Audio | Prayer | Song | Instrumental |
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प्रभु भोज बपतिस्मा पाने के बाद, एक व्यक्ति के लिए नये नियम के अनुसार केवल एक ही अनुष्ठान हैः- वह है प्रभु भोज। यह प्रभु यीशु मसीह की अपनी सलीब की मौत को सहने से पहले चेलों को दी हुई महान आज्ञा है। मत्ती,मरकूस और लूका रचित सुसमाचार में इसका विवरण है। बाद में ( 1कुरिन्थियों:11: 23-28 तक ) यह बात पवित्र आत्मा ने स्पष्ट रूप में फिर पौलूस को बताई। ऐसा बाईबल में पाया जाता है, कि चेले इस अनुष्ठान को रोज करते थे, लेकिन बाद में इसे हफतें में एक बार मनाने लगे। ( प्रेरित:20:7 ), ( 1कुरिन्थियों:16:1 ) । "जिस तरह गेंहू को रोटी बनाने के लिए पीसा जाता और आग में तपाया जाता है, वैसे ही प्रभु यीशु ने हमारे लिए दुख सहा। जैसे सुंदर और कोमल अंगूर को निचोड़ के उसका रस निकाला जाता है वैसे ही प्रभु यीशु मसीह का पवित्र लोहू हमारे लिए बहाया गया।" प्रभु भोज के विषय में कुछ खास बातें यह यीशु मसीह की महान आज्ञा है। (1कुरिन्थियों:11:24-25) मेरे स्मरण के लिए यही किया करो। चेलों ने भी इन आज्ञाओं का बहुत लगन के साथ पालन किया था। हम भी इस रीति से प्रभु भोज का पालन करने से प्रभु की मृत्यु का प्रचार करते है। (1कुरिन्थियों:11:26) अपने आप को जांचकर इसमें से भाग लेना बहुत जरूरी है। अनुचित रीति से भाग लेने से हमें आशिष की जगह सजा मिल सकती है। प्रभु भोज के द्वारा परमेश्वर की मनसाः- अनदेखे परमेश्वर की उपस्थिति महसूस कराने के लिए प्रभु भोज सहायक है। प्रभु यीशु ने अपना जन्म मनाने के लिए कभी नही कहा लेकिन उसकी मौत को मनाने की आज्ञा स्पष्ट रीति में दी है। 3 रोटी और कटोरा भोज्य वस्तुए है। इस्तेमाल करके खत्म होने की वजह से इन चीजों को पूजने की संभावना को प्रभु ने मिटा दिया है। यानि रोटी और कटोरे को इस्तेमाल करके हम प्रभु की मृत्यु को जब तक वह ना आए, प्रचार करते है। प्रभु ने बिना भेद भाव के एक ही कटोरे और एक ही रोटी में से भाग लेने के लिए कहा। प्रभु यीशु की मृत्यु और जी उठने को याद करने से हममें पाप करने की प्रेरणा हट जाती है और आगे को पवित्र जीवन जीने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। हर घर में बननेवाली साधारण रोटी और दाखरस के द्वारा महान परमेश्वर को याद करने के लिए कहकर प्रभु यीशु ने हमारे ऊपर बहुत ही हल्का बोझ रखा है। प्रभु भोज में भाग लेना परमेश्वर से प्रेम करने का बाहरी प्रकटीकरण है। प्रभु भोज में भाग लेकर परमेश्वर की आराधना करना शैतान के ऊपर फतह पाना है। एक थाली और एक कटोरे में से पीने को कहकर प्रभु ने कलिसिया को एक रूहानी परिवार में जोड़ दिया है। प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु और जी उठने के द्वारा उसने शैतान को हराया, हमारी मौत के ऊपर विजय पाई, और पाप के ऊपर भी विजय पाई। आईये इस कायनात के एकमात्र मृत्युंजय पुरूष को जी भरके प्यार करे और धन्यवाद अर्पण करके प्रणाम करे। और वे ऊंचे शब्द से कहते थे, "वध किया हुआ मेंम्ना ही सामर्थ और धन और ज्ञान और आदर और महिमा और धन्यवाद के योग्य है।"(प्रकाश्तिवाक्य:5:12)
तोड़ा गया-2 मेरे लई मसीह दा पाक बदन, फरमाया-2 सूली चढ़न तो पहलां एह हुकम, मेरे बदन नू मेरे लहू नू ऐना निशाना दे नाल चेते करो दुबारा ना मैं जद तीकर आवा मेरी मौत दा प्रचार करदे रवो। 1 ईको रोटी विचो होना, पहला तुसी सारे शामिल, है मिसाल उस पाक बदन दी, खुदा लई सी जो कामिल, कनक दे दाने वांगर, अपनेया ने ही तेनू पिसया, बाप ने गुस्से दी आग विच छडया, जीवन दी रोटी बनके ओह केंदा। 2 सानू दिता प्रेम पियाला, जो पाक लहू दा निशान, आप ओ सह गया क्रोध पियाला, जो पाप तो सी अन्जान, अंगूरा वांगर कोमल बदन नू, बेरहमी दे नाल सी कुचलेया तेनू, पियाला भरके नवे नेम दा, प्रभु ने मैनू ऐह हुकम दिता। 3 जांच परख के मान गुणाह नू, न बनेयो तुसी अपराधी, सबना दे लहू तो वधके जो उत्तम, ओस लहू विच ही माफी, मेल भरा नाल हो पहला जरूर, फिर रूह सच्चाई नाल ओहदे हजूर, ऐही अराधना चढ़ांदा हा मनके, हुकूम फरमाया सी मेरे लई जो तू।