Class 2, Lesson 17: यरीहो का गिरना

Media

AudioPrayerSongInstrumental

Lesson Text

यहोशू ने देश का भेद लेने के लिए दो भेदियों को भेजा |वे राहाब नाम की एक स्त्री के यहाँ जाकर रहे |राजा को भेदियों की खबर मिली ;उसने तुरंत राहाब को संदेश भेजा ,"जो पुरुष तुम्हारे यहाँ आए हैं ,उन्हें बाहर लाओ ,क्योंकि वे भेदिए हैं |"उस स्त्री ने उन दोनों पुरुषों को छिपा रखा था |उसने राजा को उत्तर भेजा ,"हाँ ,वे पुरुष आए ज़रूर थे ,परन्तु मैं नहीं जानती कि वे कहाँ से आए थे ,और जब अंधेरा हुआ ,और फाटक बंद होने लगे ,तब वे निकल गए |मैं नहीं जानती कि वे किस तरफ गए | उनके पीछे शीघ्रता से जाओगे तो शायद उनको पकड़ सकोगे |"परन्तु उस स्त्री ने उन पुरुषों को अपने घर की छत पर सनई की लड़कियों के नीचे छिपा दिया था |ज्योंही उनको खोजने वाले फाटक से निकले ,तुरंत ही फाटक बंद कर दिया गया |वह स्त्री छत पर गई ,और उसने कहा ,"मैं जानती हूँ कि परमेश्वर ने यह देश तुम लोगों को दिया है |अब तुम लोग मुझ से यहोवा की शपथ खाओ ,कि तुम मेरे परिवार पर दया की है |और इस बात की सच्ची चिन्हानी तुम मुझे दो कि तुम मेरे माता -पिता ,भाई -बहनों और जो कुछ उनका है ,सब को जीवित रहने दोगे |"उन्होंने उससे कहा ,ऐसा ही होगा |अपने माता -पिता और भाई बहनों को अपने घर में रखो और अपनी खिड़की में एक लाल सूत की डोरी बाँध देना ,जिस खिड़की से तुम हमें नीचे उतारोगी ,और यदि कोई तुम्हारे घर से बाहर निकलेगा ,तो उसके खून का दोष उसी के सिर पर पड़ेगा और हम उत्तरदायी नहीं होंगे |"राहाब ने उनकी बात के अनुसार ही किया |उसने उन भेदियों को रस्सी के सहारे खिड़की से नीचे शहर से बाहर उतार दिया ,क्योंकि उसका घर शहरपनाह पर बना हुआ था |भेदियों ने आकर यहोशू से सारा वृतांत कह सुनाया | यरीहो के निकट पहुँचकर यहोशू ने ऊपर देखा और उसने अपने सामने तलवार लेकर खड़े एक पुरुष को देखा |यहोशू ने उसके पास जाकर उससे पूछा ,"क्या तू हमारी ओर का है ,या हमारे शत्रुओं की ओर का ?"उसने उत्तर दिया "मैं यहोवा परमेश्वर की सेना का प्रधान हूँ |"यह दर्शन यहोशू को दिया गया ,ताकि आने वाले युद्ध का सामना करने के लिए उसे प्रोत्साहन मिले | अब यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के कारण बंद थे । तब परमेश्वर ने यहोशू से कहा ,'' मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ |सो तुम में जितने योद्धा हैं ,नगर के चारों ओर एक बार घूम आएँ |छ :दि तक ऐसा ही किया करना |सात याजक सन्दूक के आगे -आगे जुबली के सात नरसिंगे लिए हुए चलें |फिर सातवें दिन तुम नगर सात चक्कर लगाना ,और याजक भी नरसिंगे फूँकते चलें |सब लोग नरसिंगे का शब्द सुनते ही बड़ी ध्वनि से जयजयकार करें |तब नगर की शहरपनाह नेव से गिर जाएगी ,और सब लोग अपने-अपने सामने चढ़ जाएँ |" यहोशू ने परमेश्वर की आज्ञा का पूर्ण रूप से पालन किया |सातवें दिन परमेश्वर की आज्ञानुसार उन्होंने शहरपनाह के चारों और सात चक्कर लगाए |जब याजकों ने ज़ोर से नरसिंगे फूँकें ,तब लोगों ने बड़ी ही ध्वनि से जयजयकार किया शहरपनाह गिर पड़ी |लोग अपने-अपने सामने चढ़ गए और नगर को ले लिया |कितनी अद्भुत रीति से परमेश्वर ने कार्य किया |यहोशू ने आज्ञा दी कि सब चाँदी ,सोना ,पीतल और लोहे के बरतन जो यरीहो में मिलें ,वे सब परमेश्वर के भवन में लाए जाएँ |बचा हुआ सब कुछ पूरी रीति से नाश किया जाए |यहोशू ने कहा ,"यह शहर शापित है ,कोई मनुष्य इसमें से अपने लिए कुछ भी नहीं लेगा |" यहोशू उस वायदे को नहीं भूला जो भेदियों ने राहाब से किया था |उसने उन दोनों को भेजकर राहाब और जो कुछ उसका था ,सबको निकालकर शहर से बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया |उसके पश्चात शहर में सब मार डाले गए और शहर नाश किया गया |

Excercies

Song

चक्कर काटो एक बार चक्कर काटो बार -बार सातवाँ दिन करो सात बार करो सात ललकार । गिर गई यरीहों की दीवार ढा दिया गया ग़ढ़वाला शहर मज़ाक के सामने नहीं हारो यारों मिलेगी जीत क्रूस सहकर ।