर चढ़ने लगे । उसके सभी संगी लोग भी उसके पीछे-पीछे रोते एवं प्रार्थना करते हुए नंगे पाँव उपर चढ़ने लगे । जब दाऊद जैतून पहाड़ की चोटी पर पहुँचा, तो उसने परमेश्वर को आराधना किया । तब वह दूसरी ओर नीचे उतरकर यरदन को पार किया । तत्पश्चात दाऊद ने अपने संगियों की गिनती ली और उनको तीन झुण्डों में बाँट दिया जिनके अगुवे, योआब, अबीशै और इत्तै थे । वह भी युद्ध में जाना चाहता था, पर उसके सेनापतियों ने इसकी अनुमति नहीं दी । तब उसने अपने सेनापतियों से विनती की, कि उसके पुत्र के साथ कोमलता का व्यवहार करे क्योंकि वह उससे बहुत अधिक प्रेम करता था । तब वे बाहर निकलकर अबशालोम और उसके लोगों से लड़ने लगे और उसके हजारों लोगों को माकर उसे पराजित कर दिया । अबशालोम युद्ध के मैदान से बच निकलने के लिए खच्चर पर सवार होकर भाग रहा था । जैसे ही वह सड़क पार कर रहा था, एक बड़े बाँस वृक्ष की घनी डालियों में उसके लम्बे बाल फँस गये और वह वहीं बाँस वृक्ष में अटक गया, जबकि उसका खच्चर आगे निकल गया । एक व्यक्ति ने उसे लटकते हुए देखा और जाकर योआब को बताया, जिसने तीन लकड़ी लेकर उसे अबशालोम के हृदय में भेद डाला । तब योआब ने विजय की घोषणा करने के लिए नरसिंगा फूँका और लोग लड़ाई रोककर वापस लौट गए । अबशालोम की लोथ को बाँस वृक्ष से काटकर नीचे उतारा गया और उसे एक बड़े गड़हे में डालकर, उस पर पत्थर का एक बहुत बड़ा ढेर लगा दिया गया । जब दाऊद ने अपने पुत्र की मृत्यु का समाचार सुना, तो वह चिल्लाकर रोते हुए बाहर निकला "हाय मेरे बेटे अबशालोम ! मेरे बेटे हाय ! मेरे बेटे अबशालोम !"
नन्हें मुन्नें बच्चों आओ चलें प्यारे यीशु से हम बातें करें मिलके चले (2) प्यारे मसीह से हम बातें करें। 1 छोटा प्यारा यीशु कभी न लड़ा हम भी किसी से कभी न लड़े । 2 खाना और कपड़ा वह देता हमें मम्मी, पाप्पा और भाई बहनें । 3 कितनी अच्छी चीजें वो देता हमें छोटा सा दिल भी हम उसी को दे दे। 4 प्यार से बुलाता है यीशु हमें उछलते और कूदते और गाते चलें।