Class 1, Lesson 35: खोई हुई भेड़

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Lesson Text

प्रभु यीशु ने लोगों को दृष्टान्तों के द्वारा सिखाया। दृष्ष्टान्त एक कहानी होती है जिसके द्वारा सत्य को प्रगट किया जाता है। कुछ लोग इस बात पर कुडकुडा रहे थे कि यीशु पापी और चुंगी लेन वालों के साथ संगती रखता है। यीशु पापियों को बचाने आया था। पापी वे है जो परमेश्वर से दुर हो गए है। उन्हे फिर परमेश्वर के पास लाना जरुरी है। यह कार्य करने के लिए प्रभु यीशु पापियों के पास आए ताकि उनसे मित्रता करके उन्हे पाप से बचाए। इसे समझाने के लिए प्रभु ने उन्हे एक दृष्ष्टान्त सुनाया। एक व्यक्ति के पास सौ भेडें थी, जिस में से एक खो गई। उस चरवाहा ने क्या किया? उसने निनान्वे को जंगल में छोडकर उस खोई हुई भेड को ढूढं ने लगा। वह पहाडियों और वादियों में ढूढं ता रहा। उसने तब तक ढूढंना बन्द नहीं किया जब तक वह भेड उसे मिल न गई। आखिर उसे अपनी भेड एक उंची चट्टान के निचे मिली। जब उसने उसे पाया तो आनन्द के मारे अपने कांधो पर उठाकर उसे घर ले आया। घर पहुचं कर उसने अपने मित्रों और पडोसियों को बुलाकर कहा, मेरे साथ आनन्द मनाओ, मेरी खोई हुई भेड मुझे मिल गई है। जिस तरह चरवाहा खोई हुई भेड से प्रेम करता है, वैसे ही परमेश्वर उन से प्रमे करता है जो उस से दुर हो गए है। जैसे भेड के मिल जाने पर चरवाहा आनन्दित हुआ, परमेश्वर पश्चताप करनेवाले पापी के कारण मगन होता है।जिस तरह चरवाहे के मित्र और पडोसी उसके आनन्द में शामिल हुए उसी तरह स्वर्गदतू परमेश्वर के साथ आनन्द मनाते है। आह! वह प्रमे जिसने मुझे ढूढं , आह! वह लहू जिस से मै खरीदा गया, आह! वह अनुगह्र जिसने मुझे फिर झुण्ड में मिलाया, अद्धभुत अनुगह्र जिसने मुझे झुण्ड में मिलाया।

Excercies

Song

नन्हा मुन्हा भेड़ का बच्चा प्यारा -प्यारा भेड़ का बच्चा अच्छा गड़रिया यीशु के पीछे चलने वाला भेड़ का बच्चा मैं -मैं -मैं -मैं [2] भूख लगने पर खाना देगा प्यास लगने पर पानी देगा शेर चीता आने से ,खूंखार भेड़िया आने से डर नहीं है [2] अच्छा गड़रिया होने से मैं -मैं -मैं -मैं [2]