Class 2, Lesson 34: यीशु का रूपांतरण

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प्रभु यीशु के तीन चेले पतरस ,याकूब और यूहन्ना प्रभु से बहुत प्रेम करते थे और प्रभु के करीब थे |एक दिन प्रभु उनको एक ऊँचे पहाड़ पर ले गए और वहाँ उनके सामने प्रभु का रूपान्तर हुआ |प्रभु का वस्त्र ज्योति के समान उजला हो गया |मूसा और एल्लियाह भी महिमा के तेज में प्रभु से बाते करते हुए दिखाई दिए |वह प्रभु की मृत्यु की चर्चा कर रहे थे ,जिसकी पूर्णता यरूशलेम में होने वाली थी |उन दो पुरुषों ने पृथ्वी पर रहते समय ऊँचे पहाड़ पर परमेश्वर से बातें की थी |अब वे पृथ्वी पर आए और एक पहाड़ पर परमेश्वर के पुत्र से बातें कर रहें थे | तब एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया ,और वे भयभीत हों गए |और बादल में से यह शब्द सुनाई दिए ,"यह हमें उस आकाशवाणी का स्मरण दिलाता है जब प्रभु यीशु का बपतिस्मा हुआ था |चेले बहुत डर गए और मुँह के बल गिर गए |प्रभु ने उन्हें छूकर कहा ,"उठो ,डरो मत |" वे उठे बादल छंट चुके थे ,और उन्होंने प्रभु यीशु को छोड़ और किसी को नहीं देखा |प्रभु के साथ वे पहाड़ से उत्तर गए |कुछ वर्षों बाद पतरस अपनी पत्री में लिखते हैं कि उस दिन उन्होंने क्या देखा |

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