Class 2, Lesson 21: सुलैमान की बुद्धि

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Lesson Text

दाऊद का पुत्र सुलैमान कम उम्र में ही राजा बन गया |वह भी अपने पिता की तरह परमेश्वर से प्रेम करता था |एक रात परमेश्वर ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर कहा ," जो कुछ तू चाहे वह माँग |" सुलैमान ने पहले उसके पिता को ,फिर स्वयं उसे राजपद देने के लिए ,परमेश्वर को धन्यवाद दिया |फिर उसने एक अच्छे और बुरे को समझने वाला ह्रदय माँगा ताकि वह इतने महान राष्ट्र का सही न्याय करते हुए राज्य कर सके | परमेश्वर सुलैमान की विनती से बहुत प्रसन्न हुए |परमेश्वर ने सुलैमान को इतनी बुद्धि और विवेक से भरा मन दिया कि सुलैमान से पहले आउए बाद में इतना बुद्धिमान कोई नहीं हुआ | उसके साथ परमेश्वर ने उसे आदर और समृद्धि से भी भरपूर किया जो उसने नहीं माँगा था | एक दिन दो स्त्रीयाँ एक कठिन मुकदमा लेकर उसके पास आईं |दोनों के हाथ में नवजात शिशु थे , परन्तु उसमें से एक मरा हुआ था | एक स्त्री ने राजा से कहा ," हम दोनों एक ही घर में रहते हैं |रात को इस स्त्री का बच्चा मर गया और इसने अपने मरे बच्चे को मेरे पास रखकर मेरा जीवित बच्चा ले लिया | उसके हाथ में जो बालक है वह मेरा है |और मेरे माँगने पर भी वह नहीं देती |हे राजा , मेरा बच्चा मुझे दिला दीजिए !" इस पर दूसरी स्त्री ने कहा ,"नहीं ! जीवित बालक मेरा है ,और मृत बालक उसका है । " कौन बता सकता था कि कौन से स्त्री सच बोल रही थी ?यह बहुत कठिन प्रशन था ,परन्तु सुलैमान को शीघ्र ही उसका उत्तर मिल गया । उसने कहा ,"तुम लोग जीवित बालक के लिए झगड़ा कर रहे हो । एक तलवार लाओ और जीवित बालक के दो टुकड़े करो और आधा -आधा दोनों स्त्रियों को दे दो । "तभी जीवित बच्चे की माँ रोते हुए बोली ,"नहीं हे राजा ,उसे मत मारो । उसे उस स्त्री को दे दो ,चाहे वह मुझे न मिले ,तौभी उसे जीवित रहने दो । "परन्तु दूसरी स्त्री ने कहा ,वह ,"न तो तेरा हो ,न मेरा ,उसके दो टुकड़े किए जाएँ । "तब राजा समझ गया कि जीवित बालक की असली माँ कौन है । वही उसकी माँ है जिसने उस बालक को मारने नहीं दिया । राजा ने उसका बच्चा उसको दे दिया और वह संतुष्ट होकर चली गई । इस प्रकार सुलैमन ने ईसवरीय बुद्धि दिखाई । यह उसके लिए परमेश्वर का वरदान था ।

Excercies

Song

चुनना है तुम्हें है नौजवान जीवन या मौत का रास्ते से छोड दे हानी के सारे रास्ते लाभ का रस्ते ही चुन लेना परमेश्वर से ही प्रेम करना उसके मार्गों पर ही चलना विधियों और नियमों को मानना जिससे तू जीवित रहे और बड़े