Class 1, Lesson 36: उड़ाऊ पुत्र

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Lesson Text

हम ने पिछले पाठ में खोई हुई भेड और उसके मिलने के विषय में सिखा। आज हम एक बेटे के विषय में दृष्टान्त देखेंगे जो पिता सें खोया हुआ था। एक धनी व्यक्ति के दो बेटे थे।छोटे ने अपने पिता से कहा, ” पिताजी मुझे अपनी सम्पति का हिस्सा अभी चाहिए। “ पिताजी ने बॅटवारा करके उसका हिस्सा उसे दे दिया। कुछ ही दिनों में छोटे बेटे ने अपना सब कुछ लेकर एक दुर देश को चला गया, और वहां मौज मस्ती में सारा धन उडा दिया। अन्त में वह कंगाल हो गया। इसलिए उसका नाम उडाऊ पुत्र कहा जाता है। उन्ही दिनों मे वहां आकाल पडा । भोजन मिलना कठिन था और सब कुछ महंगा हो गया था। उडाऊ पुत्र नहीं जानता था कि अब क्या करें आखिर वह किसी के पास काम करने लगा, और उसने उसे सुअरों को चराने भेजा। सुअरों को चराते हुए उसे इतनी भूख लगी कि वो सुअरों को दी गई फलियां भी खाने के लिए तैयार था। परन्तु किसी ने उसे वो भी खाने नहीं दिया। वह बैठकर सोचने लगा , मै कैसा मुर्ख हूं मेने अपनी सारी सम्पति उडा दी। मेरे दोस्तों ने मुझे छोड दिया है । अन्त में वह होश में आया। उसे याद आया कि उसके पिता के पास कितने मजदुर काम करते हैं और उन्हे पेट भर खाना भी मिलता है। उसने अपने आप से कहा, ”मै अपने पिता के पास जाकर उससे कहूँगा , पिताजी मैने स्वर्ग और तेरे विरुद्ध पाप किया है। मै अब तेरा बेटा कहलाने के योग्य नहीं हूं मुझे अपना दास बनाकर रखिए। “ वह अपने पिता के घर के मार्ग पर थका हुआ चलने लगा। उसके कपडे फटे हुए थे और वह भुख से कमजोर हो गया था। वहां उसका पिताजी जब से उसका बेटा घर छोडकर गया था अपने बेटे की चिन्ता में पडा हुआ था। वह अकसर रास्ते की और अपने बेटे के लौटने की आशा से देखता था।एक दिन जब वह रास्ते की ओर देख रहा था उसे कोई भीखरी फटे कपडे पहने हुए आता नजर आया। जैसे वह करीब आया पिताजी ने उसे पहचान लिया। वह उसका बेटा था। वह अपने बेटे के आने तक रुक न सका। वह बेटे की ओर दौड पडा और उसे गले लगाया। बेटा अपने पाप का अंगिकार करने लगा, परन्तु पिता ने उसे क्षमा कर दिया था। उसने अपने सेवको से कहा, ”बडा जेवनार करो, सब से अच्छा वस्त्र लाकर इसे पहनाओ, उसकी उंगली में अंगूठी और पैरो में जुतियां पहनाओ। ये मेरा बेटा मर गया था अब जीवित है, और मेरे पास लौट आया है। तो आओ हम आनन्द मनाएं।“ यह कहानी हमे सिखाती है कि परमेश्वर अपने सन्तानों से उस समय भी प्रेम करते है जब वे परमेश्वर को छोडकर चले जाते है। जब परमेश्वर के सन्तान परमेश्वर से मुहं फेर ले तो निश्चित है कि उनको कष्ट होगा। परन्तु जब वे मन फिराकर अपने पापों का अंगिकार करके लौट आते है परमेश्वर उन्हे क्षमा करता और स्वीकार करता है।

Excercies

Song

1. धनवान बाप का धनी बेटा, पैसे लेके चलता भागा गंदी दोस्ती और गंदी यारी, पैसा खत्म बना भिखारी कोरस : उड़ा दिया (2)सब कुछ वो उड़ा दिया यीशु को भी छोड़ दिया, उड़ा दिया (2) 2. पैसा खत्म तो दोस्ती खत्म, दोस्त बोले चल बाहर निकल खाना भी नहीं, पीना भी नहीं, सोने के लिए कोई जगह भी नहीं कोरस : उड़ा दिया (2)सब कुछ वो उड़ा दिया यीशु को भी छोड़ दिया, उड़ा दिया (2) 3. एक दिन लगा अरे गलती हुई, घर को चलू , पापा को sorry बोलू पापा ने उसे माफ़ किया , चूमा दिया और party किया कोरस : उड़ा दिया (2)सब कुछ वो उड़ा दिया यीशु को भी छोड़ दिया, उड़ा दिया (2) 4. बेटा मेरा अब वापस आया, गलती किया , अब सूधर गया यीशु को भी sorry बोला आँसू मेरे उड़ा दिया कोरस : उड़ा दिया (2)सब कुछ वो उड़ा दिया यीशु को भी छोड़ दिया, आँसू मेरे उड़ा दिया (2)