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पुराना नियम और नया नियम इस विषय में हम सिखेगें कि नये नियम के विश्वासी को पुराने नियम और नये नियम को किस तरह से अपने जीवन में लागू करना चाहिए। (युहन्ना 1:17 ) के अनुसार, "इसीलिए कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई परन्तु अनुग्रह और सच्चाई प्रभु यीशु के द्वारा पंहुची।" अब्राहम को दिये गये वायदे के अनुसार परमेश्वर ने इस्राएल के लोगो को पालन करने के लिए दस आज्ञाएं और बहुत सारे अनष्ठान, बलिया, पर्व, आराधना के तरीके एवं याजको के समाज को दिया था। पुराने नियम के भक्तों ने पूरी ईमानदारी के साथ इन नियमों का पालन किया। फिर भी वे परमेश्वर के दर्जे से कम पायें गए। "विश्वास ही के द्वारा इन सब के विषय में अच्छी गवाही दी गई, तौभी उन्हें प्रतिज्ञा की हुई वस्तु ना मिली। क्योंकि परमेश्वर ने हमारे लिए पहले से एक उत्तम बात ठहराई, कि वे हमारे बिना सिद्धता को ना पंहुचे"। ( इब्रानियों 11:39-40 ) प्रभु यीशु मसीह की बलि के द्वारा नये नियम के विश्वासियों को मिला हुआ सौभाग्य एवं अनुग्रह, पुराने नियम की तुलना में कहीं अधिक है। युहन्ना बपतिस्मा देनेवाला पुराने नियम का आखिरी नबी था। उसने प्रभु यीशु मसीह का परिचय देते हुए यह कहा; ‘‘देखो यह परमेश्वर का मेंम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है।’’ (युहन्ना 1:29 ) (मत्ती 9:14-17 ) जब यीशु मसीह से यह सवाल पूछा गया कि, "क्या कारण है कि हम और फरीसी इतना उपवास रखतें है पर तेरे चेले उपवास नहीं करते है?" तब प्रभु यीशु मसीह ने नये नियम और पुराने नियम के बारें में दो मिसाल बताईः- 1 नये कपड़े का पैबन्द पुराने वस्त्र पर कोई नहीं लगाता, क्योंकि वह पैबन्द उस वस्त्र से कुछ और खींच लेता है और वह अधिक फट जाता है। 2 लोग नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरते, क्योंकि ऐसा करने से मशकें फट जाती हैं और दाखरस बह जाता है तथा मशकें नष्ट हो जाती हैं; परन्तु नया दाखरस नयी मशकों में भरतें है और वे दोनो बचे रहते है। यानि प्रभु यीशु मसीह ने बताया कि पुराना नियम उसकी पृष्ठभूमि में बहुत अच्छा है लेकिन नया नियम हमारे लिए उससे कही अधिक बेहतर हैं। इसीलिए जब नए नियम के विश्वासी पुराने नियम के अनष्ठानों को पालन करने की कोशिश करते है तब वें चूक जाते है। इसलिए पुराने नियम का एक शास्त्री उस गृहस्थ के समान हैं जो अपने खजाने से नए और पुराने मोती निकालकर देता है। धन्य है तू प्रभु जिसने हमें पुराने नियम के अनुष्ठानों के भारी बोझ से आजाद किया और इतना बड़ा उद्धार अनुग्रह ही के द्वारा हमें प्रदान किया। तो आओं हम पुराने नियम और नए नियम में कुछ अंतर देखें:- पुराना नियम नया नियम 1 पुराने नियम में सिर्फ लेवी गोत्र के लोग ही याजक होते थे और उन्हें विशेष ढंग के कपड़े पहनने पड़ते थे। 1 नये नियम में हम सभी प्रभु यीशु मसीह के द्वारा याजक है और साधारण पोशाक में ही परमेश्वर को आराधना चढ़ा सकते है (1पतरस 2: 9)। 2 पुराने नियम में रोजा रखना जैसे कठिन अनुष्ठान थे। 2 प्रभु यीशु मसीह ने हमारी पीड़ाओं को आप उठा लिया अब हम पर कोई भारी बोझ नहीं है। (1 युहन्ना 5: 2,3)। 3 पुराने नियम में ग्यारह गोत्रों के लोग लेवी गोत्र को दश्मांस देते थे। 3 संपत्ति का दशमांस का जिक्र नही परंतु शरीर को पवित्र होकर अर्पण करना बताया है। (रोमियों 12: 1,2)। 4 पुराने नियम में परमेश्वर मंदिर में वास करते थे। 4 नये नियम के अनुसार हमारी देह परमेश्वर का मंदिर है। (1 कुरिन्थियों 6:19)
आओ करें साष्टांग प्रणाम आत्मा और सच्चाई से प्रभु यीशु को आओ करें साष्टांग प्रणाम। 1 मूसा से वह श्रेष्ठ है अनुग्रह उससे मिलता है, झूठी उपासना से घिन है भजो प्रेम से भक्तों उसे। 2 हारून से वह श्रेष्ठ है वह स्वर्गीय याजक हमारा है, पूर्ण पवित्रता वह है भजो सीधे मन से उसे। 3 मन्दिर से वह श्रेष्ठ है मन्दिर में उसकी महिमा है, मन्दिर हमको बनाया हैं भजो पवित्रता से उसे। 4 योना से वह श्रेष्ठ है पापी का ढूंढने वाला है, पापों को उसने उठाया है भजो पूरे दिल से उसे। 5 सुलेमान से वह श्रेष्ठ है सर्वज्ञान की परिपूर्णता है, अन्दर वास वह करता है भजो खराई से उसे।