Class 2, Lesson 16: यरदन को पार करना

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Lesson Text

यरदन के तट पर इस्रएली तीन दिन टीके रहे ,उस दौरान यहोशू ने दो पुरुषों को उस देश का भेद लेने के लिए भेजा |उनकी सहायता राहाब नाम की एक स्त्री ने की ,और भेदियों ने उसे वचन दिया कि वे उसे बचा लेंगे जब शहर नाश किया जाएगा |भेदिए अच्छी खबर लेकर आए ,कि वहाँ के लोग अत्यंत भयभीत हैं | परमेश्वर ने यहोशू को बताया की उन्हें क्या करना होगा |सबसे पहले याजक लोगों को परमेश्वर के संदूक को लेकर यरदन नदी में जाना होगा |यरदन नदी में कटनी के समय बाढ़ सी स्थिति रहती है |फिर भी ,परमेश्वर का संदूक उठाए याजकों के पाँव जैसे ही यरदन के जल में पड़े ,वैसे ही ऊपर से बहता हुआ जल थम गया ,और आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है ,रुककर एक ढेर हो गया |और जो नीचे अराबा का ताल (मृत सागर )की ओर बह रहा था ,वह पूरी तरह से सूख गया ,और प्रजा के लोग यरीहो के सामने पार उतर गए |याजक चलकर नदी के बीच में खड़े हों गए ,और सब इस्रएली पार उतरते रहे |परमेश्वर ने यहोशू से यह भी कहा ,कि प्रजा के बाहर पुरुष प्रत्येक गोत्र में से एक पुरुष यरदन के बीच में जाकर जहाँ याजक खड़े थे ,वहाँ से एक -एक पत्थर उठाकर यरदन के पार ले जाएँ ,ताकि परमेश्वर ने उनके लिए जो किया उसके स्मरण के लिए वह खड़े किए जाएँ | जैसे ही संदूक लिए याजक नदी से बाहर आए ,और उनके पैर सूखी भूमि पर पड़े ,वैसे ही यरदन का जल अपने स्थान पर वापस आ गया और बाढ़ की तरह बहने लगा |उस दिन लोगों ने जान लिया कि उनकी अगुआई के लिए परमेश्वर ने यहोशू को चुना है |उसके जीवन भर इस्रएली उसका भय मानते और उसका आदर करते रहे |

Excercies

Song

यरदन को पार किया उसकी ताकत से यरीहो को गिरा दिया उसकी स्तुति से यीशु के नाम से फतह मिलेगी हमेशा हम जीतेंगे । ऐ मेरी आत्मा, ऐ मेरे दिल तू कर अपने अनोखे मसीह की स्तुति छलकती है मेरे दिल से आसमानी प्रेम की नदी ।( हल्लेलुयाह )