Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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अब्राहम अपने परिवार के साथ तम्बू में रहता था । हमारे समान पक्के मकानों में नही। वह अपने तम्बू के द्वार पर बैठा ही था, की उसने देखा, की तीन पुरूष उसके सामने खड़े हैं । वह उनसे भेंट करने के लिए दौड़ा और उनको दण्डवत् कर उसने उनका अभिवादन किया। वह एक नम्र और सभ्य व्यक्ति था । आप अपने शिक्षक का अभिवादन कैसे करते हैं ? क्या आप अपने सिर को झुकाकर उनको नमस्कार नहीं करते ? ऐसा करना ही शिष्टता है और यह नम्रता को प्रकट करता है । अब्राहम दौड़कर उनके पास गया, दण्डवत किया और उन्हें "मेरे प्रभु" कहकर सम्बोधित किया । अब्राहम बहुत ही धनी व्यक्ति था और एक अपरिचित को उसे ऐसा कहकर सम्बोधित करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, परन्तु अब्राहम एक नम्र व्यक्ति था और उसने अपने सभी अतिथियों का आदर सत्कार किया । उसने उनसे कहा कि, "हे प्रभु अपने दास के पास से चले न जाना । मैं थोड़ा सा जल लाता हूँ और अपने पाँव धोकर इस वृक्ष के तले विश्राम करें । फिर मैं एक टुकड़ा रोटी ले आऊँ और उससे आप अपने जीव को तृप्त करें।" अतः वे वृक्ष की छाया तले बैठ गये, तब अब्राहम सभी आवश्यक प्रबंध करने के लिए अतिशीघ्रता से तम्बु में गया । आप क्या कल्पना करते हैं, उसने अपने अतिथियों को क्या दिया होगा ? उसने अपनी पत्नी सारा से मैदे के फुलके बनाने के लिए कहा । उसने इसे बनाकर दूध एवं मक्खन के साथ परोसा । इसी बीच एक सेवक ने कुछ माँस पकाकर लाया, औसे उसे भी परोसा । तब अब्राहम इन सभी चीजों को लेकर अपने अतिथियों के पास गया और स्वयं उन्हें उनके लिए परोसा । यद्यपि वह नहीं जानता था, कि उसके अतिथिगण वास्तव में स्वर्गदूत या परमेश्वर के संदेशवाहक है, तौभी उसने यह सब कुछ उनके लिए किया । नये नियम में यह कहा गया है, कि उसने स्वर्गदूतों की पहुनाई की यह बिना जाने कि वे कौन हैं । तब वे खाकर और विश्रामकर अब्राहम से बात चीत करने लगे । उन्होंने अब्राहम से उसकी पत्नि सारा के विषय में पूछा जो तम्बू में थी और अतिथियों का अभिवादन करने नहीं आयी थी । स्वर्गदूतों ने सारा को आशिष देने का वायदा किया और कहा कि "मैं वसन्त ऋतू में निश्चय तेरे पास आऊँगा ; तेरी पत्नि सारा का एक पुत्र उत्पन्न होगा ।" यह सुनकर सारा हँसी क्योंकि उसकी कोई संतान न थी और वह नव्बे वर्ष की थी । तब स्वर्गदूत ने इब्राहीम से पूछा "सारा क्यों हँसी ? क्या यहोवा के लिए कोई काम कठिन है ? नियत समय में मैं तेरे पास फिर आऊँगा, और सारा का एक पुत्र उत्पन्न होगा ।" तत्पश्चात् अतिथि अपने मार्ग में शीघ्रता से चल पड़े । अब्राहम अपने रीति के अनुसार उनके संग मार्ग में थोड़ी दूर तक गया । उसके लौटने के समय में परमेश्वर ने उससे बातचीत की । आप कल्पना करें की परमेश्वर ने उससे क्या कहा होगा ? वह बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश था ।
It's a great thing to praise the Lord,(3) walking in the light of God. walk, walk, walk, walk in the light, (3) walking in the light of God. It's a great thing to Love the Lord,(3) walking in the light of God. It's a great thing to Serve the Lord,(3) walking in the light of God. It's a great thing to Thank the Lord,(3) walking in the light of God.