Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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हम पहले ही देख चुके है कि हजारो लोग प्रभु का पीछा किया करते थे। वे उसके द्वारा किए गए आश्चर्य कामों को देखते और उसके अनुगह्र के वचन सुनना चाहते थे। एक दिन वह अपने चेलों को गलील के नाव मे झील के पार बेतसैदा को ले गया। वे पहाड पर गए और वहां प्रभु यीशु ने बडी भीड को आते देखा तो उसे तरस आगया और वह उन्हे शिक्षा देने लगा। तब शाम हो चुकी थी। तब चेलों ने प्रभु से कहा कि लोगों को करीब के गावों मे भेज दे ताकि उन्हे कुछ खाने की वस्तुएं मिल जाए। प्रभु ने उनसे कहा, ”उन्हे जाने की अवश्यक्ता नहीं है, तुम उन्हे भोजन दो“ यह सुनकर फिलिप्पुस ने कहा, ”दो सौ दीनार की रोटी (आठ महिनों की मजदुरी) उनके लिए पूरी भी न होंगी , कि उनमे से हर एक को थोडी थोडी मिल जाए।“ तब प्रभु ने पूछा, ”तुम्हारे पास कितनी रोटियां है? जाकर देखो।“ अन्द्रियास ने कहा, यहां एक लडके के पास पांच जव की रोटी और दो मछलियां है। यीशु ने कहा, मेरे पास लाओ।उसने अपने चेलों से कहा कि लोगों को पचास पचास की पांती करके घास पर बिठाया जाए। तब प्रभु ने स्वर्ग की ओर देखकर रोटी और मछलियों को आशिषीत किया। यीशु ने रोटीं और मछलियों को तोडकर चेलों को दी कि लोगों को परोस।ें वहां स्त्रियां और बच्चों को छोड करीब पांच हजार पुरुष थे। वे सब खाकर तृप्त हुए। तब उसने अपने चेलों से कहा, ”बचे हुए टुकडे बटोर लो कि कुछ फेंके ना जाए । “ तब उन्हों ने बची हुई रोटियां उठाई जिस से बारह टोकरियां भर गई।परमेश्वर ने उनके पास जो थेडा था उसी का उपयोग किया। यदि हम अपना जो कुछ है प्रभु को दें तो वह उसे लेकर बढाएगा और उसे हमारी भलाई और हमे तृप्त करने और अपनी महिमा के लिए हमे लौटा देगा।
पांच थी रोटी, मछलियां दो खिलाया पांच हजारों को पंक्ति-पंक्ति में बैठे जो खाना परोसा लोगो को थी बाराह टोकरियां बच गई जो महिमा प्रभु की दिखाने को । छोटे झुंड, डरना नहीं वो प्रसन्न है तुम्हें, राज्य देने को बड़े बड़े काम करोगे जो खुद को उसके हाथ में सौंप दो तुम दुनिया के छोर तक, गवाह बनो महिमा प्रभु की फैलाने को।