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प्रभु यीशु मसीह मानव इतिहास को ईसा पूर्व और ईसवीं करके दो अलग-अलग भागों में बांटने वाला शक्स है प्रभु यीशु मसीह। नेपोलियन बादशाह ने एक बार इस प्रकार कहा था कि मैंने, सिकन्दर और कैसर ने अपने भुजबल से ही मुल्कों पर कब्जा किया है। वे सब तो थोड़े समय के लिए ही थे, लेकिन प्रभु यीशु मसीह ने प्यार के द्वारा जो साम्राज्य खड़ा किया, वो कभी नहीं मिट सकता। जेम्स इरविन (जो चांद में अपोलो- 13 के द्वारा जाकर सफलता के साथ वापस आया) ने कहा कि मेरा चांद पर वाहन चलाना कोई बड़ी बात नहीं है, परन्तु दुनिया के सृष्टिकर्ता के लिए मनुष्य बनकर धरती पर चलना सच में एक महान घटना है। प्रभु यीशु मसीह को इस दुनिया में आने की जरूरत जब आदम ने पाप किया तो सभी मनष्य पापी बन गये। पाप का स्वभाव जो मनुष्य में है वह अच्छे या धार्मिक कामों से नहीं मिट सकता। पूरी मनष्य जाति पाप के कारण उसकी सजा यानि नरक की ओर जा रही थीं। जब मुक्ति के लिए मनष्य की कोशिशें कामियाब नहीं हुई तो पिता परमेश्वर ने महान अनुग्रह से एक रास्ता तैयार किया, जिससे पूरी मनुष्य जाति परिपूर्ण सिद्धता से पवित्र होकर परमेश्वर के तुल्य हो सकती है। वह एकमात्र राह जिससे हम स्वर्ग पहुंच सकते है केवल प्रभु यीशु मसीह ही है। प्रभु यीशु मसीह का जन्म 2015 साल पहले यरूशलेम के एक छोटे से कस्बे बैतलेहम में प्रभु यीशु मसीह जन्मा। हर इन्सान पापी है और पापी की सन्तान भी पापी है। लेकिन प्रभु यीशु मसीह ने रूहानी रीति में कुंवारी से निष्पाप जन्म लिया। प्रभु यीशु मसीह ही केवल वह शक्स है जो पापियों को बचाने की शक्ति रखता है। प्रभु यीशु मसीह का जीवन यह एक अद्भुत बात है कि प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर होकर भी अपने आपको छोटा करके इस धरती पर आये। उसने दीन होकर बढ़ई के घर में जन्म लिया। ( इब्रानियों 2: 10 ) के अनुसार प्रभु यीशु मसीह ने अनेको दुख झेलकर भी पवित्र जीवन बिताया। प्रभु यीशु मसीह बिना पाप के जन्मे और वह पाप को जानते ही नहीं थे। ( 2 कुरिन्थियों 5: 21) उसमें कोई पाप नहीं था। (1 युहन्ना 3: 5) उसने कोई पाप नहीं किया। (1 पतरस 2: 22-24) इस धरती पर रहते हुए प्रभु यीशु मसीह ने अनेको चमत्कार किये। साढ़े तीन साल तक उसने इस्राएल के शहरों, कस्बों व गलियों में सेवा की। कोई भी प्रकार की बिमारी क्यों ना हो प्रभु यीशु मसीह उन्हें चंगा करता था। दुष्ट आत्मा से ग्रस्त जन बन्धनों से आजाद हुए। यहां तक कि मर कर चार दिन हुए लाजर को जिन्दा करके प्रभु यीशु ने यह स्थापित किया कि पुनरूथान और जीवन वह ही है। कुदरती ताकतों ने भी प्रभु का कहना माना है। प्रभु यीशु मसीह के उपदेश प्रभु यीशु मसीह के जैसी बातें कभी किसी ने नहीं की, क्योंकि जो कुछ उस ने अपने जीवन में करके दिखाया है वही उसने प्रचार किया। ( युहन्ना:1: 18) में बाईबल कहती है कि परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा। प्रभु यीशु मसीह जो परमेश्वर का पुत्र है, उसने परमेश्वर की खूबियों को प्रकट किया। प्रभु यीशु मसीह के उपदेशों में यह बातें मुख्य हैः- अपने आप को त्याग कर दुश्मनों को भी प्यार करने वाला ईश्वरीय प्रेम। यीशु मसीह के लोहू में मिलने वाली मुफत पापों की माफी। दिखावे के बिना मन की सच्चाई से प्रसन्न होनेवाला ईश्वरीय स्वभाव। बलिदान से बढ़कर करूणा चाहनेवाला। जब यीशु मसीह से पूछा गया कि सबसे बड़ी आज्ञा कौन सी है तो प्रभु यीशु मसीह ने बताया कि "तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन, सारे प्राण, सारी बुद्धि और सारी शक्ति के साथ प्रेम रख।"( मरकूसः 12:30) प्रभु यीशु मसीह की सलीबी मौत प्रभु यीशु मसीह को देखकर युहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने कहा कि "देखो ये परमेश्वर का मेंम्ना है जो जगत का पाप उठा ले जाता है।" हां यह एक महान सच्चाई है कि प्रभु यीशु मसीह पापों की माफी के लिए बलिदान होने को जगत में आये ( युहन्नाः 1: 29)। सूली की मौत बड़े कुकर्मियों को दी जाती थी। यीशु मसीह हमें हमारे सारे पापों से मुक्ति देने के लिए सूली पर बली हुए। प्रभु यीशु की सलीबी मौत के अलावा पापों की माफी के लिए कोई और रास्ता नहीं था। यहूदी धर्म गुरूओं ने प्रभु यीशु मसीह को नहीं पहचाना। उन्होंने राजनीतिक दबाव डालकर रोमी सरकार के द्वारा प्रभु यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया। सलीबी मौत के बीच में प्रभु यीशु मसीह ने अपने दुश्मनों के लिए प्रार्थना की। भले यहूदी नेताओं ने षड़यंत्र रच कर प्रभु यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया हो (जैसे कि दिखता भी है) लेकिन सच्चाई यह है कि प्रभु यीशु मसीह ने खुद ऐसी मौत को ले लिया। ( यशायाह:53: 5) बताता है कि इन्सान के छुटकारे के लिए जिस सजा की जरूरत थी वो पिता परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह पर डाल दी। प्रभु यीशु मसीह का मृतकों में से जी उठना और दोबारा आगमन प्रभु यीशु मसीह को सूली पर मारने के बाद पत्थर में बनाई हुई एक कब्र में रखा गया। उस कब्र के चारों ओर पहरा लगाया गया। लेकिन फिर भी प्रभु यीशु मसीह तीसरे दिन जी उठे। उसका मृतको में से जी उठना इस बलि की सिद्धता को दिखाता हैं। प्रभु यीशु मसीह ने दुख उठाने के बाद बहुत से पक्के प्रमाणों से अपने आप को जीवित दिखाया। चालीस दिन तक वह धरती पर रहा और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा। अंत में वह चेलो के देखते ही स्वर्ग पर उठा लिया गया। जब वे आकाश की ओर ताक रहे थे तो दो पुरूष श्वेत वस्त्र पहने आकर उनसे कहने लगे कि जिस रीति से तुमने उसे स्वर्ग को जाते देखा है उसी रीति से वह फिर आएगा। यीशु मसीह ने जी उठने के द्वारा यह स्थापित किया कि वह निष्पाप है, और वह ही परमेश्वर है, तथा उस पर विश्वास करने वाला मौत को हरा भी सकता है। पुराने नियम में परमेश्वर ने मुसा को अपना नाम यह कह कर परिचित कराया था कि ‘मैं जो हू सो हूं।’ लेकिन नये नियम में प्रभु यीशु मसीह ने इन सात दावों के द्वारा यह व्यक्त किया कि वह ही परमेश्वर है। सचमुच में वह परमेश्वर था "जीवन की रोटी मैं हूं, जो कोई मेरे पास आएगा वह कभी भूखा ना होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा वह कभी प्यासा ना होगा।"(युहन्ना 6:35) "जगत की ज्योति मैं हूं, जो मेरे पीछे हो लेगा वह अंधकार में ना चलेगा परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।" (युहन्ना 8: 12) "द्वार मैं हूं, यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा।" ( युहन्ना 10: 9) "अच्छा चरवाहा मैं हूं, अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिए अपना प्राण देता है।" ( युहन्ना 10: 11) "पुनरूत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करे वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा।" ( युहन्ना 11: 25) "मार्ग, सत्य और जीवन मैं ही हूं, बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।" ( युहन्ना 14: 6) "सच्ची दाखलता मैं हूं, तुम डालिया हो, जो मुझमें बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है" ( युहन्ना 15:1,5)
सुन लो मेरे भाईयो मसीहा मेरा दुनिया में आया। दुनिया में आया, मुक्ति को लाया, पापी के प्राण बचाया, बचाने यीशु दुनिया में आया। 1 अन्धों को आँखें, गुंगों को बोली, बहिरों को शब्द सुनाया, सुनाने यीशु दुनिया में आया। 2 हम जब गुनाह में पडे़ हुए थे, अद्भुत प्रेम दिखाया, दिखाने यीशु दुनिया में आया। 3 जो कोई उस पर विश्वास लाया, उसको मसीह ने बचाया, बचाने यीशु दुनिया में आया।