Class 1, Lesson 11: बंदीगृह में यूसुफ

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Lesson Text

यूसुफ को गुलाम बनाकर मिस्र को ले जाया गया। आप जानते हें कि किस ने उसे मिस्र में खरीदा? पोतीपर ने। वह कौन था? वह एक सैनिक था। आज हम देखेंगे कि पोतीपर के घर में क्या हुआ? आप को याद रखना चाहिए कि यूसुफ की आयु सिर्फ सतरह वर्ष की थी। वह एक धनी पिता का और सुख से जीवन बितानेवाला युवक था। परन्तु अब वह परदेश मे एक गुलाम था। गुलामी की अवस्था में उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी, परन्तु वह शिकायत नहीं करता था। उसने अपने मालिक के घर में विश्वासयोग्यता से काम किया और भक्ति का जीवन व्यतीत किया। पोतीपर ने जाना कि परमेश्वर यूसुफ के साथ है। वह यूसुफ को इतना चाहता था कि उसे अपने घर का प्रधान ठहराया। परमेश्वर ने उस मिस्री को यूसुफ के कारण आशिशित किया। पोतीपर की पत्नी अच्छी स्त्री नहीं थी, उसने कोशिश की कि यूसुफ से गलती करवाए ताकि यूसुफ अपने मालिक को धोखा दे। दूसरों की तरह परमेश्वर की सन्तानों पर भी पाप करने की परीक्षा आ सकती है। इन परीस्थितियों मे हमे परमेश्वर की ओर देखकर पाप से दूर रहना चाहिए। यूसुफ ने ऐसा ही किया। जब यूसुफ ने उसकी बात नहीं मानी तो क्रोधित होकर पोतीपर की पत्नी ने अपने पति से यूसुफ के बारे मे गलत शिकायत की। पोतीपर ने अपनी पत्नी की बात मानकर यूसुफ को बन्दीगृह में डलवा दिया। यूसुफ बन्दीगृह में था वहां भी परमेश्वर उसके साथ था। हम किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो परमेश्वर हमे कभी नहीं छोड़ेंगे। वह हमेशा हमारी अगुवाई और सहायता करने के लिए हमारे साथ रहता है। बन्दीगृह का हाकिम यूसुफ को इतना चाहता था कि उसने यूसुफ को सारे कैदियों पर हाकिम ठहराया। एक दिन मिस्र का राजा फिरौन अपने दो कर्मचारियों से क्रोधित हुआ, उन में से एक मुख्य पकानेहारा था और दूसरा पिलानेहारा था। वे भी उसी जगह लाए गए जहां यूसुफ था। एक सुबह यूसुफ ने देखा कि वे दोनों बहुत उदास और दुखी है। उसने उनसे इसकी वजह पूछी। उन्होंने उस से कहा की दोनों ने विचित्र सपने देखे थे और उनका अर्थ समझानेवाला कोई नहीं है । यूसुफ ने उनसे कहा, सपनों को समझाना परमेश्वर का काम है। मुझे अपने सपने सुनाओ। पिलानेहारा ने कहा “मेरे सपने में मैने देखा कि एक दाखलता है, और उसकी तीन डालियां है और उसके दाख के गुच्छे पक्क गए, और मैंने उन्हें फिरौन के कटोरे में निचोड़ा जो मेरे हाथ में था और कटोरे को फिरौन को दिया।” यूसुफ ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि “तीन डालियां तीन दिन है। तीन दिनों में फिरौन तुम्हें बन्दीगृह से निकालकर तुम्हें फिर अपने पद पर रखेगा और तुम पहले के समान फिरौन के पिलानेहारे ठहरोगे।” परन्तु जब तुम्हारे साथ सब ठीक हो जाए मुझे याद करके कृपा करना, मेरी चर्चा फिरौन से करके मुझे यहां से बाहर निकालना। तब प्रधान पकानेहारा ने अपना सपना सुनाया। उसने कहा! “मेरे सिर पर तीन टोकरियां थी, और ऊपर की टोकरी में फिरौन के लिए हर प्रकार की पकी पकाई वस्तुएं थी। पक्षियों ने आकर मेरे सिर पर की टोकरी में से खाया।” यूसुफ ने कहा! “तीन टोकरियां तीन दिन है, तीन दिनों मे फिरौने तुम्हें बन्दीगृह से निकालकर फांसी पर चढ़ाएगा और पक्षी तेरा मांस खाएंगे”। उन दोनों के साथ वैसा ही हुआ जैसे यूसुफ ने कहा था। परन्तु जब प्रधान पीलानेहारा अपने पद पर लौटा तो यूसुफ को भुल गया। मनुष्य हमे भूल सकते है, परन्तु परमेश्वर हमें कभी नहीं भूलेगा।

Excercies

Song

(Tune :Malyalam ദാവൂദ് എന്നൊരു ബാലൻ അന്ന് യുദ്ധത്തിന്നു പോയ് } यूसुफ नामक बालक अपने भाइयों को मिलने गया भाइयों ने जलन के कारण उसको बेच दिया पिता का सहारा, यूसुफ प्यारा धोखा मिल गया भाइयों ने आकर पिता से बोला यूसुफ बिछड़ गया हाय रे ! हाय रे ! कितना बड़ा दुख उसका पिता रो रोकर बेहाल हो गया। वफादार होकर मिस्र में उसने काम किया पोतीपर की पत्नी ने धोखे से जेल में डाल दिया जिन जिन से भलाई की वो सारे भूल गए परमेश्वर की लेकिन देखो कैसी अजब थी योजना आहा ! ओहो ! कैसा चमत्कार हुआ ठीक समय पर यूसुफ प्रधानमंत्री बन गया। Why Lord Why, What is my mistake Where did i went wrong How can i get rid of this? The confusing questions of life Dwsire and earth shaking termoil of faith oh, the life example of joseph in the prison not knowing that the master is caring out of the best Give me the wisdom, to say thanks even if it hearts, and shake me from the care Give me understanding oh lord to say am as the master is caring, out the best.