Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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उसी समय एक लेवी पुरुष अम्राम की पत्नी योकेबेद को एक पुत्र उत्पन्न हुआ | वह एक सुंदर बालक था, और उसके माता - पिता ने परमेश्वर पर विश्वास करते हुए, उस बालक को तीन महीने तक अपने घर में छिपाकर रखा | जब वे उसे और छिपा न सके, तब उसकी माता ने सरकंडों की एक टोकरी लेकर उस पर चिकनी मिट्टी और राल लगाई कि उसमें पानी न भरे, और बालक को उसमें रखकर नील नदी के तीर पर काँसों के बीच छोड़ आई | उसकी बेटी मरियम दूर से बालक को देखती रही कि उसके साथ क्या होगा | तभी फिरौन की बेटी नहाने के लिए नदी के तीर पर आई | उसने वह टोकरी देखी और अपनी दासी को उसे ले आने के लिए भेजा | टोकरी खोलने पर उसने उसमें बालक को देखा | बच्चा रोने लगा तो उसे तरस आ गया | उसने कहा "यह तो किसी इब्री का बालक होगा"| परन्तु उसने उसे फेंक देना नहीं चाहा | मरियम ने तुरंत उसके पास आकर कहा, क्या मैं किसी इब्री स्त्री को लाऊं जो आपके लिए इस बालक को दूध पिलाए ?" फिरौन की बेटी ने अनुमति दी तो वह जाकर अपनी माता को बुला लाई | फिरौन की बेटी ने उससे कहा, "इस बालक को ले जाकर मेरे लिए दूध पिलाया कर, और मैं तुझे मजदूरी दूँगी | उसने उसका नाम मूसा रखा, क्योंकि उसे पानी में से निकाल गया था | कितने अद्भुत तरीके से परमेश्वर ने उसकी देखभाल की | उसकी माता को अपने ही बच्चे की देखभाल के लिए मजदूरी मिली | अपनी माता से ही उसे पता चला कि वह मिस्री नहीं इब्री है | उसने यह भी सीखा कि इस्राएल का परमेश्वर उसका परमेश्वर है, और इस्राएली लोग उसके भाई हैं | बाद में मूसा को फिरौन के महल में रहने के लिए ले जाया गया, जहां रहकर उसको उन सब बातों का प्रशिक्षण मिला, जो राजकुमारों को दिया जाता है | मूसा जब 40 वर्ष का हुआ, तब उसने अपने इब्री भाइयों की सहायता करने का निर्णय किया, क्योंकि वे दासत्व में दयनीय जीवन बिता रहे थे | एक दिन उसने एक मिस्री को देखा जो एक इब्री को मार रहा था | मूसा ने सोचा कि कोई देख नहीं रहा, इसलिए उसने मिस्री पुरुष की हत्या कर दी और उसे गाढ़ दिया | अगले दिन उसने दो इब्रियों को लड़ते देखा और उनको रोकने लगा | एक इब्री ने उससे कहा, "किस ने तुझे हम लोगों पर हाकिम ठहराया है ? क्या तुम मुझे मार देना चाहते हो, जैसे तुमने मिस्री को मार था?" यह सुनकर मूसा समझ गया कि उसका अपराध छिपा नहीं है, और बहुत डर गया| फिरौन ने भी यह बात सुनी और उसने मूसा को मार डालना चाहा | तब मूसा मरुभूमि से होकर भागा और मिद्यान देश में पहुँचा | वहाँ वह एक कुएँ के पास आकर बैठ गया | मिद्यान के याजक की सात बेटियाँ अपने पिता की भेड़-बकरियों को पानी पिलाने लाईं | जब चरवाहे आकर उनको हटाने लगे, तब मूसा ने खड़े होकर उनकी सहायता की और उनक्की भेड़-बकरियों को पानी पिलाया | उनके जल्दी घर पहुँचने पर उनके पिता ने आश्चर्य किया | उन्होंने अपने पिता से कहा, "एक मिस्री पुरुष ने हमें चरवाहों से छुड़ाया, और हमारे लिए बहुत जल भर के भेड़-बकरियों को पिलाया |" उनके पिता ने पूछा, "वह कहाँ है ? तुम उसको क्यों छोड़ आईं ? उसको बुला लाओ कि वह हमारे साथ भोजन करे |" मूसा आकर उसके साथ रहने को प्रसन्न हुआ | उसने मूसा का विवाह अपनी बड़ी बेटी सिप्पोरा के साथ कर दिया | मूसा अपने ससुर की भेड़-बकरियाँ चराने लगा | वहाँ वह चालीस वर्ष रहा और उसके दो पुत्र उत्पन्न हुए |
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