Class 2, Lesson 30: यीशु दस कोड़ियों को चंगा करता है

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Lesson Text

एक बार प्रभु यीशु यरुशलेम जाते हुए रास्ते में एक गाँव से होकर गुजरे जहाँ उन्हें दस कोढ़ी मिले |वे दूर खड़े होकर ऊँचे शब्द से चिल्लाए ,"हे यीशु ,हे स्वामी ,हम पर दया कर !" प्रभु यीशु उनकी आवश्यकता जानते थे ,इसलिए उन्होंने कहा ,"जाकर अपने आप को याजकों को दिखाओ |"प्रभु ने यह इसलिए कहा ,क्योंकि वह जानते थे कि यहूदी व्यवस्था के अनुसार एक याजक ही रोगमुक्त कोढ़ी की जाँच करके यह घोषणा कर सकता था कि वह अशुद्ध है या शुद्ध |कोढ़ियों ने आज्ञा मानी ,और जाते ही वे स्वस्थ हों गए | उन कोढ़ियों में एक सामरी था |यहूदी लोग सामरियों को नीचा समझते थे |जब उसने देखा कि वह चंगा हो गया है ,बड़े आनंद के साथ आकर प्रभु के चरणों पर गिरा और धन्यवाद करने लगा |सभी कोढ़ी रोगमुक्त हुए थे ,परन्तु केवल एक प्रभु यीशु को धन्यवाद देने और परमेश्वर की बड़ाई करने लोटा | प्रभु यीशु ने कहा ,"क्या दसों शुद्ध न हुए ?तो फिर वे नौ कहाँ हैं ?परमेश्वर हमसे धन्यवाद और आराधना की अपेक्षा करते हैं क्योंकि उन्होंने हमें पाप से बचाया है |

Excercies

Song

अशुद्ध कोढ़ी मैं अपनों से दूर खुद से भी था मुझे नफरत नहीं दिया दण्ड की आज्ञा जा और फिर पाप न करना । कैसे कहूँ तेरा धन्यवाद मन मंदिर का स्वामी बोज है मैं अपनों को भी सिर्फ तूने गले लगा दिया ।