Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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कुछ जवान एलिय्याह और एलीशा के शिष्य थे। वह लगभग आज के बाईबल स्कूल के समान थे। ये जवान अपने शिक्षक के साथ रहकर सिखा करते थे। एलीशा के एक शिष्य की अचानक मृत्यु हो गई। उसकी पत्नी और बेटों को गरीबी का सामना करना पड़ा। वह शिष्य किसी का कर्जदार था। कर्जा देनेवाला चाहता था कि कर्जा लेनेवाले के बेटे उसके गुलाम बन जाए। विधवा जिसने अपना पति खो दिया था अब अपने बेटों को खोना नहीं चाहती थी। उसने एलीशा को अपनी समस्या सुनाई । एलीशा ने उस से कहा, “मैं तेरे लिए क्या करुं, मुझे बता कि तेरे घर में क्या है?” विधवा ने कहा, “तेरे दासी के पास थोड़ा सा तेल छोड़कर और कुछ भी नहीं है। ” एलीशा ने कहा, “जाकर अपने पड़ोसियों से जितने खाली बर्तन ले सके ले ले, तब जाकर अपने बेटों के साथ घर में चले जाना और दरवाजा बन्द कर लेना। और सभी बर्तनों मे तेल डालना।” उसने जाकर भविष्यद्वक्ता के कहने के अनुसार किया। जब सारे बर्तन भर गए, उसने अपने बेटों से कहा “और बर्तन दो।” परन्तु उन्हो ने कहा, “और बर्तन नहीं है” तब तेल बहना थम गया। उसने जाकर जो हुआ था परमेश्वर के जन को बताया। तब एलीशा ने उससे कहा, “जाकर अपना कर्जा फेर दे, और जो बचे उस से तू और तेरे बेटे अपना निर्वाह करना। ” यह एक बड़ा चमत्कार था। हां परमेश्वर ने अपने सेवक के द्वारा कार्य किया था। उसने विधवा का थोड़ा लेकर उसे बढ़ाया। हमें अपना सब कुछ परमेश्वर को सौंप देना चाहिए। वह हमारी सब से बड़ी जरुरत की घड़ी में सहायता कर सकता है। ये आश्चर्यकर्म बन्द दरवाजे के पीछे हुआ था। ये प्रार्थना को दर्शाता है। उस विधवा ने पहले तो भविष्यद्वक्ता से बिनती की और उसकी बात मानी। उस स्त्री के समान हमें अपनी विनती को परमेश्वर के पास ले जाना चाहिए। वह हमारी प्रार्थनाओं को सुनता है।
कर्ज का बोझ गुलामी लाया एलीशा को सारा हाल सुनाया तब जानी एक बात ,धर्मी की सन्तान मांगते नहीं करते है राज । भरती गई विधवा मुहल्ले के बर्तन कुप्पी गई जैसे तेल का कुआ बन करते तब धन्यवाद ,धर्मी की सन्तान मांगते नहीं ,करते है राज