Audio | Prayer | Song | Instrumental |
---|---|---|---|
यह उस समय की घटना है ,जब यहूदी लोगों का देश रोमी सम्राज्य का हिस्सा था |राज्यपाल और न्यायी सब रोमी सिपाही सारे देश में फैले थे |एक दिन प्रभु यीशु कफरनहूम में आए |एक रोमी सूबेदार ने यह सुना ,और वह जानता था कि प्रभु रोगियों को चंगा करने का आश्चर्यकर्म करते हैं |इस सूबेदार का एक अति प्रिय दास था ,जो बीमार था |सूबेदार ने कुछ वयोवृद्ध लोगों को प्रभु से विनती करने भेजा कि वे सूबेदार के दास को चंगा कर दें |उन्होंने प्रभु यीशु से विनती की और कहा कि सूबेदार इस योग्य है कि उसकी सहायता की जाए ,क्योंकि वह हमारी जाति से प्रेम रखता है ,और उसी ने हमारे आराधनालय को बनाया है |"प्रभु यीशु उनके साथ चले,परन्तु जब वह कुछ दूर ही पर थे कि सूबेदार ने अपने मित्रों के द्वारा कहला भेजा कि हे प्रभु दुख न उठा ,क्योंकि मैं इस योग्य नहीं कि तू मेरे घर आए |परन्तु वचन ही कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा |प्रभु यीशु ने एक अन्यजाति के विश्वास पर आश्चर्य किया |अपने पीछे आ रही यहूदियों की भीड़ से प्रभु ने कहा ,"मैंने इस्रएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया |" सूबेदार के मित्रों ने लौटकर उस दास को पूरी तरह स्वस्थ पाया जो लगभग मरने पर था |
Not Available