Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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इस्रएल का एक पड़ोसी देश था आराम और ये दोनों देश आपस में युद्ध करते थे |आराम की सेना का सेनापती नामान था | वह सूरवीर था ,और अपने राजा की दृष्टि में था ,परन्तु वह एक कोढ़ी था | उसके घर में एक इस्रएली लड़की थी |हम उसका नाम नहीं जानते ,पर वह इस्रएल के परमेश्वर की सामर्थ्य को जानती थी |अरामी इस लड़की को इस्रएल से पकड़कर लाए थे और वह नामान की पत्नी की सेवा करती थी |यधपि वह विदेश में एक गुलाम थी ,फिर भी वह अपना कार्य अच्छी तरह करती थी |एक दिन उसने अपनी मालकिन से कहा ,"यदि मेरा स्वामी शोमरोन के भविष्यदकता से मिलता ,तो उसका कोढ़ ठीक हो जाता |" उसकी कही बात नामान तक पहुँचाई गई ,और नामान ने राजा को बता दी |अराम के राजा ने तुरंत इस्रएल के राजा के नाम चिट्ठी लिखकर नामान के हाथ से भेजने का निर्णय लिया |भविष्यदकता को देने के लिए चाँदी ,सोना और वस्र लेकर नामान चल पड़ा |इस्रएल के राजा ने पत्र पढ़कर अपने कपड़े फाड़े ,और कहा ,"मैं कोढ़ कैसे ठीक कर सकता हूँ |अराम का राजा मुझसे झगड़े का कारण ढूँढ़ रहा है |" जब एलीशा ने सुना कि राजा ने वस्र फाड़े हैं ,तो उसने कहला भेजा ,"उसे मेरे पास आने दो ,तब वह जान लेगा ,कि इस्रएल में भविष्यदकता है |" नामान रथों समेत एलीशा के द्वार पर आ गया |एलीशा ने एक सेवक को भेजकर कहलवाया ,"तू यरदन में सात बार डुबकी मार ,तब तू शुद्ध हो जाएगा |"नामान क्रोधित होकर चला गया और उसने कहा ,"मैंने सोचा था कि भविष्यदकता बाहर मेरे पास आएगा और अपने परमेश्वर से प्रार्थना करके मुझे रोगमुक्त कर देगा |क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियाँ इस्रएल के सब जलाशयों से उत्तम नहीं हैं ?क्या मैं उनमें स्नान करके शुद्ध नहीं हो सकता हूँ | अत :वह अत्यंत क्रोधित होकर लौटकर चला गया | जब नामान के सेवकों ने सुना ,तो उसके पास जाकर कहने लगे ,"हे हमारे पिता ,यदि भविष्यदकता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता तो क्या तू उसे न करता ?फिर जब वह कहता है कि स्नान करके शुद्ध हो जा ,तो कितना अधिक इसे मानना चाहिए |"उनकी बात सुनकर नामान का मन बदला |उसने यरदन में जाकर एलीशा के कहे अनुसार सात बार डुबकी लगाई और उसका कोढ़ दूर हो हो गया |कितना अद्भुत ! तब नामान और उसके सेवक वापस एलीशा के पास गए और जो भेंट वो लाए थे ,उसे लेने की विनती की |भविष्यदकता ने उत्तर दिया ,"यहोवा के जीवन की शपथ ,मैं कुछ भेंट ना लूँगा |"कुशल से विदा हो नामान वापस घर की और चला |अभी कुछ ही दूर गया था कि ,एलीशा के सेवक गेहजी ने सोचा ,कि मेरे स्वामी को नामान से भेंट ले लेना चाहिए था ,अब मैं उसके पीछे दौड़कर उससे कुछ न कुछ ले लूँगा |गेहजी दौड़ कर नामान के पास पहुँचा |उसे देखकर उससे मिलने रथ से उतरा |गेहजी ने उससे कहा ,"मेरे स्वामी ने मुझे यह कहने को भेजा है ,कि एप्रैम के पहाड़ी देश से भविष्यदकताओं के चेलों में से सो जवान मेरे यहाँ अभी आए हैं ,इसलिए उनके लिए एक किक्कार चाँदी और दो जोड़े वस्र दे |"नामान ने कहा ,"दो किक्कार लेने से प्रसन्न हो |'तब उसने उससे बहुत विनती करके दो किक्कार चाँदी अलग थैलियों में बाँधकर ,दो जोड़े वस्र समेत अपने दो सेवकों पर लाद दिया ,और वे उन्हें लेकर उसके आगे -आगे चले |टीले के पास पहुँचने पर गहेजी ने उन वस्तुओं को लेकर घर में रख लिया और उन मनुष्यों को विद किया |फिर वह अंदर जाकर अपने स्वामी के सामने खड़ा हो गया |एलीशा ने उससे पूछा ," हे गेहजी तू कहाँ से आता है ?" उसने कहा ," तेरा दास तो कहीं नहीं गया |"एलीशा ने उससे कहा ,"जब वह पुरुष तुझ से मिलने रथ से उतरा ,तब क्या मेरा आत्मा तेरे साथ नहीं था ?क्या यह चाँदी और भेंट लेने का समय है ?इस कारण नामान का कोढ़ तुझे और तेरे वंश को सदा लगा रहेगा |"तब वह हिम स शवेत कोढ़ी होकर उसके सामने से चला गया |
नामान ने एलीशा की बात मानकर यरदन नदी में डुबकी लगा ई डुबकी लगाई रे बाबा डुबकी लगाई यरदन नदी में डुबकी लगाई । 1. एक बार ,दो बार,तीन -चार बार पाँच और छे और सात लगाई डुबकी लगाई रे बाबा डुबकी लगाई यरदन नदी में डुबकी लगाई । 2. देखो यह कैसा चमत्कार हुआ नामान कोढ़ से चंगा हुआ डुबकी लगाई रे बाबा डुबकी लगाई यरदन नदी में डुबकी लगाई ।