Audio | Prayer | Song | Instrumental |
---|---|---|---|
आज हम देखने जा रहे हैं कि एक युवक ने शूरवीर को कैसे मार गिराया। जब शाउल इस्राएल का राजा था, इस्राएलियों और पलिश्तियों के बीच युद्ध हो रहा था। पलिश्तियों की सेना में गोलियत नाम का एक शूरवीर था। वह पूरी रीति से हथिआरबंद था। इस्राएल की सारी प्रजा उस से बहुत डरती थी। गोलियत ने कहा! “मुझ से लड़ने के लिए किसी को भेजो। यदि वह मुझे हराए तो हम तुम्हारे गुलाम होंगे परन्तु यदि मै उसे मार डालूं तो तुम हमारे गुलाम होगे। ” उसकी बातें सुनकर शाउल और सारे इस्राएली भयभीत हो गए। उस शूरवीर के साथ लड़ने के लिए कोई तैयार नहीं था। दाउद नामक एक युवक था जो यिशै का छोटा बेटा था। उसके सात भाई थे। उन में से तीन शाउल की सेना में थे। दाउद अपने पिता की भेड़ों को चराया करता था। वे बेतलहम में रहते थे। एक दिन उनके पिता ने दाउद को सेना में कार्य कर रहे भाइयों के पास भोजन वस्तुओं के साथ भेजा। जब वह युद्ध के स्थान में पहुंचा तो उसने उस शूरवीर को ये कहते सुना, “मेरे साथ लड़ने के लिए किसी को क्यों नहीं भेजते? ” दाउद को इस बात से आश्चर्य हुआ, उसने सैनिकों से पूछा, “सेनाओं के यहोवा की सेना को चुनौती देनेवाला ये पलिश्ती कौन है? इसको मारकर इस्राएल की नामधराई हटानेवाले के लिए क्या किया जाएगा?” राजा शाउल ने यह सुनकर दाउद को अपने पास बुलवाया। दाउद ने शाउल से कहा, “चिन्ता मत कीजिए, मैं इस पलिश्ती के साथ जाकर लड़ूँगा। जब मैं अपने पिता की भेड़ बकरियों को चराता था एक सिंह ने आकर झुण्ड से एक मेम्ने को उठा ले गया, लेकिन मैने उसके पीछे जाकर उसे मार डाला। इसी तरह मैने एक भालू के साथ भी किया। जिस परमेश्वर ने मुझे सिंह और भालू से बचाया वह मुझे इस शूरवीर से भी बचाएगा।” शाउल को लगा कि वह इस लड़ाई के लिए छोटा है, परन्तु दाउद को पूरा भरोसा था कि परमेश्वर उसकी सहायता करेगा। तब शाउल ने उसे गोलियत से लड़ने के लिए भेजा। दाउद के पास हमेशा एक छड़ी और गोफन रहता था। वह झरने के पास गया और चिकने पत्थरों को अपने झोले में डाला। तब वह गोलियत से लड़ने दोड़ा। इस युवक को अपने ओर आते देखकर गोलियत क्रोधित हुआ। उसने कहा, “क्या मैं कुत्ता हूँ कि तू लाठी ले कर मेरे पास आता है? आ मै तुझे मारकर तेरा मांस जानवरों को खाने दूँगा।” परन्तु दाउद ने उसे कहा, “तू तलवार और भाला लेकर आया है, परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से आया हूँ। परमेश्वर तुझे अपनी सेना पर विजय पाने नहीं देगा। मै तेरा सिर काटूँगा और हर कोई जानेगा कि इस्राएल का परमेश्वर जीवित परमेश्वर है।” तब दाउद ने अपने झोले में हाथ डाला और एक पत्थर निकालकर गोफन में डाला और उसे गोलियत के माथे पर मारा। गोलियत अपने मुँह के बल गिर गया। दाउद ने उसी की तलवार लेकर उसका सिर काट डाला। जब पलिश्तियों ने देखा कि हमारा अगुवा मर गया है वे भागने लगे। इस्राएल की सेना ने उनका पीछा करके उन में से बहुतों को मार गिराया। शाउल और उसकी प्रजा आनन्दित थे। स्त्रियां नगरों में दाउद की प्रशंसा के गीत गा रही थी । हम देखते है कि जब हम अपना पूरा विश्वास परमेश्वर पर रखते है वह हमें गोलियत के समान हमसे बलवन्त शत्रुओं पर भी विजय दे सकता है। परमेश्वर पर हमारा विश्वास देखकर दूसरों को भी भरोसा हो जाता है।
दाऊद ने गोलियत को गोफन से है मारा कैसे मारा ? घुमा -घुमा के मारा । एक से नहीं ,दो से नहीं तीन से नहीं ,चार से नहीं पाँच पत्थर नाली से लेकर एक पत्थर से है मारा । शक्ति से नहीं ,बुद्धि से नहीं धीर से ,ज्ञान से नहीं जीवित यीशु के नाम से उसने शैतान को हराया। 3 आज हम भी, दाऊद के समान बुराई और शैतान को विजयी यीशु पर विश्वास करके जरूर हराएंगे।