Class 2, Lesson 26: यीशु का बपतिस्मा

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जंगल में प्रचार करते हुए यूहन्ना ने लोगों से कहा ,कि जिस मसीहा को भेजने का वायदा परमेश्वर ने किया था ,वह शीघ्र आनेवाला है ,इसलिए अपने पापों ने पश्चाताप करो |यूहन्ना यरदन नदी पर गया और जितने लोगों ने पश्चाताप किया और यह दिखाना चाहा कि उन्होनें यूहन्ना के संदेश पर विश्वास किया वे बपतिस्मा लेने के लिए यूहन्नाके पास आए | एक दिन प्रभु यीशु भी यूहन्ना से बपतिस्मा लेने आए | यूहन्ना जानता था कि प्रभु यीशु परमेश्वर का पुत्र हैं और पापरहित हैं |इस कारण उसने प्रभु यीशु से कहा ,"मुझे तुझसे बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है,और तुम मेरे पास आए हो ?"प्रभु यीशु ने उत्तर दिया ,"अब तो ऐसा ही होने दो ,क्योंकि हमें इसी रीति से सब धर्मिकता को पूरा करना उचित है |"तब यूहन्ना ने उसकी बात मान ली और उसको बपतिस्मा दिया |जैसे ही प्रभु यीशु पानी से ऊपर आए ,कुछ असामान्य घटना हुई |स्वर्ग से परमेश्वर का आत्मा कबूतर के रूप में प्रभु यीशु पर उतरा और एक आकाशवाणी हई कि "यह मेरा प्रिय पुत्र है ,जिससे मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ |"इस गवाही से बहुतों ने यह विश्वास किया कि यीशु ही वह मसीहा हैं ,जिसका वायदा किया गया था |बहुत बड़ी भीड़ यूहन्ना का संदेश सुनने आई |उनमें से अनेकों ने पश्चाताप किया ,अपने पापों से मन फिरया और बपतिस्मा लिया |

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