Class 2, Lesson 27: यीशु की परीक्षा

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Lesson Text

पवित्र आत्मा प्रभु यीशु को जंगल में ले गया ताकि शैतान से उसकी परीक्षा हो |प्रभु वहाँ चालीस दिन और चालीस रात निराहार रहे | जब प्रभु को भूख लगी ,तो शैतान ने प्रभु की परीक्षा की |उसने कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है ,तो कह दे कि यह पत्थर रोटियाँ बन जाए |प्रभु यीशु ने उत्तर दिया "लिखा है मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं ,परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है ,जीवित रहेगा |"प्रभु यीशु ने स्वयं के लिए अपनी सामर्थ का प्रयोग नहीं किया ,परन्तु दूसरों को भोजन देने के लिए किया | फिर शैतान प्रभु को पवित्र से प्रभु को एक ऊँचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर उससे कहा ,"यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे ,तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा । "प्रभु यीशु ने उस से कहा ,"हे शैतान ,दूर हो जा ,क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर ,और केवल उसी की उपासना कर । "तब शैतान प्रभु के पास से चला गया ,और स्वर्गदूत आकर उसकी सेवा करने लगे ।

Excercies

Song

शिकारी आएगा, जाल बिछाएगा खुद को छिपाएगा पंख फैलाकर मैं उड़ूँगा और ना डरूँगा । शैतान आएगा, जाल बिछाएगा खुद को छिपाएगा उकाब की मन्दिर मैं उड़ूँगा और ना डरूँगा ।