Class 3, Lesson 11: मूसा की मृत्यु

Media

AudioPrayerSongInstrumental

Lesson Text

जब मूसा और इस्राएलियों ने मोआब में डेरे खड़े किये , तब परमेश्वर ने मूसा से नबो पहाड़ की पिसगा नाम चोटी पर जाने के लिए कहा । वहाँ से परमेश्वर ने मूसा को उस देश को दिखाया जिसे उसने इस्राएलियों को देने का वायदा किया था । मूसा को वायदा किये हुए देश में जाने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि उसने सीनै नाम जंगल में मरीबा-कादेश नाम स्थान में परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन किया था । (गिनती 20:1-13) मूसा चालीस वर्षों तक जंगल के सफर में इस्राएलियों की अगुवाई करता रहा । ये घटनाओं से भरे हुए वर्ष थे तथा कठिनाइयों एवं परीक्षाओं में उसने बड़े धीरज के साथ उनकी अगुवाई की । अब परमेश्वर की यह इच्छा थी कि वह अपने दास को अपने पास उठा ले । पहाड़ के ऊँचे पर मूसा मर गया तथा परमेश्वर ने उसे मोआब देश की तराई में मिट्टी दी । परन्तु कोई भी नहीं जानता है कि उसे कहाँ मिट्टी दी गई । (व्यवस्थाविवरण 34:5) यहूदा 9 में हम पढ़ते हैं , कि वहाँ मूसा की लोथ के विषय में प्रधान स्वर्गदूत मिकाइल और शैतान के बीच वाद-विवाद हुआ । कोई भी नहीं जानता कि उसे कहाँ मिट्टी दी गई थी क्योंकि उसे स्वयं परमेश्वर के द्वारा ही मिट्टी दी गयी थी । जब वह मरा तब वह 120 वर्ष का था । इस्राएलियों ने तीस दिन तक उसके लिए विलाप किया । वह कितना अद्भूत अगुवा था । व्यवस्थाविवरण उसी की गवाही के साथ समाप्त होता है , क्योंकि उसके समान इस्राएल में कोई भविष्यवक्ता नहीं था । यद्यपि वह मर गया था परन्तु नये नियम में हम पढ़ते हैं कि रूपांतरण के पहाड़ पर मूसा प्रभु यीशु मसीह और एलिय्याह से बातें कर रहा था (मरकूस 9:4) "जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा ।" (यूहन्ना 11:25)

Excercies

Song

जीना मेरा मसीहा है । मरना उसको पाना है । (2) हर एक धड़कन उसकी है हर साँस उसकी महिमा है (2) जीना मेरा मसीहा है । मरना उसको पाना है । यह ज़िंदगी तो -इस जहां कि जैसे हवा का झोका , कल थे जो वो -आज नहीं है संसार है जीने का धोखा (2) उसके वचन पर चलना है, अनंत जीवन पाना है , हर एक धड़कन उसकी है , हर साँस उसकी महिमा है । जीना मेरा मसीहा है , मरना उसको पाना है । जिंदा हूँ मैं -जब तक जग में -शैतान से लड़ता रहूँगा तन से अगर में मर भी गया तो -यीशु में फिर जी उठूँगा । (2) उसके संग चलना है , स्वर्गीय जीवन पाना है । हर एक धड़कन उसकी है हर साँस उसकी महिमा है (2) जीना मेरा मसीहा है , मरना उसको पाना है ।