Class 2, Lesson 39: जी उठना

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Lesson Text

क्रूस पर प्रभु की मृत्यु के समय ,उनसे प्रेम करने वाले अनेक लोग वहाँ खड़े यह देख रहे थे |उनमें कई स्त्रियाँ भी थीं |बाद में अरिमतिया के यूसुफ ने जो यहूदियों का शासक था और प्रभु से प्रेम करता था ,पीलातुस से प्रभु यीशु का शव माँगा कि उसे कब्र में रखे |प्रभु के एक और गुप्त शिष्य ,नीकुदेमुस ने यूसुफ की सहायता की और दोनों ने मिलकर प्रभु के शरीर को गाड़े जाने के लिए तैयार किया और चट्टान में खुदवाई नई कब्र के द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़का दिया| फिर यहूदियों को स्मरण आया कि प्रभु यीशु ने कहा था कि वे तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेंगे |उन्होंने सोचा कि प्रभु के चेले उनके शरीर को चुरा ले जाएँगे ,इसलिए उन्होंने हाकिम पर दबाव डाला कि कब्र को सुरक्षित रखे |अत : पीलातुस ने कब्र के पत्थर पर मोहर लगवा दी और रखवाली के लिए पहरूए लगा दिए | तीसरे दिन ,सप्ताह के पहले दिन बहुत सवेरे प्रभु यीशु के शरीर पर लगाने के लिए सुगन्धित वस्तुएँ लेकर कुछ स्त्रियाँ कब्र पर आईं |रास्ते में वे आपस में कहती थीं ,"हमारे लिए कब्र के द्वार पर से पत्थर कौन लुढ़काएगा ?"जब उन्होंने आँखें उठाईं ,तो देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है ,परन्तु प्रभु की देह वहाँ नहीं थी |कब्र खाली थी ,परन्तु कपड़े वहीं थे |उन्होंने एक स्वर्गदूत को देखा जिसने कहा ,"मत डरो ,तुम यीशु नासरी को जो क्रूस पर चढ़ाया गया था ,ढूँढ़ती हो| वह यहाँ नहीं है |अपने वचन के अनुसार वह जी उठा है |अब शीघ्र जाओ और उसके चेलों से कहो कि प्रभु जी उठा है |"वे इन शब्दों पर विश्वास न कर सकीं | वे बड़े भय और आनंद के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिए दौड़ गईं |जी उठने के बाद प्रभु पहले मरियम मगदलीनी को दिखाई दिए |उसके पश्चाताप चेलों को और अन्य लोगों को |उन्होंने प्रभु को देखा ,छुआ और प्रभु से बातें कीं| प्रभु यीशु के समान और कोई नहीं है |अनेक महापुरुष जीए और मर गए और वहीं उनका अंत हो गया |परन्तु प्रभु यीशु जो जीवन का राजकुमार है, वह मृतकों में से जी उठे |मृत्यु उन्हें अपने वश में न रख सकी ,क्योंकि वह परमेश्वर के पुत्र हैं |वह सदाकाल के लिए जीवित हैं |यदि आप उनके हो जाएँगे तो आप भी अनंत जीवन उत्तराधिकारी हो जाएँगे|

Excercies

Song

कबर का पत्थर लुढ़का, जैसा वचन में लिखा था, वैसे प्रभु जी उठे । 1. मरियम जब कबर पे आई, देखा प्रभु वहाँ पर ना थे, भयभीत हुई जब देखा, दो दूत वहाँ बैठे थे, कहते थे वो जीवित को, क्यों कबर में ढूंढ़ रही हो, प्रभु आज जी उठे । 2. फिर बहनों ने जाके, चेलों को सबको बताया, पतरस प्यारा चेला था, वह दौड़कर कबर पर आया, उसने देखा खाली थी कबर, प्रभु जी वहाँ पर ना थे, हुआ क्या !ये सोच के लौटे, 3. यह सच था वह जिन्दा था, इम्माऊस की राह मिला था, चेलों के बीच भी जाके, शान्ति का दान दिया था, यह संदेश है उद्दार का, आओ और कबर को देखो, प्रभु सचमुच जी उठे ।